आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट पर मतभेद नहीं
१२ सितम्बर २०१०तिरुअनंतपुरम में संवाददाताओं सें बातचीत में एके एंटनी ने कहा, "आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट के मामले में मंत्रियों के बीच गंभीर मतभेद नहीं है, सरकार में जब हम किसी बात पर चर्चा करते हैं तो लोगों के अलग अलग विचार सामने आते हैं. लेकिन आखिर में सरकार का फैसला सबको स्वीकार होता है." इससे पहले ऐसी खबरें थीं कि आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट के मामले में गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय की राय अलग है.
रक्षा मंत्री का ये बयान इसलिए अहम है क्योंकि सरकार कश्मीर में विरोध प्रदर्शनों को ठंडा करने के लिए आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट यानी एफएसपीए को कुछ दिनों तक निलंबित करने की सोच रही है. इस मुद्दे पर सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी जल्दी ही बैठक करने वाली है. रक्षा मंत्री ने मतभेद की बातों को "काल्पनिक" करार दिया. एंटनी ने कहा, "कश्मीर में हो रही लगातार हिंसा से सब चिंतित हैं. कैबिनेट कमेटी की बैठक में इस पर गंभीरता से विचार होगा."
ऐसी खबरें हैं कि रक्षा मंत्री एफएसपीए को हटाने या सुरक्षा बलों के अधिकारों में कटौती करने के विरोध में हैं. जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने केंद्र सरकार से कश्मीरी लोगों का गुस्सा कम करने के लिए कुछ दिनों तक एफएसपीए को निलंबित करने की मांग रखी है. उमर चाहते हैं कि प्रदेश में राजनीतिक गतिविधियों को बढ़ाया जाए.
उधर बीजेपी ने एएफएसपीए में किसी तरह की कटौती के खिलाफ सरकार को चेतावनी दी है. बीजेपी ने कहा है कि इस तरह का कोई भी कदम घाटी में तैनात सुरक्षाबलों के मनोबल को कमजोर कर देगा.
बीजेपी प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा, "बीजेपी केंद्र सरकार को चेतावनी देना चाहती है कि एएफएसपीए को कमजोर करने की किसी भी कोशिश को मंजूर नहीं किया जाएगा. राजनीतिक दबाव के आगे झुक कर देश की सुरक्षा में जुटे सैनिकों का मनोबल गिराने की कोशिश नहीं होनी चाहिए." बीजेपी प्रवक्ता ने कहा वोट बैंक की खातिर राजनीतिक समीक्षा की बजाय सरकार को सुरक्षाबलों की रिपोर्ट पर ध्यान देना चाहिए.
सोमवार को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट कमेटी की बैठक होगी जिसमें कश्मीर के हालात और उसे दुरुस्त करने के उपायों पर चर्चा की जाएगी.
रिपोर्टः एजेंसिया/ एन रंजन
संपादनः ए जमाल