जर्मनी में तेजी से बढ़ रही हैं धुर दक्षिणपंथियों की रैलियां
१६ अगस्त २०२३बुधवार को जर्मनी के गृह मंत्रालय ने आंकड़े जारी किए हैं जिससे पता चलता है कि पिछले साल के मुकाबले 2023 में जर्मनी के धुर दक्षिणपंथियों की रैलियां बहुत ज्यादा बढ़ी हैं. अधिकारियों का कहना है कि नव-नाजियों या दूसरे धुर दक्षिणपंथियों ने जनवरी से जून 2023 के बीच 110 मार्च किए. जबकि साल 2022 में इन्हीं महीनों के दौरान यह संख्या 75 थी.
यह जानकारी सांसद पीट्रा पाओ की गुजारिश पर मुहैया करवाई गई है. यह सूचना बाहर आने के बाद पाओ ने कहा, यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम रिफ्यूजियों के खिलाफ बेहद शत्रुता वाली भावनाओं को रोकें जो 1990 के दशक या 2015 वाले स्तर पर है. पाओ का इशारा उन बरसों की तरफ था जब धुर दक्षिणपंथियों की गतिविधियां चरम पर पहुंची हुई थीं.
नव-नाजी हैं सबसे आगे
धुर दक्षिणपंथियों की ज्यादातर रैलियों का मकसद होता है रिफ्यूजियों को बसाने के लिए घरों की व्यवस्था या प्रवासन की नीतियों का विरोध. इस तरह के प्रदर्शनों का आयोजन करने वालों में फ्री सैक्सनी पार्टी सबसे आगे है. पोलैंड और चेक रिपब्लिक की सीमा के नजदीक जर्मनी के सैक्सनी राज्य में बनी फ्री सैक्संस पार्टी फरवरी 2021 में बनी.
पार्टी की वेबसाइट के मुताबिक इसका मकसद है आजादी समर्थक और देशभक्ति की भावना से हो रहे कामों को एक संगठित रूप देना. हालांकि सैक्सनी राज्य में संविधान की रक्षा के लिए काम करने वाले सरकारी दफ्तर (एलएफवी) ने इसे आधिकारिक तौर पर धुर दक्षिणपंथी घोषित कर रखा है. इसके नेता इस विचारधारा से जुड़ी गतिविधियों में सक्रिय रहे हैं.
कोविड के बाद बढ़ी रैलियां
यही नहीं द थर्ड वेव पार्टी नाम का एक गुट भी इस तरह की रैलियों का आयोजन करने में काफी आगे है जिसे एलएफवी ने नव-नाजी माना है. इस सक्रियता के पीछे एक बड़ा कारण यह है कि कोविड महामारी फैलने से रोकने के लिए जो पाबंदियां लगाई गईं थीं, वह सब खत्म हो चुकी हैं. जिसकी वजह से प्रदर्शन करने के लिए लोगों के जुटने पर अब लगाम नहीं है.
अहम बात यह है कि फ्री सैक्सनी पार्टी कोविड के दौरान पर भी सड़कों पर उतरने से नहीं चूकी. जून 2021 में पार्टी के कुछ लोग तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री के घर के बाहर प्रदर्शन करने पहुंचे थे. यह लोग जर्मनी में कोविड 19 की वजह लगी पाबंदियों और अनिवार्य वैक्सीनेशन का विरोध कर रहे थे.
हिंसा की घटनाएं
सिर्फ सड़कों पर रैलियों की ही नहीं, हिंसा की खबरें भी आती रहती हैं. हाल ही में, सैक्सनी के ड्रेसडेन शहर में संदिग्ध नव-नाजियों ने एक युवा जोड़े पर, उनके घर में ही हमला किया. 34 साल के एक पुरुष और उनकी 27 साल की पत्नी को इन लोगों ने पीटा और भाग गए. इतना ही नहीं, जब पुलिस वहां पहुंचे तो नव-नाजी उन्हें पीटने के लिए वापिस भी आए.
वह लोग वही नारा लगा रहे थे जो नाजी रैलियों में लगाया जाता है. इस तरह से नारा लगाना और नाजी सैल्यूट करना, दोनों ही जर्मनी में गैर-कानूनी हैं. इन मामलों में सजा और जुर्माना दोनों हो सकता है लेकिन नव-नाजियों का बढ़ता संगठन और हौंसला दिखाता है कि कानून भी उन्हें रोक नहीं पा रहा है.
एसबी (एएफपी)