जर्मन पुलिस को गोली मारने की घटना में दो संदिग्ध पकड़े गए
१ फ़रवरी २०२२संदिग्धों की उम्र 32 और 38 साल है और इन्हें जुल्त्सबाख से पकड़ा गया है. 38 साल के संदिग्ध ने अपने वकील के जरिए पुलिस से संपर्क किया इसके बाद पुलिस के विशेष बल ने उसे हिरासत में ले लिया. पुलिस का कहना है कि वह पहले से ही संदेह के घेरे में था क्योंकि घटनास्थल पर उससे जुड़े कुछ कागज मिले थे और पुलिस उसकी तलाश कर रही थी. पुलिस ने उसे वाइल्ड गेम का व्यापारी बताया है और अधिकारियों को उसके बारे में जानकारी है. एक बार वह दुर्घटना की जगह से भाग गया था और उसके पास हथियार का लाइसेंस भी है.
पहले संदिग्ध को हिरासत में लेने के थोड़ी देर बाद ही 32 साल के दूसरे संदिग्ध को भी हिरासत में ले लिया गया. 24 साल की महिला पुलिस ट्रेनी और 29 साल के सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर को सोमवार तड़के 4:20 पर रुटीन जांच के दौरान गोली मार दी गई. यह घटना उल्मेट गांव की है. पुलिस दोनों संदिग्धों और इस घटना के बीच की कड़ियां जोड़ने की कोशिश में है. दोनों संदिग्ध जर्मन नागरिक हैं और उन्होंने इस मामले में अब तक कोई बयान नहीं दिया है. जर्मनी में निजता के कड़े कानूनों की वजह से इनकी पहचान जाहिर नहीं की जा सकती.
पुलिस का खोजी अभियान जारी है क्योंकि उनका कहना है कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि इनके और सहयोगियों को अभी पकड़ा जाना बाकी है. जर्मनी की संघीय पुलिस के प्रमुख होल्गर मुएंष ने गोलीकांड को "समझ से बाहर" बताया है. जर्मन समाचार समूह आरएनडी से मुएंष ने कहा, "जब पुलिस अधिकारियों को किसी हमले का शिकार बनाया जाता है और जब वे लोगों को खतरे से बचाने के काम में अपनी जान गंवाते हैं तो यह समझ से परे है." मुएंष ने कहा कि उनकी संवेदना पीड़ित परिवारों और उनके साथ काम करने वाले सहयोगियों के साथ है. उन्होंने यह भी कहा कि संघीय पुलिस इस घटना की जांच में पूरी मदद करेगी.
जर्मनी में किसी पुलिस अधिकारी की ड्यूटी पर मौत की घटना दुर्लभ है. कुसेल शहर के पुलिस विभाग के अधिकारी उस दिन नियमित गश्त पर थे. ट्रैफिक की चेकिंग के दौरान उन पर गोली चलाई गई. मरने से पहले रेडियो सेट पर उनके सहयोगियों ने उन्हें बस यही कहते सुना, "वे लोग गोली चला रहे हैं." इससे पहले अधिकारियों ने एक गाड़ी में मरे हुए जानवर का पता लगाया था. दोनों पुलिसकर्मी गश्त के समय एक सादी पुलिस कार में थे. हालांकि उन दोनों ने वर्दी के साथ ही सेफ्टी वेस्ट भी पहन रखा था. पुलिस ने यह नहीं बताया है कि क्या उन्हें सिर में गोली मारी गई.
जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्त्स ने पीड़ितों के परिजनों से संवेदना जताई है. उन्होंने ट्वीट किया है, "मेरी सहानुभूति दोनों युवा पीड़ितों के परिजनों के प्रति है." शोल्त्स का यह भी कहना है कि वह उन पुलिस अधिकारियों के बारे में सोच रहे हैं जो हर दिन नागरिकों की रक्षा में अपना जीवन दांव पर लगा देते हैं. उन्होंने उम्मीद जताई है कि जांच अधिकारी इस घटना के तह तक पहुंचेंगे.
ऐसा लगता है कि अधिकारी ट्रैफिक की चेकिंग कर रहे थे और उन्होंने एक गाड़ी को रोका उसी दौरान उन पर फायरिंग की गई. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एक अधिकारी ने अपने हथियार से घटनास्थल पर कई फायरिंग की. हालांकि यह साफ नहीं हो सका है कि यह फायरिंग चेतावनी देने के लिए की गई या फिर इस फायरिंग में कोई संदिग्ध घायल हुआ.
माना जा रहा है कि महिला पुलिसकर्मी की गोली लगने के तुरंत बाद मौत हो गई. सीनियर पुलिसकर्मी दूसरे पुलिसकर्मियों के वहां पहुंचने तक जीवित था लेकिन एक पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक मेडिकल दस्ते के वहां पहुंचने तक उसकी भी मौत हो गई. दोनों पुलिसकर्मी सारलैंड इलाके के थे और हिरासत में लिए दोनों संदिग्ध भी इसी इलाके के हैं.
एनआर/आरपी (डीपीए)