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जान का खतरा, सीआईए ने जासूस हटाया

१८ दिसम्बर २०१०

अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए ने अपने खास जासूस को पाकिस्तान छोड़ने का आदेश दे दिया है. चरमपंथियों के खिलाफ ड्रोन हमले करवाने में इस जासूस की खास भूमिका रही. तीन नए मिसाइल हमलों में 60 से ज्यादा लोग मारे गए हैं.

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तस्वीर: DPA

अमेरिकी खुफिया विभाग के अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान में स्टेशन चीफ के तौर पर काम कर रहे जासूस की जान को खतरा पैदा हो गया है जिसके चलते उन्हें देश छोड़ने के लिए कहा गया है. सीआईए स्टेशन चीफ के बारे में और जानकारी नहीं दी गई है. न्यूयॉर्क टाइम्स अखबार ने खबर दी है कि पाकिस्तान में एक व्यक्ति ने मुकदमे में सीआईए जासूस के नाम का खुलासा कर दिया. मुकदमा करने वाले व्यक्ति के बेटे और भाई की ड्रोन हमले में मौत हो गई थी.

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अमेरिकी ड्रोन विमानतस्वीर: AP

जासूस का नाम सार्वजनिक होने जाने के बाद से उसकी जान को खतरा बताया जाने लगा और उसे पाकिस्तान छोड़ने का आदेश दे दिया गया. न्यूयॉर्क टाइम्स अखबार ने कुछ अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से छापा है कि सीआईए जासूस का भेद खोलने में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ हो सकता है.

पाकिस्तान में अमेरिकी ड्रोन विमानों के हमले का सिलसिला जारी है. पिछले 24 घंटों में पाकिस्तान के खायबर जिले में कम से कम 60 लोगों की मौत हो गई है. तिराह घाटी में तीन मिसाइल हमले हुए जिसमें लगभग 50 लोगों की मौत हो गई. एक दिन पहले ही उसके पास के इलाके में हुए हमले में सात लोग मारे गए थे. सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि जितने भी लोग मारे गए हैं वे सभी आतंकी हैं लेकिन उनके इस दावे की पुष्टि नहीं हो पाई है.

2008 के बाद से अमेरिका ने पाकिस्तान में ड्रोन विमान से हमले तेज कर दिए हैं. 2010 में 117 हमले किए गए जबकि 2009 में इसके आधे हमले किए गए थे. खायबर इलाके को आमतौर पर ड्रोन हमलों में निशाना नहीं बनाया जाता. ड्रोन हमले वजीरिस्तान क्षेत्र में ज्यादा किए जाते हैं जिन्हें अमेरिका तालिबान और अल कायदा चरमपंथियों का गढ़ समझता है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: वी कुमार

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