तुर्की के भूमध्यसागर में फिर जहाज भेजने से बढ़ा विवाद
१२ अक्टूबर २०२०ग्रीस और तुर्की नाटो के पड़ोसी देश हैं. तुर्की ने खोजी जहाज भेजने का फैसला ऐसे वक्त में किया है जब दोनों देश इस विवाद को सुलझाने पर बातचीत की तारीख तय करने की कोशिश कर रहे हैं. तुर्की की नौसेना ने रविवार को कहा कि उनका ओरुक राइस जहाज इलाके में सोमवार से 22 अक्टूबर तक अपनी गतिविधियां चलाएगा. इन इलाकों में ग्रीस के दक्षिण में मौजूद कार्टेलोरिजो द्वीप भी शामिल है. नौसेना ने इसके लिए समुद्री चेतावनी तंत्र नावटेक्स पर संदेश भेजा है.
ग्रीस के विदेश मंत्रालय ने इसे "क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सीधा खतरा" बताया है. मंत्रालय से जारी बयान में तुर्की को "भरोसे के नाकाबिल" बताया गया है और यह भी कि वह, "बातची करने को लेकर गंभीर इच्छा नहीं रखता." विदेश मंत्रालय का यह भी कहना है, "लीबिया से एगियन और साइप्रस, सीरिया, इराक और अब नागोर्नो काराबाख तक तुर्की इस इलाके में अस्थिरता का पहला कारण है." ग्रीस के प्रधानमंत्री किरायाकोस मित्सोताकिस ने सोमवार को ग्रीस के अखबार ता नी को दिए इंटरव्यू में कहा, "मैं युद्ध की तरफ नहीं देख रहा हूं, ना ही किसी और को देखना चाहिए."
तुर्की और ग्रीस पूर्वी भूमध्यसागर में गैस की खोज को लेकर अगस्त से ही विवाद में घिरे हैं. साइप्रस और ग्रीक आईलैंड क्रीट के बीच इस वजह से दोनों देशों ने वायुसेना और नौसेना के युद्धाभ्यास किए हैं. पिछले महीने यूरोपीय संघ के सम्मेलन से पहले तुर्की ने अपने खोजी जहाज को वापस बुला लिया था. सम्मेलन के बाद यूरोपीय संघ ने कहा था कि अगर तुर्की ने दोबारा इलाके में अपना जहाज भेजा तो वह उसे सजा देगा. पिछले हफ्ते ही दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की इस मुद्दे को सुलझाने के लिए बातचीत भी हुई थी.
एनआर/आईबी (एएफपी, रॉयटर्स)
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