बढ़ रहा है भारतीय ऐप का बाजार
२१ जुलाई २०२०जब केंद्र सरकार ने टिकटॉक, हेलो, बिगोलाइव, लाइक इत्यादि जैसे 59 चीनी ऐपों के डाउनलोड और इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया था, तब इनको इस्तेमाल करने वाले लाखों लोगों को लगा था कि अब वे अपने मनोरंजन की जरूरतें कैसे पूरी करेंगे. कइयों के लिए तो टिकटॉक जैसे ऐप मनोरंजन के साधन से कहीं ज्यादा हो गए थे. लाखों फॉलोवर वाले आम लोग नेताओं और फिल्मी सितारों जैसे सेलिब्रिटी बन गए थे और अपने वीडियो की लोकप्रियता की वजह से उनसे पैसे भी कमा रहे थे.
लेकिन इन चीनी ऐप के कुछ भारतीय विकल्प पहले से ही बाजार में थे और कुछ प्रतिबंध लागू होने के बाद विकसित किए गए. लोकप्रिय चीनी ऐप की अनुपस्थिति में इन ऐप पर लोगों का ध्यान जाना शुरू हुआ और अब इन्हें लाखों लोग डाउनलोड कर रहे हैं. चिंगारी, मित्रों, बोलो इंडिया और रोपोसो इनमें से कुछ लोकप्रिय ऐप हैं. आठ करोड़ से भी ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका ऐप रोपोसो इनमें सबसे आगे है.
यह टिकटॉक की ही तरह वीडियो बना कर साझा करने का सोशल मीडिया ऐप है. इसे 2014 में आईटी दिल्ली के तीन छात्रों ने बनाया था, लेकिन नवंबर 2019 में इसे भारतीय टेक्नॉलोजी कंपनी इनमोबी ग्लांस ने खरीद लिया. टिकटॉक पर प्रतिबंध लगने के बाद रोपोसो की लोकप्रियता ने आसमान छू लिया. कंपनी का दावा है कि टिकटॉक पर प्रतिबंध लगने के सिर्फ दो दिनों के अंदर इसे इस्तेमाल करने वालों की संख्या में 2.2 करोड़ का उछाल आ गया था.
रोपोसो के बाद मित्रों और चिंगारी जैसे ऐप हैं, जिन्हें अभी तक दो करोड़ से ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है. मित्रों भी छोटे वीडियो बना कर साझा करने का ऐप है, लेकिन रोपोसो के मुकाबले बाजार में नया है. गूगल प्लेस्टोर पर यह अप्रैल 2020 से उपलब्ध है. इसे शुरू में टिकटॉक का क्लोन भी कहा जाता था और इसे गूगल ने प्लेस्टोर से कुछ दिनों के लिए हटा भी दिया था.
मित्रों ऐप के पाकिस्तान से संबंध होने की भी खबरें आई थीं. एक पाकिस्तानी कंपनी ने दावा किया था कि इस ऐप का सोर्स कोड उसने बनाया था और एक भारतीय कंपनी ने उससे सोर्स कोड खरीद कर उसमें बिना कोई बदलाव किए ऐप बना कर बाजार में उतार दिया था. लेकिन अब यह ऐप फिर से प्लेस्टोर पर उपलब्ध है और काफी लोकप्रिय हो रहा है. बेंगलुरु में दो युवाओं द्वारा बनाया गया ऐप चिंगारी 2018 से बाजार में है. इसमें वीडियो साझा करने के साथ साथ लोग समाचारों के बारे में भी जान सकते हैं और एक दूसरे से इंटरैक्ट भी कर सकते हैं.
चूंकि इन सभी ऐप की लोकप्रियता चीनी ऐप के बैन होने के बाद बढ़ी है, इन्हें ले कर एक बड़ा सवाल यह बना हुआ है कि क्या ये लंबी रेस के घोड़े भी निकलेंगे. इनकी गुणवत्ता को लेकर नकारात्मक यूजर फीडबैक भी आता रहता है. टेक्नॉलोजी पत्रकार साहिल भल्ला ने डीडब्ल्यू को बताया कि भारतीय ऐप चीनी ऐप के बैन होने के बाद बनी खाली जगह को भरने तो लगे हैं, लेकिन इनमें से आगे भी अपनी लोकप्रियता बनाए रखने में वही ऐप सफल हो पाएंगे जिनके इस्तेमाल करने वालों की संख्या रोजाना और मासिक रूप से लगातार बढ़ती रहेगी.
साहिल भल्ला दूसरे विदेशी ऐप की तरफ भी ध्यान दिलाते हैं और कहते हैं कि ये देसी ऐप के मुकाबले ज्यादा परिष्कृत हैं. उदाहरण के तौर पर साहिल इंस्टाग्राम रील्स के बारे में बताते हैं, जो छोटे वीडियो साझा करने की ही एक सोशल मीडिया सेवा है और फेसबुक के लोकप्रिय ऐप इंस्टाग्राम के साथ जुड़ी हुई है. चीनी ऐप पर बैन लगने से जो जगह खाली हुई है, उसे भरने के लिए भारतीय ऐप को ऐसे दूसरे विदेशी ऐप की चुनौती का भी सामना करना पड़ेगा.
__________________________
हमसे जुड़ें: Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay | AppStore