तेजी से फैलता पाक परमाणु कार्यक्रम
१६ मई २०११न्यूजवीक पत्रिका के मुताबिक इस्लामाबाद से लगभग 140 किलोमीटर दूर खुशाब में बनाया जा रहा परमाणु रिएक्टर 2013 तक काम कर शुरू कर सकता है. सैटेलाइट की तस्वीरों से पता चला है कि पाकिस्तान "जोर शोर से" खुशाब परमाणु परिसर में निर्माण कार्य बढ़ा रहा है. विश्लेषकों के मुताबिक तस्वीरों से पता चला है कि पाकिस्तान के पास जल्द ही एक चौथा परमाणु रिएक्टर होगा जिससे "उसके परमाणु हथियार कार्यक्रम के लिए प्लूटोनियम के उत्पादन को बढ़ाया जा सकेगा."
व्हाइट हाउस ने इस पर कोई टिप्पणी करने से इनकार किया है लेकिन अमेरिकी कांग्रेस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने न्यूजवीक को बताया कि खुफिया जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान के पास इस वक्त सालाना आठ से 20 परमाणु हथियार बनाने लायक प्लूटोनियम है. अधिकारी ने कहा, "इस बात में कोई शक नहीं कि यह दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ता हुआ परमाणु कार्यक्रम है." शोध संस्था इंस्टिट्यूट फॉर साइंस एंड सिक्यूरिटी के पॉल ब्रेनन का कहना है, "इस सदी में अमेरिका और पाकिस्तान की सरकारों में कोई भी इस बारे में कुछ नहीं कह रहा है."
एरिक एडेलमैन कहते हैं, "आप इस संभावना के बारे में बात कर रहे हैं कि एक दिन पाकिस्तान फ्रांस से भी आगे बढ़ सकता है. यह बहुत बड़ी बात है." एडेलमैन पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुश के कार्यकाल में रक्षा मंत्रालय के उप मंत्री रह चुके हैं. वहीं देखा जाए तो ईरान अब तक यूरेनियम संवर्धन में पूरी तरह सफल नहीं हुआ है और उत्तर कोरिया के पास प्लूटोनियम बनाने की क्षमता तो है, लेकिन हथियार बनाने के नहीं.
उधर, पाकिस्तानी अधिकारियों का कहना है कि परमाणु हथियारों में इजाफा भारत से बढ़ते खतरे को देखते हुए किया जा रहा है. आने वाले पांच सालों में भारत अपनी सेना पर 50 अरब डॉलर खर्च कर रहा है. वहीं पूर्व सीनेटर सैम नन कहते हैं, "यह मुद्दा केवल भारत और पाकिस्तान के बीच की बात है, ऐसा कहना सच्चाई से बहुत दूर होगा. अमेरिका और सोवियत संघ 40 साल तक शीत युद्ध के दौरान भिड़ते रहे. दोनों को इससे सीख मिली है. भारत और पाकिस्तान भी आपस में भिड़े हैं लेकिन इस युग में परमाणु प्रतिरोधी क्षमता ने कुछ और ही मायने हासिल कर लिए हैं. पूरी दुनिया दांव पर लगी है और यह बहुत ही खतरनाक है."
रिपोर्ट: पीटीआई/एमजी
संपादन: ए कुमार