दिल्ली की पहली जीत में पुणे की पहली हार
१८ अप्रैल २०११पुणे ने दिल्ली के खिलाफ 187 रन बनाए. इसके बावजूद टीम को आईपीएल-4 में पहली हार का सामना करना पड़ा. युवराज के मुताबिक उनकी टीम ने मैच गंवा दिया. उन्होंने कहा, ''हमें दिल्ली की तारीफ करनी होगी. वे दवाब में खेल रहे थे. हम पहले छह ओवरों में विकेट नहीं गिरा सके. आखिरी ओवर में हमने अच्छी गेंदबाजी नहीं की. गेंदबाजों को अच्छी गेंदबाजी करनी ही चाहिए.''
इससे पहले मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में दिल्ली ने टॉस जीतकर पुणे को बल्लेबाजी का न्यौता दिया. पुणे की ओर से जैसी रायडर और युवराज सिंह ने तूफानी पारी खेली. रायडर ने 27 गेंदों में 60 रन कूट दिए. युवराज ने भी पांच लंबे छक्कों और चार चौकों की मदद से 66 रन मारे. इन पारियों की मदद से पुणे ने पांच विकेट खोकर 187 रन बनाए.
जवाब में दिल्ली की शुरुआत भी आक्रमक रही. कप्तान वीरेंद्र सहवाग (37) और डेविड वार्नर (46) ने पहले विकेट के लिए सात ओवर में ही 75 रन बना डाले. लेकिन इन दोनों के आउट होते ही दिल्ली तीसरी हार की तरफ बढ़ती दिखाई पड़ी. इरफान पठान, नमन ओझा और मैथ्यू वैड क्रीज पर सिर्फ विकेटों का गार्ड लेने आए और एक्का दुक्का शॉट खेलकर वापस लौट गए. 14 ओवर में दिल्ली का स्कोर पांच विकेट पर 120 रन था. पुणे आराम के मूड में आया और यहीं से पासा पलटना शुरू हो गया. वेणुगोपाल राव ने एरॉन फिंच के साथ छोटी पर तूफानी पारी खेली. राव ने 31 और फिंच ने 25 रन बनाए.
दिल्ली को 18 गेंदों में जीत के लिए 41 रन बनाने थे. वाघ के ओवर में 20 रन पड़ गए. इसके बाद युवराज सिंह खुद गेंदबाजी करने आए. युवी ने आते ही फिंच को पैवेलियन भेज दिया लेकिन राव ने एक छक्का और चौका जड़ जीत के फासले को कम कर दिया. हालांकि युवराज के ओवर में ही राव भी आउट हुए लेकिन इस ओवर में बने 13 रनों ने दिल्ली से दबाव कम कर दिया. आखिरी ओवर में ऑस्ट्रेलिया के होप्स ने दिल्ली की उम्मीदें एक गगनचुंबी छक्का और फिर चौका जड़ते हुए पूरी कर दीं. चार विकेट लेने और 66 रन मारने वाले युवराज को जीत नहीं लेकिन मैन ऑफ द मैच जरूर मिला.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: ए कुमार