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पीएम कार्यालय में ईमानदारी का अभाव: आडवाणी

१३ मार्च २०११

यूपीए सरकार पर निशाना साधते हुए बीजेपी के वरिष्ठ नेता एलके आडवाणी ने कहा है कि मनमोहन सिंह नहीं बल्कि प्रधानमंत्री कार्यालय ईमानदारी और सुशासन की कमी से जूझ रहा है. घोटालों पर घिरी सरकार को फिर लिया आडवाणी ने लपेटे में.

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तस्वीर: AP

"हमारी संसदीय व्यवस्था में, प्रधानमंत्री पर ही यह जिम्मेदारी होती है कि वह सही मापदंडों को स्थापित करें. दुर्भाग्य से भारत सरकार में विश्वास न होने के बेहद खराब दौर से गुजर रहा है. मनमोहन सिंह में नहीं बल्कि प्रधानमंत्री कार्यालय में ईमानदारी का अभाव है." 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में गड़बड़ी के लिए गठबंधन सरकार की मजबूरियों का हवाला देने के लिए आडवाणी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को आड़े हाथ लिया.

Indien Parlamentswahlen 2009
तस्वीर: UNI

"प्रधानमंत्री के बयान से तो ऐसा लगता है कि मानो गैरकानूनी गतिविधियां सिर्फ कांग्रेस के सहयोगी दलों के नेता ही कर रहे हैं." आडवाणी के मुताबिक सिर्फ सहयोगी दलों ने नहीं बल्कि कांग्रेस ने भी भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है.

केंद्रीय सतर्कता आयुक्त की नियुक्ति के मसले पर भी आडवाणी ने प्रधानमंत्री को लपेटा और कहा कि सुषमा स्वराज ने प्रधानमंत्री को थॉमस के खिलाफ केस के बारे में जानकारी दे दी थी. "सुप्रीम कोर्ट में पीजे थॉमस के खिलाफ जब फैसला आया तो प्रधानमंत्री ने कहा कि उनसे निर्णय लेने में गलती हुई है. लेकिन इस गलती को जल्द ही सुधारा जा सकता था अगर सुषमा स्वराज की बात पर ध्यान दिया जाता कि थॉमस के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला है."

एलके आडवाणी ने कई मौकों पर मनमोहन सिंह को कमजोर प्रधानमंत्री करार दिया है. आडवाणी के मुताबिक देश से बाहर गए काले धन को वापस लाने के लिए सरकार तभी हरकत में आई जब सुप्रीम कोर्ट ने मामले में दखल दी. आडवाणी का कहना है कि बीजेपी इस मुद्दे को 2009 के लोकसभा चुनावों से ही उठा रही है. आडवाणी के मुताबिक विपक्षी पार्टियां यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगी कि 2011 जवाबदेही का साल बन जाए.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: आभा एम

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