फंसते फंसते बचा आईपीएल
२१ मई २०१३भारतीय राष्ट्रीय टीम के खिलाड़ी श्रीसंत सहित तीन क्रिकेटरों पर स्पॉट फिक्सिंग के आरोप के बाद एक जनहित याचिका दायर की गई, जिसमें मांग थी कि आईपीएल के बचे हुए मैचों को रद्द कर दिया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को फौरी तौर पर सुनने के लिए स्वीकार कर लिया.
लखनऊ के नागरिक सुदर्शन अवस्थी की याचिका में आईपीएल के सभी फ्रेंचाइजी और भारतीय क्रिकेट बोर्ड को पार्टी बनाया गया. अर्जी में कहा गया, "खिलाड़ियों की नीलामी के समय से ही आईपीएल में कई अनियमितताएं हैं. आईपीएल में काला धन और असामाजिक तत्वों का पैसा लगा है, जिसकी जांच की जानी चाहिए."
मांग की गई कि इस साल के आईपीएल के बचे हुए चार मैचों को रद्द कर दिया जाए, जिनमें फाइनल भी शामिल है. स्पॉट फिक्सिंग मामले में अब तक 18 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
हालांकि अर्जी पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सिर्फ कुछ खिलाड़ियों की अनियमितता की वजह से पूरे टूर्नामेंट पर पाबंदी नहीं लगाई जा सकती है. अदालत ने कहा कि "क्रिकेट भद्रजनों का खेल है और ऐसा ही बना रहना चाहिए".
हालांकि इस दौरान भारतीय बोर्ड यानी बीसीसीआई पर सवाल करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्पॉट फिक्सिंग के मामले पर उसे दो हफ्ते के अंदर पूरी रिपोर्ट चाहिए. कोर्ट ने बोर्ड से कहा कि दोषी खिलाड़ियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, "समस्या यह है कि बोर्ड का रवैया ठीक नहीं है और इसे दुरुस्त करने की जरूरत है." पिछले साल भी आईपीएल के पांच खिलाड़ियों के स्पॉट फिक्सिंग में फंसे होने के आरोप थे.
राजस्थान रॉयल्स के तेज गेंदबाज श्रीसंत के अलावा इसी टीम के अजीत चांडीला और अमित चव्हाण को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है. उन पर आईपीएल के दो मैचों में पैसे लेकर खराब गेंदबाजी का आरोप है. उनके अलावा कुछ पूर्व क्रिकेटरों और सट्टेबाजों को भी गिरफ्तार किया गया है. पिछले साल एक टेलीविजन चैनल ने स्टिंग ऑपरेशन करके दावा किया था कि पांच क्रिकेटर स्पॉट फिक्सिंग में शामिल हैं.
मैच फिक्सिंग के अलग स्पॉट फिक्सिंग पर काबू पाना ज्यादा मुश्किल है क्योंकि इसमें पूरी टीम नहीं, बल्कि कोई एक खिलाड़ी ही शामिल होता है. आम तौर पर गेंदबाज पैसे लेकर तय कर लेता है कि उसे किस तरह की गेंदबाजी करनी है और ओवर में कम से कम कितने रन देने हैं. इस तरह किसी और खिलाड़ी को योजना में शामिल करने की जरूरत नहीं पड़ती.
अवस्थी की याचिका में कहा गया है कि स्पॉट फिक्सिंग की जड़ों का पता लगाना चाहिए और साथ ही अगले साल से आईपीएल को रद्द कर दिया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने हालांकि आईपीएल रद्द करने वाली बात नकार दी लेकिन भारत की सबसे बड़ी अदालत ने कहा कि समस्या से निपटने के लिए भारतीय क्रिकेट बोर्ड के पास कोई वैज्ञानिक और तर्कसंगत तरीका नहीं दिखता है.
एजेए/एमजे (रॉयटर्स, पीटीआई)