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'भारत की दोस्ती को हल्के में न लें'

२६ जनवरी २०१३

झारखंड के नक्सल प्रभावित इलाके में 20 साल बाद गणतंत्र दिवस के दिन झंडा फहराया गया, तो दिल्ली में शांति, सेना और आधुनिकता की परेड निकलीं. हालांकि गणतंत्र दिवस के मौके पर होने वाले चिंतन में कुछ विवाद भी हुए.

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तस्वीर: dapd

भारत के गणतांत्रिक राज्य बनने और संविधान लागू करने की 63वीं सालगिरह के मौके पर राजधानी नई दिल्ली समेत देश भर में रंगारंग कार्यक्रम हुए. नई दिल्ली में राजपथ पर निकली पारंपरिक परेड को देखने इस बार भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक भी पहुंचे. वह मुख्य अतिथि थे.

भारत में इस साल आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद की 150वीं जयंती मनाई जा रही है. राजपथ पर स्वामी विवेकानंद का संदेश देती पश्चिम बंगाल की झांकी ने झांकियों की अगुवाई की. आकर्षण का केंद्र सिनेमा जगत की झांकी भी रही. इस साल भारतीय सिनेमा अपनी 100वीं वर्षगांठ मना रहा है. पुरानी फिल्मों के दिग्गज किरदारों और कई मशहूर अभिनेताओं को झांकी के जरिए याद किया गया.

Indien Militärparade 2013 Republic Day Tag der Republik Neu Delhi
राजपथ पर स्कूली बच्चेतस्वीर: picture-alliance/dpa

गणतंत्र दिवस की परेड के जरिए भारत अपनी सैन्य तैयारियां भी दिखाता है. इस बार अत्याधुनिक अग्नि-5 बैलेस्टिक मिसाइल परेड का हिस्सा बनी. 5,000 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक मार करने वाली अग्नि-5 के अलावा ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइलें भी दिखाई गईं.

परेड की सलामी लेने वाले भारतीय राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इस मौके पर पाकिस्तान को आगाह भी किया. मुखर्जी ने कहा कि नई दिल्ली के दोस्ती के हाथ को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए. भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच इसी महीने कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर भारी गोलीबारी हुई. संघर्ष विराम के बावजूद हुई गोलीबारी में दोनों देशों के जवान मारे गए. इस घटना के बाद से दोनों देशों के संबंधों में तनाव है. गणतंत्र दिवस के मौके पर इस तनाव का जिक्र करते हुए मुखर्जी ने कहा, "हम सीमा पर शांति की उम्मीद करते हैं और हमेशा दोस्ती का हाथ बढ़ाने के लिए तैयार हैं, लेकिन इस हाथ को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए."

दो दशक बाद ध्वाजारोहण

गणतंत्र दिवस के मौके पर केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश झारखंड पहुंचे. रमेश राज्य में बहुत ज्यादा नक्सलवाद से प्रभावित इलाके में चाइबासा पहुंचे. रमेश ने वहां एक प्राइमरी स्कूल में राजकीय सम्मान के साथ झंडा फहराया. दो दशक बाद यह पहला मौका है जब चाइबासा में झंडा फहराया गया. चाइबासा को पिछले साल ही माओवादियों से मुक्त कराया गया.

जम्मू कश्मीर और पूर्वोत्तर के राज्यों के साथ ही देश के अन्य राज्यों में भी गणतंत्र दिवस के मौके पर ध्वाजारोहण और पारंपरिक परेड हुई.

Indien Militärparade 2013 Republic Day Tag der Republik Neu Delhi
सलामी देते वायुसेना के लड़ाकू विमानतस्वीर: Reuters

पद्म भूषण ठुकराया

दक्षिण भारत की मशहूर गायिका एस जानकी भी शनिवार को सुर्खियों में रही. 75 साल की गायिका ने पद्म भूषण पुरस्कार ठुकरा दिया. पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, "मैं पद्म अवॉर्ड लेने से इनकार करती हूं. मैं बीते 55 साल से गा रही हूं. कई भाषाओं वाले अपने प्रशंसकों ने मुझे मान्यता दी, मेरे लिए वही सबसे बड़ा सम्मान है."

जानकी अब तक तमिल, तेलुगू, कन्नड़, मलयालम और हिंदी में 20,000 से ज्यादा गाने गा चुकी हैं. पद्म भूषण ठुकराने के बावजूद उन्होंने सरकार से कोई शिकायत नहीं की. जानकी ने कहा, "सरकार से मुझे कोई शिकायत नहीं है. मुझे नहीं लगता कि सरकार ने कुछ गलत किया लेकिन मैं पद्म पुरस्कार से इनकार करती हूं."

हालांकि जानकी के बेटे मुरली कृष्णा ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, "यह बहुत देर से आया है. उन्हें यह काफी पहले मिल जाना चाहिए था. अब वो पूरे सम्मान के साथ इसे लेने से इनकार कर रही हैं."

नंदी की राय पर विवाद

गणतंत्र दिवस के दिन एक विवाद जयपुर साहित्य सम्मेलन में भी उठ खड़ा हुआ. भारतीय गणतंत्र पर पैनल चर्चा के दौरान राजनीतिक आलोचक आशीष नंदी ने दलितों, अनुसूचित जातियों और पिछड़े वर्ग को भ्रष्टाचार का कारण बता दिया. नंदी ने कहा, "सबसे ज्यादा लोग जो भ्रष्टाचार में शामिल हैं, वे ओबीसी, एससी और एसटी समुदायों से आते हैं और यह तब तक चलता रहेगा जब तक भारतीय गणतंत्र चलेगा."

पैनल में शामिल दूसरे वक्ताओं और श्रोताओं ने नंदी की राय का तीखा विरोध किया. हालांकि बाद में आशीष नंदी ने सफाई दी और कहा कि भ्रष्टाचार के मामलों में ज्यादातर दलित, पिछड़ी व अनुसूचित जातियों के लोग पकड़े जाते हैं क्योंकि उनके पास ऊपरी जाति वालों की तरह खुद को बचाने का साधन नहीं होता. नंदी ने कहा, "आप 20 रुपये का ब्लैक टिकट बेचने वाले गरीब को पकड़ सकते हैं और कह सकते हैं कि भ्रष्टाचार है लेकिन करोड़ों का भ्रष्टाचार करने वाले अमीर बच निकलते हैं."

ओएसजे/एमजे (पीटीआई)

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