1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

शांति की खातिर चीन मिल कर काम करने को तैयार

७ सितम्बर २०१०

चीन ने कहा है कि वह एशिया का अहम देश होने के नाते उप महाद्वीप में शांति के लिए भारत के साथ मिलकर काम करने को तैयार है. भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कह चुके हैं कि चीन दक्षिण एशिया में पैर जमाना चाहता है.

https://p.dw.com/p/P65L
सीमा पर भारत और चीन के सैनिकतस्वीर: picture-alliance/ dpa

चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता चियांग यू ने कहा कि चीन दक्षिण एशिया समेत पूरे एशियाई क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बनाए रखने के लिए वचनबद्ध है. उन्होंने कहा, "मैं कहना चाहती हूं कि चीन एशिया के अहम देशों में से एक है और एशिया की शांति और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए वचनबद्ध हैं. इसमें दक्षिण एशिया भी शामिल है. हम उन देशों के साथ काम करने को तैयार हैं जो साझा हित चाहते हैं. यही हम सब के हित में है."

चीन का यह बयान सोमवार को नई दिल्ली में भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की इस टिप्पणी के जवाब में आया है कि चीन दक्षिण एशिया में अपने पैर जमाना चाहता है. संपादकों के साथ बातचीत में मनमोहन सिंह ने कहा है कि चीन के साथ सीमा विवाद का शांतिपूर्ण तरीके से समाधान तलाशा जाना चाहिए लेकिन भारत को सावधानी भी बरतनी होगी. दोनों देशों में सहयोग और स्पर्धा का संबंध है.

चियांग ने यह भी कहा कि भारत और चीन उभरती हुई ताकतें हैं और दोनों देश आपसी विकास के लिए मिल जुल कर काम कर सकते. उनके मुताबिक, "चीन और भारत पड़ोसी हैं और उभरती हुई ताकतें भी हैं. अच्छे पड़ोसी और दोस्ताना संबंध ही दोनों पक्षों के साझा विकास के मददगार साबित हो सकते हैं." चीनी प्रवक्ता के मुताबिक, "हम शांतिपूर्ण, स्थिर और समृद्ध दक्षिण एशिया देखना चाहते हैं. हम भारत समेत दक्षिण एशियाई देशों के साथ शांतिपूर्ण सहअस्तित्व के पांच बुनियादी सिद्धांतों के आधार पर काम करना चाहते हैं ताकि बेहतर सहयोग को बढावा दिया जा सके."

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एस गौड़

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें