सैनिटरी पैड के ब्रैंड को प्रायोजक बनाकर टैबू पर वार
१७ सितम्बर २०२०बेन स्टोक्स, जोस बटलर और जोफ्रा आर्चर जैसे अंग्रेजी खिलाड़ियों के साथ खेलने वाली राजस्थान रॉयल्स ने भारतीय कंपनी "नाइन" को अपना प्रायोजक बनाया है और इसके साथ ही वह किसी भी खेल में सैनिटरी पैड बनाने वाली किसी कंपनी को प्रायोजक बनाने वाली पहली बड़ी टीम बन गई है.
टीम के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर जेक लश मैकक्रम ने कहा, "ये भारत और दुनिया के कई देशों में एक टैबू विषय है. भारत में इस विषय को लेकर आम तौर पर जागरूकता का भी अभाव रहता है. सिर्फ पुरुषों में ही नहीं, महिलाओं में भी." दक्षिण एशिया में कई महिलाओं, और विशेष रूप से किशोरियों के लिए मासिक धर्म लज्जाजनक और अप्रिय होता है.
माहवारी के समय अक्सर उन्हें मैला और अशुद्ध माना जाता है और उनके साथ भेदभाव किया जाता है. उदाहरण के तौर पर, उन्हें मंदिरों में प्रवेश नहीं करने दिया जाता है और कुछ प्रकार के भोजन भी नहीं बनाने दिया जाता है. नाइन के अनुसार भारत में मासिक धर्म से गुजर रही 35 करोड़ महिलाएं और लड़कियां हैं और इनमें से सिर्फ करीब 80 लाख सैनिटरी पैडों का इस्तेमाल करती हैं.
कई महिलाएं और लड़कियां अस्वास्थ्यकर तरीकों का इस्तेमाल करती हैं, जैसे बेकार और मैले कपड़ों के टुकड़े और पेड़ों की पत्तियां. ऐसा वो या तो जानकारी की कमी की वजह से करती हैं या तो सैनिटरी पैडों तक पहुंच ना होने या उन्हें खरीदने का सामर्थ्य ना होने की वजह से. मैकक्रम ने थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन को ईमेल के जरिए बताया, "यह ऐसा विषय नहीं है जिसे नजरअंदाज किया जा सके."
पिछले महीने, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को अपने गणतंत्रता दिवस भाषण में मासिक धर्म से संबंधित हाइजीन की बात की थी, जिसकी वजह से उन्हें सोशल मीडिया पर बहुत सराहना मिली थी. नाइन के संस्थापक अमर तुल्सीयान का कहना है कि इस प्रायोजन समझौते के मुख्य लक्ष्यों में से एक पुरुषों में माहवारी के बारे में जागरूकता बढ़ाना है, क्योंकि पुरुष अक्सर रोजमर्रा के सामान पर परिवार के खर्चे का नियंत्रण करते हैं. इनमें सैनिटरी उत्पाद भी शामिल हैं.
उन्होंने कहा, "परिवार में पिता या भाई या बेटे को वास्तव में यह जानने की जरूरत है कि परिवार की महिलाएं सैनिटरी पैडों का इस्तेमाल कर रही हैं या नहीं." करोड़ों क्रिकेट-प्रेमी इंडियन प्रीमियर लीग देखेंगे जिसका आयोजन इस बार 19 सितंबर से 10 नवंबर तक संयुक्त अरब अमीरात में किया जा रहा है. कोरोना वायरस महामारी की वजह से भारत ने फैसला लिया था कि वो टूर्नामेंट की मेजबानी नहीं करेगा.
सीके/एए (थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन)
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