16 मई से तहव्वुर राणा के मुकदमे की सुनवाई
११ मई २०११भारत और अमेरिका के बीच पारस्परिक कानूनी सहायता संधि के तहत भारत ने अनुरोध किया था कि राणा से पूछताछ की अनुमति दी जाए. अब गृह सचिव गोपाल के पिल्लई ने सूचित किया है कि शिकागो की अदालत में उसका मुकदमा खत्म होने के बाद पूछताछ की अनुमति मिलने की काफी संभावना है. उन्होंने कहा कि 16 मई को यह मुकदमा शुरू हो रहा है और सबूतों के आधार पर इसे चलाया जा रहा है. इसलिये जल्द ही यह खत्म हो सकता है. भारत को उम्मीद है कि दो हफ्तों में यह खत्म हो जाएगा.
आईएसआई का नाम
इस मुकदमे में अपने बचाव में राणा ने कहा था कि उसने लश्कर ए तैयबा नहीं, बल्कि पाक सरकार व आईएसआई के निर्देश पर आतंकवादियों के लिये आपूर्ति की थी. राणा पर आरोप है कि उसने डेविड हेडली को मुंबई में दफ्तर खोलने में मदद दी थी. इसी दफ्तर से डेविड हेडली ने मुंबई में हमले के निशानों को तय किया था. लश्कर ए तैयबा के आतंकवादी हेडली ने स्वीकार किया है कि वह मुंबई हमले के षडयंत्र में शामिल था.
शिकागो के इस मुकदमे पर सबकी नजरें हैं. डर है कि अगर आतंकी कार्रवाइयों में पाकिस्तान की भागीदारी के सबूत सामने आते हैं, तो बिन लादेन के मार गिराये जाने के बाद अमेरिका और पाकिस्तान के बीच राजनयिक विवाद में स्थिति और बिगड़ सकती है. प्रेक्षकों का मानना है कि इस मुकदमे के दौरान मुंबई के आतंकवादी हमले में पाकिस्तान की खुफिया संस्था आईएसआई के शामिल होने का शक और पक्का हो सता है. पाकिस्तान मुंबई हमले में अपनी सरकार की भागीदारी से इंकार करता है, लेकिन 2009 में उसने मान लिया था कि कम से कम आंशिक रूप से उसकी योजना पाकिस्तान की जमीन पर बनाई गई थी.
भारत का दावा
भारत का मानना है कि पाकिस्तान के सरकारी अंगों से जुड़े तत्वों की मदद से लश्कर ए तैयबा के सदस्यों ने इसकी योजना बनाई और उसे अमली जामा पहनाया. आम तौर पर इस सिलसिले में किसी पाक एजेंसी का नाम नहीं लिया जाता रहा है, लेकिन हेडली से पूछताछ के बाद भारतीय गृह सचिव जीके पिल्लई ने सीधे सीधे आईएसआई का नाम लेते हुए कहा कि उनकी सिर्फ पार्श्वभूमिका ही नहीं थी. शुरू से अंत तक वे इसे नियंत्रित और समन्वित कर रहे थे.
रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ
संपादन: आभा एम