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5-6 साल से पाकिस्तान में था ओसामा

३ मई २०११

ओसामा बिन लादेन भले ही 2011 की मई में हाथ लगा हो, लेकिन वह पाकिस्तान के अंदर पिछले पांच छह साल से रह रहा था. अमेरिकी राष्ट्रपति के सलाहकार का कहना है कि वह एक ही जगह पर छिपा हुआ था.

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तस्वीर: AP

व्हाइट हाउस के आतंकवाद निरोधी दस्ते के प्रमुख जॉन ब्रेनैन का कहना है, "हमारे पास ताजा सूचना यह है कि वह एबटाबाद की उस इमारत में पिछले पांच छह साल से रह रहा था. उसका इस इमारत के बाहर की दुनिया से आम तौर पर कोई संपर्क नहीं था. लेकिन वह इमारत के अंदर काफी सतर्क लगता था."

ब्रेनैन का कहना है, "और हमें पता है कि उसने वीडियो और ऑडियो संदेश जारी किए. हमें पता है कि वह अल कायदा के कुछ वरिष्ठ सदस्यों के संपर्क में बना हुआ था. अब हमारा काम है कि हम यह पता लगाएं कि वह इतने सालों तक क्या कर रहा था और उसकी क्या गतिविधियां थीं. उस इमारत से जानकारियां इकट्ठा करने के बाद हम उसका इस्तेमाल अल कायदा के खात्मे के लिए कर सकते हैं."

अब जब पता लग रहा है कि ओसामा बिन लादेन पिछले कई सालों से पाकिस्तान के गढ़ में रह रहा था, अमेरिका के कुछ सांसदों ने मांग की है कि पाकिस्तान को दी जा रही आर्थिक मदद की योजना पर दोबारा विचार करे. आतंकवाद के खिलाफ जंग में पाकिस्तान अमेरिका का सक्रिय साथी है और वॉशिंगटन हर साल उसे अरबों डॉलर की मदद देता है.

Superteaser NO FLASH Osama bin Laden
तस्वीर: AP

तस्वीर का तमाशा

ब्रेनैन ने कहा है कि अमेरिका इस बात पर विचार कर रहा है कि कार्रवाई के दौरान खींची गई तस्वीरों और वीडियो को जारी किया जाएं या नहीं. अभी इस मुद्दे पर आखिरी फैसला नहीं किया गया है. सोमवार को पाकिस्तानी मीडिया के जरिए एक तस्वीर सामने आई, जो बिन लादेन की तस्वीर बताई गई. लेकिन बाद में यह फर्जी साबित हुई. हमले के वक्त या उसके बाद की कोई भी तस्वीर अब तक सार्वजनिक नहीं हुई है. हालांकि अमेरिकी सेना के पास ऑपरेशन की तस्वीरें हैं.

ब्रेनैन ने कहा, "हम इस बात को सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हम यह काम सही ढंग से करें. हम यह भी सोच रहे हैं कि अल कायदा या दूसरी जगहों पर इसको लेकर क्या प्रतिक्रिया आ सकती है, ताकि हम सही कदम उठा सकें. हम सोच विचार कर सही फैसला करेंगे."

क्या हुआ बरामद

यह पूछे जाने पर कि क्या इमारत से कोई कंप्यूटर, दस्तावेज या दूसरी चीजें बरामद की गई हैं, ब्रेनैन ने कहा कि अमेरिकी सेना इस पर काम कर रही है. उनका कहना है, "हम सबसे ज्यादा इस बात पर ध्यान दे रहे हैं कि क्या हम किसी आंतकवादी साजिश का पता लगा सकते हैं. अगर ऐसा हुआ तो हम उस पर लगाम कस सकते हैं. इसके अलावा हम यह ध्यान दे रहे हैं कि क्या अल कायदा के किसी और सदस्य के बारे में हमें जानकारी मिल सकती है."

पाकिस्तान पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा, "हमें पता है कि इस बात में पाकिस्तान की भी रुचि होगी. बिन लादेन कैसे लगभग छह साल तक उस इमारत में रहा और इस दौरान उसके बारे में कुछ पता नहीं लग पाया. एबटाबाद की इस इमारत के बाहर से उसे कैसी सहायता मिल रही थी. पाकिस्तान का इसमें क्या हाथ था."

रिपोर्टः रॉयटर्स/ए जमाल

संपादनः ओ सिंह

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