पहली बारः चीन के दौरे पर जा रहे हैं एंटनी ब्लिंकेन
१६ जून २०२३अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन इस सप्ताहांत पर चीन जा रहे हैं जहां वह दोनों देशों के बीच जारी विवादों पर बातचीत करेंगे. विशेषज्ञों का कहना है कि और कुछ हासिल हो ना हो, इस यात्रा से दुनिया को इतना संदेश जरूर जाएगा कि दो सबसे बड़ी महाशक्तियों के बीच रिश्ते खतरनाक स्तर पर नहीं पहुंचे हैं.
ब्लिंकेन रविवार और सोमवार को चीनी नेताओं से मुलाकात करेंगे. वह राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मिल सकते हैं. 2021 जनवरी में जो बाइडेन के राष्ट्रपति बनने के बाद यह अमेरिका के सबसे वरिष्ठ नेता की चीन यात्रा है.
उम्मीद कुछ नहीं
इस बारे में अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि इस यात्रा से ऐसी कोई उम्मीद नहीं है कि कोई बहुत बड़ा फैसला हो पाएगा. हालांकि बुधवार को अधिकारियों के इस बयान देने के कुछ ही देर बाद चीनी विदेश मंत्री किन गांग ने बयान दिया और कहा कि अमेरिका उनके देश के आंतरिक मामलों में दखलअंदाजी करना बंद करे.
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इस यात्रा से एक मकसद हासिल यह हो सकता है कि इस साल के आखिरी हिस्से में शी और बाइडेन के बीच होने वाली मुलाकात के लिए एक आधार तैयार किया जा सकता है. जनरल मार्शल फंड के एशिया प्रोग्राम के सीनियर फेलो एंड्रयू स्मॉल कहते हैं, "दोनों पक्ष दुनिया को यह दिखाना चाहते हैं कि वे अपने रिश्तों को जिम्मेदाराना तरीके से संभाल रहे हैं. चीन के लिए सबसे अहम दक्षिणी दुनिया है जबकि अमेरिका के लिए अपने सहयोगी हैं. इसलिए वॉशिंगटन और बीजिंग दोनों के लिए इससे कुछ हासिल हो सकता है.”
पिछले कुछ सालों में चीन और अमेरिका के रिश्तों की हालत काफी खराब हुई है. ताइवान के मुद्दे पर तो तनाव इस कदर बढ़ा हुआ है कि कई बार सैन्य विवाद की आशंकाएं नजर आने लगती हैं. इसके अलावा मानवाधिकार, व्यापार और माइक्रोचिप उत्पादन जैसे विषयों पर भी दोनों पक्ष उलझे हुए हैं.
यूएन ने किया स्वागत
चीन के पड़ोसियों के लिए खासतौर पर यह बात चिंताजनक रही है कि अमेरिका की कई कोशिशों के बावजूद चीन उसके साथ सैन्य स्तर पर बातचीत को तैयार नहीं हुआ है. अमेरिकी अधिकारी चाहते हैं कि दोनों देशों के बीच ऐसे सीधे संपर्क सूत्र स्थापित किये जाएं जहां विवाद के समय आपातकालीन चर्चा हो सके.
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संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफान दुजारिक ने मीडिया से बातचीत में कहा कि दोनों देशों के बीच किसी भी तरह का संपर्क एक अच्छी खबर है. उन्होंने कहा, "ऐसा कोई भी कदम जिससे बीजिंग और वॉशिंगटन के बीच सहयोग और बातचीत बढ़े और तनाव कम हो, उसका स्वागत किया जाना चाहिए.”
अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक ब्लिंकेन की यात्रा का मुख्य मकसद तो एक गोपनीय, स्पष्ट और रचनात्मक बातचती है लेकिन बड़े मुद्दों पर किसी तरह की सफलता हासिल होने का फिलहाल कोई अनुमान नहीं है. इनमें कथित चीनी जासूसी गुब्बारे पर फरवरी में हुआ विवाद या संवाद में गतिरोध जैसे मुद्दे भी शामिल हैं.
वीके/एए (रॉयटर्स, एएफपी)