1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

फिलीपींस को भारतीय ब्रह्मोस मिसाइल मिलने पर क्या बोला चीन

आमिर अंसारी
२६ अप्रैल २०२४

दक्षिण चीन सागर विवाद के बीच भारत ने फिलीपींस को ब्रह्मोस मिसाइल की सप्लाई कर शक्ति संतुलन बदल दिया है. अब चीन ने भारत द्वारा मिसाइल दिए जाने को लेकर अपनी प्रतक्रिया जाहिर की है.

https://p.dw.com/p/4fCZq
भारत ने फिलीपींस को ब्रह्मोस मिसाइल की सप्लाई की है
भारत ने फिलीपींस को ब्रह्मोस मिसाइल की सप्लाई की हैतस्वीर: picture-alliance/AP Photo/M. Khan

दक्षिण पूर्व एशियाई देश के साथ हथियार प्रणालियों की आपूर्ति के लिए 37.5 करोड़ डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर करने के दो साल बाद, भारत ने 19 अप्रैल को फिलीपींस को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों की पहली खेप सौंप दी. अब इस मामले पर चीन की सेना का बयान आया है.

चीन और फिलीपींस दोनों ही दक्षिण चीन सागर के विवादित समुद्री जल क्षेत्र में अपने दावों को लेकर आमने-सामने हैं. भारत ने फिलीपींस को ऐसे समय में ब्रह्मोस मिसाइलों की पहली खेप दी है जब दक्षिण चीन सागर के विवादित स्प्रैटली द्वीप समूह को लेकर फिलीपींस और चीन के बीच तनाव चरम पर है.

ब्रह्मोस मिसाइल की डिलीवरी के बाद 25 अप्रैल को चीन ने इस पर प्रतिक्रिया दी है. चीनी सेना ने भारत द्वारा फिलीपींस को ब्रह्मोस मिसाइलों की डिलीवरी पर सधी हुई प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि दो देशों के रक्षा सहयोग से किसी तीसरे पक्ष के हितों और क्षेत्रीय स्थिरता को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए.

पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वू कियान ने कहा, "चीन हमेशा मानता है कि दो देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग से किसी तीसरे पक्ष के हितों को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए. इससे किसी तीसरे देश की क्षेत्रीय शांति और स्थिरता बाधित नहीं होनी चाहिए."

बदला शक्ति संतुलन

चीन ने क्षेत्रीय तनाव के बीच इस महीने फिलीपींस में मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें तैनात करने के लिए अमेरिका की भी आलोचना की.

चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि चीन मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों की तैनाती का विरोध करता है. उन्होंने कहा, "हमारी स्थिति स्पष्ट और तर्कसंगत है. अमेरिका के इस कदम से क्षेत्रीय देशों की सुरक्षा को गंभीर खतरा है और क्षेत्रीय शांति और स्थिरता कमजोर होती है."

भारत क्यों निर्यात कर रहा है?

दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती सैन्य आक्रामकता पर बढ़ती वैश्विक चिंताओं के बीच भारत फिलीपींस के साथ रक्षा संबंधों को और विस्तारित करने पर विचार कर रहा है. भारतीय और अमेरिकी मिसाइल डिलीवरी फिलीपींस में तब पहुंची जब मनीला दक्षिण चीन सागर में चीनी नौसेना के साथ एक कठिन नौसैनिक गतिरोध में फंसा है.

फिलीपींस का मानना है कि ब्रह्मोस मिसाइल चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच उसकी तटीय सुरक्षा को मजबूत करेगी.

फिलीपींस को इस मिसाइल की डिलीवरी के साथ भारत ने पहली बार ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइलों का निर्यात किया है. यह सौदा भारत में बनी ब्रह्मोस की आगामी बिक्री के लिए भी दरवाजे खोल सकता है.

जनवरी 2022 में ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड (बीएपीएल) ने फिलीपींस के राष्ट्रीय रक्षा विभाग के साथ 37.5 करोड़ डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. इसमें फिलीपींस की नौसेना के लिए तट-आधारित एंटी-शिप मिसाइल सिस्टम की सप्लाई शामिल थी.

फिलीपींस के रक्षा मंत्रालय ने माना है कि ब्रह्मोस उनके देश की संप्रभुता और संप्रभु अधिकारों को कमजोर करने के किसी भी प्रयास के खिलाफ प्रतिरोध प्रदान करेगा, खासकर पश्चिमी फिलीपीन सागर में.

मिसाइल हथियार प्रणाली फिलीपींस को उस क्षेत्र में रणनीतिक जल क्षेत्र की रक्षा करने में मदद करेगी, जिसमें दुनिया के कुछ सबसे व्यस्त समुद्री मार्ग शामिल हैं. दूसरी ओर मनीला द्वारा इसकी खरीद नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई पहल "मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड" को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देगी.