फिलीपींस और चीन में क्यों हुआ विवाद
७ अगस्त २०२३सोमवार को फिलीपींस की सरकार ने अपने यहां तैनात चीन के राजदूत को बुलाकर कूटनीतिक आपत्ति दर्ज कराई. यह आपत्ति चीनी नौसैनिकों द्वारा फिलीपींस की एक मालवाहक नौका पर वॉटर कैनन का इस्तेमाल किये जाने को लेकर थी.
रविवार को फिलीपींस की सेना ने कहा था कि उसके एक द्वीप 'सेकंड थॉमस शोएल' पर सैनिकों और सामान को पहुंचाने गयी नौका पर चीन ने ‘अत्यधिक और आक्रामक' बल इस्तेमाल किया. यह द्वीप दक्षिणी चीन सागर के विवादित हिस्से में है.
घटना के बारे में जानकारी रखने वाले फिलीपीनी अधिकारियों ने समाचार एजेंसी एपी को बताया कि मनीला स्थित देश के विदेश मंत्रालय ने चीनी राजदूत हुआंग शीलियान को सोमवार सुबह समन भेजा और आपत्ति दर्ज करायी. फिलीपींस ने कहा कि चीन के तटरक्षक जहाज ने 1982 के यूएन कन्वेंशन ऑल द लॉ ऑफ द सी का उल्लंघन किया है.
अंतरराष्ट्रीय बना विवाद
अमेरिका, यूरोपीय संघ, ऑस्ट्रेलिया और जापान आदि ने फिलीपींस का समर्थन किया और चीनी जहाज की कार्रवाई पर चिंता जाहिर की. अमेरिका ने दोहराया कि अगर फिलीपींस के नागरिक वाहनों पर दक्षिण चीन सागर समेत कहीं भी हमला होता है तो दोनों देशों के बीच संधि के तहत अमेरिका को उनकी रक्षा करनी होगी.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि "पानी की धार से हमला करके और खतरनाक तरीके से नाव का रास्ता रोककर चीनी जहाजों ने फिलीपींस की अंतरराष्ट्रीय जल में वैध गतिविधियों की आजादी में दखलअंदाजी की और उसकी नौका व यात्रियों को खतरे में डाला.” उन्होंने कहा कि ऐसी गतिविधियां क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए सीधा खतरा हैं.
उधर चीन ने कहा कि यह पूरी तरह से एशिया का मामला है और अमेरिका इसमें दखलअंदाजी करना बंद करे. यह घटना शनिवार को हुई थी, जो असल में चीन, फिलीपींस, वियतनाम, मलयेशिया, ताइवान और ब्रुनेई के बीच इस इलाके को लेकर लंबे समय से जारी विवाद की एक और कड़ी थी.
दक्षिणी चीन सागर में विवाद
दक्षिण चीन सागर दुनिया के सबसे व्यस्त समुद्री रास्तों में से है. हालांकि इस इलाके को लेकर जारी विवाद को एशिया के सबसे खतरनाक विवादों में गिना जाता है. अमेरिका और चीन के बीच भी इस विवाद को एक चिंगारी की तरह देखा जाता है.
तमाम अंतरराष्ट्रीय फैसलों के बावजूद चीन इस मार्ग पर अपना दावा करता है. मसलन, 2016 में द हेग स्थित पर्मानेंट कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन ने इस दावे को खारिज कर दिया था. लेकिन चीन ने कहा कि वह इस फैसले को नहीं मानता.
चीन लंबे समय से मांग करता आया है कि फिलीपींस शोएल द्वीप पर तैनात अपने छोटे से रक्षा बल को हटा ले और वहां मौजूद बीआरपी सिएरा माद्रे जहाज को भी ले जाए. यह जहाज हालांकि अब खस्ता हालत में है लेकिन अब भी इसे कमीशन हासिल है. इस जहाज को 1999 में वहां तैनात किया गया था और अब यह द्वीप पर फिलीपींस के कब्जे के प्रतीक के रूप में वहां खड़ा है.
चीनी जहाज अक्सर इस द्वीप पर जाने वाली फिलीपीनी नौकाओं का रास्ता रोकते हैं या उनका पीछा करते हैं. द्वीप को चारों ओर से मछली पकड़ने वाली चीनी नौकाओं ने घेर रखा है. हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि इन नौकाओं पर हथियारबंद चीनी मिलिशिया सवार हैं.
वीके/सीके (एपी, रॉयटर्स)