पाकिस्तान को चीन की मदद जारी रहने का वादा
२ नवम्बर २०२२पाकिस्तान विनाशकारी बाढ़ आने के पहले से ही भुगतान संकट से जूझ रहा है. बाढ़ से देश को 40 अरब डॉलर से ज्यादा का नुकसान हुआ है जिससे उसकी आर्थिक स्थिति और खराब हो गई है. उम्मीद की जा रही थी कि पाकिस्तान चीन से कर्ज में राहत की मांग करेगा. फिलहाल दोनों देशों के बीच आपसी कर्ज 23 अरब डॉलर तक जा पहुंचा है.
चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा
बीजिंग के ग्रेट हॉल ऑफ द पीपुल में पाकिस्तान के प्रधानमत्री से मुलाकात के दौरान राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि दोनों देशों को आर्थिक गलियारे के निर्माण पर तेजी से आगे बढ़ना चाहिए. इसके साथ ही उनका कहना था कि ग्वादर बंदरगाह के लिए बुनियादी ढांचे के निर्माण में भी तेजी लाइ जानी चाहिए.
पाकिस्तान में विकास और परियोजनाएं शी जिनपिंग की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव का हिस्सा है जिनके जरिये चीन एशिया, अफ्रीका और यूरोप से जुड़ने के लिए सड़क, रेल और जलमार्गों के विकास पर काम कर रहा है. पाकिस्तान इस इनिशिएटिव की एक प्रमुख कड़ी है. राष्ट्रपति जिनपिंग का कहना है कि चीन पाकिस्तान के साथ डिजिटल इकोनॉमी, ई कॉमर्स, फोटो वोल्टाइक टेक्नोलॉजी और ऊर्जा से जुड़े नये क्षेत्रों में काम करना चाहता है.
शी जिनपिंग के तीसरी बार देश का राष्ट्रपति बनना तय होने के बाद शहबाज शरीफ उन पहले नेताओं में हैं जो उनसे मिले हैं. पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने के बाद यह उनकी पहली चीन यात्रा है.
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चीन पाकिस्तान में खनन और बुनियादी ढांचे की बड़ी परियोजनाओं में निवेश कर रहा है. इसमें ग्वादर बंदरगाह का निर्माण भी शामिल है जो 65 अरब डॉलर की लागत वाले चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे का हिस्सा है. शी ने यह भी कहा है कि दोनों देशों को ऐसी परिस्थितियां बनाने पर काम करना चाहिए जिससे कि मेनलाइन-1 अपग्रेडिंग प्रोजेक्ट और कराची सर्कुलर रेलवे प्रोजेक्ट को जल्दी से शुरू किया जा सके. चीन के सरकारी टीवी चैनल सीसीटीवी के मुताबिक चीन ने पाकिस्तान को 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली रेल सेवा के लिए तकनीक मुहैया कराने का भी वादा किया है.
चीनी नागरिकों के सुरक्षा की चुनौती
पाकिस्तान में चीन की मदद से बन रही परियोजनाओं को लेकर सुरक्षा की गंभीर चुनौतियां सामने आई हैं लेकिन शी जिनपिंग का कहना है कि इनके बावजूद चीन पाकिस्तान को मदद देता रहेगा. चीन के हजारों कामगार इन परियोजनाओं में काम कर रहे हैं हालांकि सभी पाकिस्तानी उनकी मौजूदगी को पसंद नहीं करते. इसी साल अप्रैल में तीन चीनी नागरिकों और उनके ड्राइवर को आत्मघाती हमलावर ने उनकी वैन उड़ा कर हत्या कर दी. चीन के बनाये कंफ्यूशियस इंस्टीट्यूट के प्रमुख और दो टीचर मरने वालों में शामिल हैं. यह संस्थान पाकिस्तान में चीनी भाषा की पढ़ाई कराता है. बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी.
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चीनी हितों को यहां पाकिस्तानी तालिबान भी निशाना बना रहा है. पिछले साल खैबर पख्तूनख्वाह में एक बस पर हमले में 9 चीनी नागरिकों की जान गई थी. इस हमले में चार पाकिस्तानी नागरिक भी मारे गए. शी जिनपिंग ने सुरक्षा मामले पर कहा कि वह, "पाकिस्तान में चीनियों की सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित हैं और उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान सहयोग करने वाले चीनी संस्थानों और लोगों सुरक्षित और भरोसेमंद वातावरण उपलब्ध करायेगा."
शहबाज शरीफ के कार्यालय की तरफ से जारी बयान में शी जिनपिंग को पाकिस्तान के राहत, पुनर्वास और पुनर्निमाण की कोशिशों में मदद के लिए आभार जताया गया है. इसमें यह भी कहा गया है कि दोनों पक्ष ने परियोजनाओं में तेजी लाने पर सहमति जताई और अफगानिस्तान में चीन के निवेश को बढ़ाने पर चर्चा की है.
चीन और पाकिस्तान के बीच शीतयुद्ध के जमाने से ही सहयोग और संबंध चला आ रहा है. दोनों देशों का भारत से तनाव भी इस रिश्ते में कुछ भूमिका निभाता है. चीन ने पाकिस्तान में बिजली और दूसरे बुनियादी ढांचों के विकास की अरबों डॉलर की परियोजनाओं का वादा किया है.
एनआर/ओएसजे (एएफपी, रॉयटर्स)