राजस्थान में फिर भड़की सांप्रदायिक हिंसा
३ मई २०२२पुलिस के मुताबिक झड़प सोमवार दो मई को रात 11 बजे के बाद हुई. जोधपुर के जालोरी गेट इलाके में कुछ लोगों ने परशुराम जयंती मनाने के लिए धार्मिक झंडे लगाए थे. पुलिस के हवाले से मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि झंडे ऐसी जगह लगाए थे, जिसके पास ही नमाज अदा की जाती है.
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक स्थानीय मुस्लिम उसी जगह पर ईद पर एक धार्मिक झंडा फहराते हैं और इसी वजह से झंडों को ले कर दोनों समुदायों के बीच विवाद हो गया. पुलिस के हस्तक्षेप के बावजूद दोनों गुटों के बीच पथराव शुरू हो गया.
ईद पर तनाव
बताया जा रहा है कि पथराव में चार पुलिसकर्मी भी घायल हो गए. भीड़ को तीतर बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी दागे. मंगलवार सुबह ईद के मौके पर इलाके में नमाज पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में अदा की गई. शहर में अभी भी तनाव बना हुआ है.
इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी गई हैं. जोधपुर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गृह क्षेत्र है. उन्होंने "शांति एवं व्यवस्था बनाए रखने के" निर्देश दिए हैं और लोगों से "भाईचारा" बनाए रखने की अपील की है.
राज्य के अन्य इलाकों में पिछले महीने भी सांप्रदायिक हिंसा भड़की थी. दो अप्रैल को करौली में एक 'शोभायात्रा' के दौरान भड़काऊ नारे लगाए गए और भड़काऊ गाने बजाए गए थे जिसके बाद दो समुदायों के बीच भारी हिंसा हुई.
सांप्रदायिक हिंसा का दौर
उस हिंसा में कम से कम 35 लोग घायल हो गए थे और कई दुकानों और वाहनों को जला दिया गया था. राज्य के और भी कई इलाकों से सांप्रदायिक हिंसा की छिटपुट घटनाओं की खबरें आती रही हैं. इसके साथ साथ देश के और कई राज्यों में भी करीब एक महीने से कई स्थानों पर सांप्रदायिक हिंसा हुई है.
मध्य प्रदेश के खरगोन में पिछले महीने रामनवमी पर करौली की ही तरह एक 'शोभायात्रा' के दौरान भड़काऊ गाने बजाए जाने के बाद हिंसा भड़क उठी.
दो दर्जन से भी ज्यादा लोग घायल हुए थे और कई मकानों को जला दिया गया था. कम से कम एक व्यक्ति की हत्या का मामले भी सामने आया है. खरगोन में अभी भी कर्फ्यू लगा हुआ है और प्रशासन ने लोगों को ईद अपने अपने घरों में ही मनाने के लिए कहा है.