यूरोप का भविष्य तय करने वाला सुपर संडे
९ जून २०२४अगले पांच साल में यूरोपीय संघ की दशा व दिशा कैसी होगी, इसका फैसला करने के लिए यूरोपीय संसद के चुनाव हो रहे हैं. 6 जून से शुरू हुए मतदान के आखिरी चरण में रविवार को ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, बुल्गारिया, क्रोएशिया, साइप्रस, डेनमार्क, एस्टोनिया, फिनलैंड, ग्रीस, जर्मनी, फ्रांस, हंगरी, लिथुएनिया, लक्जमबर्ग, पोलैंड, पुर्तगाल, रोमानिया, स्लोवेनिया, स्पेन और स्वीडन में मतदान हो रहा है.
27 देशों वाले यूरोपीय संघ में करीब 37.3 करोड़ मतदाता हैं. इन मतदाताओं को 720 सीटों के लिए यूरोपीय सांसद चुनने हैं. यूरोपीय संघ के चुनावों में इस बार यूक्रेन युद्ध, किसानों के हित, सुस्त अर्थव्यवस्था, आप्रवासन और धुर दक्षिणपंथ के मुद्दे छाये हुए हैं.
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इनके अलावा यूरोपीय संघ के सामने चीन की चुनौती भी है और डॉनल्ड ट्रंप के दोबारा अमेरिकी राष्ट्रपति बनने की आशंकाएं भी.
क्या सोचते हैं अलग-अलग देशों के वोटर
कई यूरोपीय मतदाताओं को लगता है कि महंगाई भी एक बड़ी समस्या बनी हुई है. दक्षिणपंथी पार्टियां आप्रवासियों को सामाजिक बुराइयों का स्रोत बताने की कोशिश की कर रही हैं. हंगरी में रहने वाले 54 साल के फेरेंक हामारो को लगता है कि यूरोप को उनके दक्षिणपंथी प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान जैसे ताकतवर नेताओं की जरूरत है.
यूक्रेन के साथ लंबी सीमा साझा करने वाले पोलैंड में 51 साल के मतदाता डॉक्टर आंद्रेयेज जिमीयेवस्की कहते हैं, "मैं जबरदस्त सुरक्षा देखना चाहता हूं."
पोल एजेंसियों को आंकड़ों में फ्रांस की धुर दक्षिणपंथी नेता मरीन ले पेन की नेशनल रैली (RN) पार्टी, राष्ट्रपति इमानुए माक्रों को मात देती दिखाई पड़ रही है. सर्वेक्षणों के मुताबिक, ले पेन की पार्टी को 30 फीसदी से ज्यादा वोट मिलने दिख रहे हैं, जबकि माक्रों की उदारवादी रेनेसॉं पार्टी को 14 से 16 प्रतिशत.
फ्रांस के लियों शहर में रहने वाले 83 साल के वोटर अल्बेर्ट कुआलदौं कहते है कि उनके राष्ट्रपति माक्रों अंतरराष्ट्रीय मसलों में बहुत ज्यादा उलझे रहते हैं और यह बात "मुझे डराती है."
यूरोपीय संघ की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जर्मनी में चांसलर ओलाफ शॉल्त्स की पार्टी एसपीडी तीसरे नंबर के आस-पास दिखाई दे रही है. जर्मनी में मध्यमार्गी कंर्जवेटिव पार्टी सीडीयू फिलहाल सबसे आगे है. दूसरे नंबर पर धुर दक्षिणपंथी पार्टी एएफडी नजर आ रही है. जर्मन सरकार में शामिल एसपीडी, ग्रीन पार्टी और एफडीपी, तीनों मिलकर एएफडी से जरा पीछे बताए जा रहे हैं.
फ्रांस, हंगरी के साथ ही इटली में भी प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी की धुर दक्षिणपंथी पार्टी पहले नंबर पर आने की तैयारी कर रही है.
चुनावों में किसकी किस्मत का फैसला
यूरोपीय संघ की नई संसद तय करेगी कि ताकतवर यूरोपीय आयोग को कौन चलाएगा. फिलहाल जर्मनी की पार्टी, सीडीयू की उर्सुला फोन डेय लाएन यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष हैं. कभी अंगेला मैर्केल की सरकार में जर्मनी की रक्षा मंत्री रह चुकीं फोन डेय लाएन दूसरे कार्यकाल के लिए दावेदारी पेश कर चुकी हैं. माना जा रहा है कि फोन डेय लाएन दोबारा ऑफिस संभालने में सफल होंगी.
अधिकांश पोल्स में मध्यमार्गी मुख्यधारा की पार्टियों को ज्यादा सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है. लेकिन धुर-दक्षिणपंथी पार्टियों को मिल रहे समर्थन के चलते नई यूरोपीय संसद का चेहरा बदलना तय है.
रविवार शाम नतीजों से जुड़े शुरुआती रुझान आ जाएंगे. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि युवाओं के वोट भी यूरोपीय संसद का चेहरा तय करने में बड़ी भूमिका निभाएंगे. यूरोपीय संघ के चुनावों में 16 साल के युवाओं को भी मतदान का अधिकार है.
ओएसजे/आरएस (एएफपी, रॉयटर्स)