फ्रांसः गर्भपात को संवैधानिक अधिकार बनाने का इरादा
३० अक्टूबर २०२३फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने रविवार को कहा कि उनकी योजना है कि अगले साल गर्भपात का अधिकार संविधान में शामिल करके इसे "अपरिवर्तनीय" बना दिया जाए. सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखे अपने संदेश में माक्रों ने कहा कि इसका एक मसौदा फ्रांस के सर्वोच्च प्रशासनिक न्यायालय, स्टेट काउंसिल को जल्द भेजा जाएगा. इस साल के अंत तक यह कैबिनेट के सामने पेश किया जाएगा. माक्रों ने कहा, "साल 2024 में महिलाओं के गर्भपात करने के चुनाव से जुड़ा अधिकार अपरिवर्तनीय हो जाएगा."
यह घोषणा उस वादे पर आधारित है, जो माक्रों ने 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर किया था. इसे अमेरिका में गर्भपात का अधिकार खत्म करने वाले न्यायिक फैसले की प्रतिक्रिया के तौर पर देखा जाता है. पिछले साल अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय ने 50 साल पुराने फैसले को पलटते हुए गर्भपात का संवैधानिक अधिकार खत्म कर दिया था.
कैसे होगा संविधान में बदलाव?
फ्रांस के राष्ट्रपति कार्यालय के मुताबिक, संविधान के अनुच्छेद 34 में बदलाव करके यह जोड़ा जाएगा कि "कानून वह स्थितियां निर्धारित करेगा, जिसमें महिलाओं की गर्भपात करवाने की आजादीका इस्तेमाल होगा, जिसकी गारंटी है."
फ्रांस में संवैधानिक बदलाव के लिए जरूरी है कि जनमत-संग्रह कराया जाए या फिर संसद के दोनों सदनों की एक कांग्रेस यानी संयुक्त सभा के 3/5 सदस्यों की सहमति ली जाए. राष्ट्रपति माक्रों इस बदलाव के लिए, संसद में पेश किए गए बिल के बजाए अपना बिल लाकर, दोनों सदनों की कांग्रेस बुला सकते हैं. दूसरे विश्व युद्ध के बाद फ्रांस में ज्यादातर संवैधानिक संशोधन कांग्रेस के वोट के जरिए ही हुए हैं. इस कार्यवाही के लिए संसदीय सदनों की कांग्रेस, पैलेस ऑफ वर्साय में आयोजित होती है.
फ्रांस में गर्भपात कानून क्या कहता है?
1975 में देश में एक कानून पास किया गया, जिसके तहत गर्भ गिराने को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया गया. हालांकि, फ्रांस के संविधान में ऐसा कुछ ठोस नहीं है, जो गर्भपात का अधिकार सुनिश्चित करता हो. पिछले कई सालों से कुछ कानूनों के जरिए गर्भपात की परिस्थितियों को सुधारने की कोशिश की गई. खासकर महिलाओं की सेहत और उनकी पहचान की सुरक्षा और इस प्रक्रिया में आने वाले खर्च का भार औरतों के ऊपर से घटाना.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल फ्रांस में 2,34,000 गर्भपात किए गए. नवंबर 2022 में हुए एक ओपिनियन पोल में 89 फीसदी लोगों ने माना कि गर्भपात को संवैधानिक अधिकार बना दिया जाना चाहिए.
एसबी/वीएस (एएफपी,एपी)