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जर्मन विदेश मंत्री फिर इस्राएल दौरे पर, लेबनान भी जाएंगी

स्वाति मिश्रा
२४ जून २०२४

जर्मनी की विदेश मंत्री अनालेना बेयरबॉक एक बार फिर इस्राएल की यात्रा पर गई हैं. 7 अक्टूबर को हमास के हमले के बाद यह इस्राएल का उनका सातवां दौरा है. बेयरबॉक इस्राएल के अलावा रमल्ला और बेरूत भी जा रही हैं.

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इस्राएल और हमास के बीच जारी युद्ध पर पत्रकारों से बात करतीं जर्मनी की विदेश मंत्री अनालेना बेयरबॉक
जर्मनी की विदेश मंत्री अनालेना बेयरबॉक गाजा में मानवीय सहायता उपलब्ध करवाने के साथ-साथ इस्राएल और लेबनान के बीच बढ़ते तनाव के बीच शांति कायम करने के उपायों को प्रमुखता देंगी. तस्वीर: Ronen Zvulun/REUTERS

24 जून को जर्मनी के पड़ोसी देश लक्जमबर्ग में यूरोपीय संघ (ईयू) के विदेश मंत्रियों की एक बैठक के बाद बेयरबॉक सीधे इस्राएल के लिए रवाना हुईं. यहां वह तेल अवीव में हेर्त्सलीया सिक्यॉरिटी कॉन्फ्रेंस को संबोधित करेंगी. इसका आयोजन राइषमन यूनिवर्सिटी और इंस्टिट्यूट फॉर पॉलिटिक्स एंड स्ट्रैटजी ने किया है.

इस्राएल और हमास के बीच जारी संघर्ष की पृष्ठभूमिक में बेयरबॉक रमल्ला में फलस्तीनी अथॉरिटी के प्रधानमंत्री मोहम्मद मुस्तफा से भी बातचीत करेंगी. इसके बाद वह इस्राएली विदेश मंत्री इस्राएल कात्स से भी मिलेंगी.

गाजा में रेड क्रॉस के दफ्तर के पास हमले में 22 लोगों की मौत

बेयरबॉक लेबनान की राजधानी बेरूत में पीएम मिकाती से मुलाकात करेंगी. यहां भी हिज्बुल्लाह और इस्राएल की सीमा पर बने तनाव और खतरनाक स्थितियों पर बात होने की उम्मीद है.

इस्राएल और गाजा की स्थितियों पर बातचीत के लिए संयुक्त अरब अमीरात रवाना होतीं जर्मनी की विदेश मंत्री अनालेना बेयरबॉक. यह तस्वीर नवंबर 2023 की है.
मार्च में इस्राएल की यात्रा के समय भी जर्मन विदेश मंत्री बेयरबॉक ने कहा था कि केवल एक तत्कालीन मानवीय संघर्षविराम के रास्ते आगे बढ़ते हुए स्थायी युद्धविराम की स्थिति हासिल की जा सकती है और शांति की उम्मीदों को जिंदा रखा जा सकता है. तस्वीर: Michael Kappeler/dpa/picture alliance

हिज्बुल्लाह-इस्राएल में संघर्ष छिड़ने की आशंका

हालिया हफ्तों में लेबनान और इस्राएल के बीच युद्ध छिड़ने की आशंकाएं बढ़ी हैं. इस्राएल के प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू ने 23 जून को कहा कि गजा में जारी युद्ध का "तीव्र चरण" अब खत्म हो रहा है. 7 अक्टूबर को हमास के हमले के बाद पहली बार इस्राएली मीडिया को दिए इंटरव्यू में नेतन्याहू ने कहा, "हमास के साथ युद्ध का तीव्र चरण अब खत्म होने वाला है."

नेतन्याहू और हमास के नेताओं के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट की मांग

नेतन्याहू ने स्पष्ट किया कि इसका मतलब युद्ध खत्म होना नहीं, बल्कि राफा शहर में जारी लड़ाई का धीमा होना है. उन्होंने आगे की रणनीति का संकेत देते हुए कहा कि अब इस्राएल "कुछ फोर्स उत्तर में तैनात कर सकेगा." यह लेबनान के साथ जुड़ी इस्राएली सीमा है. हालांकि, नेतन्याहू ने यह भी कहा कि यह "मुख्य तौर पर रक्षात्मक कारणों से होगा."

इस्राएल और हमास के बीच जारी संघर्ष के बीच एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए इस्राएली प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू.
नेतन्याहू ने संकट का कूटनीतिक समाधान खोजे जाने की उम्मीद भी जताई और यह भी कहा कि वह जरूरत पड़ने पर "अलग तरीके से" भी हल निकाल सकते हैं. उन्होंने कहा, "हम कई मोर्चों पर लड़ सकते हैं और हम ऐसा करने के लिए तैयार हैं."तस्वीर: JACK GUEZ/REUTERS

बेयरबॉक की यात्रा में किन मुद्दों पर होगा फोकस

जर्मन विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बीते हफ्ते बताया कि गजा पट्टी और वहां जारी मानवीय सहायता के अलावा वार्ता में 'दो राष्ट्र समाधान' भी मुख्य पक्ष होगा. जर्मन विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि ईरान अपनी ड्रोनों और मिसाइलों से पूरे क्षेत्र को अस्थिर करना चाहता है. ऐसे में इस्राएल के साथ वार्ता के दौरान मध्यपूर्व एशिया में बार-बार पैदा होने हिंसा के चक्र को रोकने पर भी ध्यान होगा.

विदेश मंत्रालय ने गजा की विकट मानवीय स्थितियों पर कहा है कि इस जरूरी मसले को पीछे नहीं छोड़ा जा सकता है. मंत्रालय ने शांति बनाने पर जोर देते हुए कहा, "जर्मनी महीनों से एक मानवीय विराम का समर्थन कर रहा है, जो कि एक मानवीय संघर्ष विराम की ओर बढ़े और दो-राष्ट्र समाधान की राह बनाए."

जर्मन विदेश मंत्री ने की गाजा में मानवीय संघर्षविराम की अपील

बेयरबॉक पहले भी गजा में युद्धविराम, मानवीय सहायता और दो-राष्ट्र समाधान पर बोलती आई हैं. इस्राएली अखबार दी टाइम्स ऑफ इस्राएल के मुताबिक, अप्रैल में नेतन्याहू के साथ मुलाकात में बेयरबॉक ने कहा था कि "इस्राएल गजा को भुखमरी की ओर ले जा रहा है." उन्होंने नेतन्याहू से अपील की कि उनकी सरकार गजा पट्टी में ज्यादा खाद्य सामग्री भेजने की अनुमति दे. इस्राएली मीडिया के मुताबिक, यह मुलाकात काफी तनावपूर्ण रही थी.

अब लेबनान से इस्राएल के युद्ध का खतरा