जर्मन खुफिया विभाग में रूसी जासूस गिरफ्तार
२३ दिसम्बर २०२२जर्मन शहर कार्ल्सरुहे में मौजूद अभियोजकों का कहना है कि यह मामला सरकार की कुछ खुफिया जानकारियों से जुड़ा है, जो इस साल के दौरान हुई हैं. कार्ल्स एल नाम का यह शख्स जर्मन नागरिक है और उसे बुधवार को बर्लिन में गिरफ्तार किया गया. उसके दफ्तर और आवास की तलाशी ली जा रही है. साथ ही, उससे जुड़े दूसरे लोगों की भी.
रूस के लिए जासूसी
जर्मन न्याय मंत्री मार्को बुशमान ने ट्विटर पर लिखा है, "अगर संदेह की पुष्टि हो जाती है, तो यह रूसी जासूसी के खिलाफ एक बड़े मामले का निबटारा होगा. यह दिखाता है कि हमें कितना सतर्क रहना पड़ता है."
जर्मनी में जासूसी के आरोप में भारतीय दंपति पर मुकदमा
जर्मन खुफिया एजेंसी बीएनडी का कहना है कि आरोपी को जजों के सामने पेश किया जा रहा है और उसे हिरासत में रखा गया है. बीएनडी के प्रमुख ब्रूनो काल का कहना है कि खुफिया एजेंसी ने एक विस्तृत आंतरिक जांच शुरू की है और खुफिया सूचनाओं को बांटने वाले की पहचान कर रही है. उन्होंने यह भी बताया कि संघीय अभियोजकों को इस मामले के लिए तुरंत बुलाया गया है.
काल ने बताया, "हम जांच एजेंसियों के साथ इस मामले को पूरी तरह निपटाने के लिए काम कर रहे हैं." उन्होंने यह भी कहा कि इस बारे में और ब्यौरा फिलहाल नहीं दिया जायेगा, "संयम और समझदारी इस खास मामले में बहुत जरूरी है."
काल ने ने रूस को एक ऐसा खिलाड़ी बताया, "जिसकी अनैतिकता और बल को इस्तेमाल करने की तैयारी से हमें जूझना पड़ता है." काल के बयानों का एक मतलब यह लगाया जा सकता है कि रूस में जर्मन संपर्कों से इस घटना के बाद अलग हुआ जा सकता है.
रूस जर्मनी के संबंधों पर जासूसी का साया
जर्मन सरकार ने अप्रैल में 40 रूसी "जासूसों" को जर्मनी से निष्कासित किया था. कुछ ही दिन पहले ऑस्ट्रिया ने कहा था कि उसने 39 साल के एक ग्रीक नागरिक की पहचान की है, जो रूस के लिए जासूसी कर रहा था.
बीएनडी में जासूस
इससे पहले बीएनडी में जासूस का पता 2014 में चला था. एक आदमी को अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआई के लिए काम करने के आरोप में 8 साल कैद की सजा हुई थी. उस आदमी ने 200 से ज्यादा खुफिया दस्तावेज अमेरिकी अधिकारियों को दिये थे और इसके बदले उसे 80,000 यूरो की रकम मिली थी.
उस शख्स ने अपराध स्वीकार किया था. उसका कहना था कि वह निराश था, ऊब गया था और कुछ चुनौतीपूर्ण काम करना चाहता था. उसने जिन खुफिया जानकारियों को अमेरिकी अधिकारियों से बताया, उनमें विदेशों में तैनात जर्मन एजेंटों की जानकारी भी शामिल थी. उसने ईमेल के जरिये रूसी खुफिया एजेंसी को भी अपनी सेवाएं देने की पेशकश की थी.
एनआर/वीएस (डीपीए, रॉयटर्स)