फ्रांस में शर्म नहीं, गर्व बनी गिजेल पेलिकोट की लड़ाई
१५ सितम्बर २०२४गिजेल पेलिकोट को आज फ्रांस में लोग सिर्फ एक बलात्कार सर्वाइवर के रूप में नहीं जानते. फ्रांस की महिलाओं के लिए वह अब यौन हिंसा के खिलाफ एक मजबूत आवाज बन चुकी हैं. 72 साल की गिजेल पेलिकोट ने यह फैसला किया कि वह अपने साथ हुए यौन अपराधों की सुनवाई निजी नहीं बल्कि सार्वजनिक तौर पर करेंगी.
हर सुनवाई में उनका सामना ऐसे अजनबियों से होता है जिन्होंने उनका बलात्कार किया लेकिन उन्हें उनका चेहरा भी नहीं याद. अदालत में उनके बच्चे भी अक्सर मां के साथ होते हैं. सुनवाई के दौरान वे गिजेल का हाथ थामे नजर आते हैं.
एक बलात्कार सर्वाइवर से समाज क्या उम्मीद करता है? यह कि उसकी पहचान सार्वजनिक ना हो. उसका चेहरा या नाम गलती से भी आम लोगों के सामने ना आए. उनकी पहचान के साथ शर्मिंदगी का बोझ जोड़ दिया जाता है. लेकिन गिजेल ने इस धारणा के खिलाफ जाने का फैसला किया. वह अदालत अपना चेहरा ढक कर नहीं आती. ना ही उनका सिर झुका होता है. ऐसा करके वह फ्रांस में यौन हिंसा के सर्वाइवर के साथ जिस तरीके का बर्ताव होता है उसकी परिभाषा बदल रही हैं.
यही वजह है कि अब गिजेल का समर्थन वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है. बीते शनिवार को फ्रांस के करीब 30 शहरों में महिला अधिकार समूहों ने रैलियां निकाली. इन रैलियों में कई महिलाओं की तख्तियों पर लिखा था "हम सर्वाइवर पर भरोसा करते हैं." रैली में शामिल एक कलाकार ने रॉयटर्स से कहा, "मैं यहां गिजेल और बाकी महिलाओं का समर्थन करने आई हूं क्योंकि हमारे आस पास और भी कई गिजेल हैं.”
पूर्व पति ने दस साल तक अजबनियों से करवाया बलात्कार
गिजेल इस वक्त अपनी जिंदगी का सबसे मुश्किल केस लड़ रही हैं. केस का मुख्य आरोपी उनका पूर्व पति डोमिनिक पी. है. उस पर आरोप है कि उसने पिछले एक दशक में कई अजनबियों से गिजेल का बलात्कार करवाया. वह ऑनलाइन इन अजनबियों से मिलता था. फिर उन्हें घर बुलाकर, उनसे गिजेल का बलात्कार करवाता था. ऐसा करने से पहले वह गिजेल को नींद की गोलियां दे देता था.
दस सालों के दौरान 22 से 74 साल की उम्र के करीब 70 से अधिक अजनबियों ने गिजेल का बलात्कार किया. कोर्ट के दस्तावेजों के मुताबिक उन्हें पता होता था कि गिजेल होश में नहीं हैं. बावजूद इसके किसी ने इसकी शिकायत पुलिस से नहीं की. इनमें से 50 आरोपियों की पहचान अब तक की जा चुकी है.
भारत: कम ही बलात्कार के मामलों में साबित होता है दोष
इस सिलसिले की शुरुआत 2011 में हुई थी.लेकिन इसका पता गिजेल को तब चला जब 2020 में डोमिनिक एक मॉल में लड़कियों की तस्वीरें लेता पकड़ा गया. इसके बाद पुलिस ने उसका फोन और कंप्यूटर जब्त किया. उसके कंप्यूटर में गिजेल के साथ हुए बलात्कार के दर्जनों वीडियो पाए गए. तब जा कर गिजेल को पता चला कि क्यों वह पिछले कुछ सालों से हमेशा थकी हुई और मानसिक रूप से हताश महसूस करती थी. उन्हें लगता था कि शायद उनका मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ता जा रहा है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक डोमिनिक ने अपना अपराध कबूल कर लिया है. साथ ही अन्य आरोपियों को अपराध साबित होने पर कम से कम 20 साल की सजा हो सकती है.
"शर्मिंदा सर्वाइवर नहीं बल्कि आरोपी को होना चाहिए”
7 दिसंबर 1972 को जर्मनी में पैदा हुईं गिजेल, पांच साल की उम्र में अपने परिवार के साथ फ्रांस चली आईं. उनके वकील के मुताबिक वह उन लोगों में से नहीं हैं जो दूसरों के सामने अपनी भावनाएं खुल कर बता सकें. गिजेल ऐसे परिवार से आती हैं जहां एक दूसरे से आंसू छिपाए जाते हैं और सिर्फ हंसी बांटी जाती हैं. उन्होंने अपने वकील से ही कहा था शर्मिंदा उन्हें नहीं बल्कि उनसे बलात्कार करने वालों को होना चाहिए.
इसके बाद ही बेल्जियम की कलाकार एलिन डेसिन ने गिजेल की एक तस्वीर पेंट की. अब इस तस्वीर के साथ महिला अधिकार कार्यकर्ता इस लाइन का इस्तेमाल कर रहे हैं "शर्म अपना पाला बदल रही है." इसका मतलब है कि बलात्कार सर्वाइवर को शर्मिंदगी महसूस करने की जगह आरोपियों को अपने किए पर शर्मिंदा होना चाहिए. गिजेल मानती हैं कि दोषी तो यही चाहते होंगे कि वह शर्मिंदा हो लेकिन वह ऐसा नहीं होने देंगी.
गिजेल अब माजान के उस घर को छोड़ चुकी हैं जहां वह अपने पूर्व पति के साथ रहती थीं. उनका कहना है कि उस घर में उन्हें मांस के लोथड़े और चिथड़े से बई हुई गुड़िया जैसा महसूस करवाया गया. मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें यह लड़ाई आखिर तक लड़नी होगी.
गिजेल हेयरड्रेसर बनना चाहती थीं लेकिन उन्हें टाइपिस्ट बनना पड़ा. अपने करियर में उन्होंने न्यूक्लियर पावर प्लांट के लॉजिस्टिक सर्विस में भी काम किया. अपने तीन बच्चों और सात पोते-पोतियों से साथ वह एक बेहद सामान्य जीवन जी रही थीं. लेकिन 2020 में जब पुलिस ने उनके पूर्व पति को पकड़ा तो गिजेल का पूरा जीवन बदल गया.
उनके एक और वकील एंटनी कामु ने बताया कि गिजेल अब बदल चुकी हैं. वह एक समर्पित पत्नी जिसे वॉक पर जाना और गाना पसंद था, उसकी जगह वह 72 साल की एक ऐसी महिला में तब्दील हो चुकी हैं जो एक लंबी लड़ाई के लिए तैयार है.
महिला अधिकार आंदोलन का चेहरा बनीं गिजेल
गिजेल के केस के जरिए अब महिला हिंसा का मुद्दा एक बार फिर फ्रांस में केंद्र में है. यूरोपियन इंस्टिट्यूट फॉर जेंडर इक्वॉलिटी के मुताबिक फ्रांस में करीब 44 फीसदी महिलाएं हिंसा का सामना करती हैं. यह आंकड़ा यूरोपीय संघ के कुल आंकड़ों से 11 फीसदी अधिक है. औसतन हर तीसरे दिन फ्रांस में एक महिला की मौत अपने साथी द्वारा की गई हिंसा के कारण होती है. आंकड़े बताते हैं कि साथियों द्वारा की जाने वाली महिला हिंसा पर रोक लगाने के लिए फ्रांस को हर साल 14 अरब यूरो खर्च करने पड़ सकते हैं.
गिजेल का मामला सिर्फ यौन हिंसा के आंकड़ों से नहीं बल्कि हिंसा के बाद सर्वाइवर के साथ जिस तरीके से समाज बर्ताव करता है उससे भी जुड़ा है. आमतौर पर ऐसी हिंसा के बाद सर्वाइवर को ही शर्मिंदा किया जाता है. लेकिन गिजेल इस मानसिकता को बदल रही हैं.
बलात्कार की परिभाषा पर यूरोपीय संघ में मतभेद
गिजेल नहीं चाहती हैं कि इस केस के जरिए वह सबके लिए रोल मॉडल बन जाएं. लेकिन वह यह भी नहीं चाहतीं कि उनकी यह लड़ाई बेकार जाए. उनका मकसद अपने केस के जरिए लोगों को यौन हिंसा के खिलाफ जागरूक करना है.
केस की सुनवाई के दौरान अक्सर कोर्ट रूम के बाहर गिजेल के समर्थन में महिलाएं इकट्ठा होती हैं. इनमें से ही एक ने कहा, "गिजेल जो कर रही हैं वह हिम्मत का काम है. वह कई बच्चों, महिलाओं और यहां तक कि पुरुषों के लिए भी आवाज उठा रही हैं जिन्होंने यौन शोषण का सामना किया है."
आरआर/ओएसजे (रॉयटर्स, एएफपी)