गुजरात: गरबा पर पथराव के कथित आरोपियों की सरेआम पिटाई
५ अक्टूबर २०२२खेड़ा जिले के उंधेला गांव का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में पथराव के कथित आरोपियों की सादे कपड़े पहने लोग पिटाई कर रहे हैं. वीडियो में एक शख्स चिल्ला रहा है "मुझे माफ कर दो, मुझे माफ कर दो." इस शख्स को बिजली के खंभे की दूसरी ओर से एक व्यक्ति पकड़े हुए है और उसके चारों तरफ सादे कपड़े वाले लोग खड़े हुए हैं, जिनके हाथों में डंडे हैं.
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आरोप हैं कि वे पुलिसकर्मी हैं. पिटाई करने वाले एक व्यक्ति की कमर पर पिस्तौल बंधी है. पहले व्यक्ति की पिटाई के बाद दूसरे आरोपी को लाया जाता है. वह भी कहता है, "साहब माफ कर दो."
सोशल मीडिया पर यह वीडियो वीटीवी गुजराती न्यूज एंड बियॉन्ड ने डाला है.
चौराहे पर पिटाई और जयकारा
वीडियो में गांव के चौराहे पर लोगों की भीड़ जमा दिख रही है और वे पिटाई से उत्साहित नजर आ रही है. वीडियो में "भारत माता की जय" के नारे भी सुनाई पड़ रहे हैं. सैकड़ों की संख्या में लोग खड़े होकर इस पिटाई को देख रहे हैं. भीड़ में बच्चे, बूढ़े और महिलाएं भी मौजूद हैं.
वीटीवी गुजराती न्यूज एंड बियॉन्ड का यह वीडियो कुल 1.16 मिनट का है. पिटाई के बाद पथराव के कथित आरोपी भीड़ के सामने हाथ जोड़कर माफी मांगते हैं तो वहां मौजूद लोग खुशी से झूमते नजर आते हैं और हाथों को हवा में उछालने लगते हैं.
एक के बाद एक करके करीब 5 से 6 आरोपियों की इस तरह से पिटाई की जाती है और उसके बाद वे पास ही में खड़ी पुलिस वैन में बैठाए जाते हैं. सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद विपक्ष ने कार्रवाई की मांग की है और कहा है कि जो सादी कमीज में पिटाई करने वाला व्यक्ति है वह पुलिस अधिकारी है. जमालपुर-खाडिया से कांग्रेस के विधायक इमरान खेड़ावाला ने इस वीडियो का जिक्र करते हुए राज्य के डीजीपी को ट्विटर पर टैग करते हुए लिखा, "आरोपियों को एक खंभे से बांध दिया गया और पुलिस ने उन्हें सार्वजनिक रूप से डंडे मारे और ग्रामीणों ने ताली बजाई. आरोपियों को दंडित करने के लिए कानून-व्यवस्था और एक अदालत है. किसी को भी कानून हाथ लेने का अधिकार नहीं है. अगर रखवाला ही भक्षक बन जाए तो लोकतंत्र में यह काम नहीं करता. कानून को हाथ में लेने वाले अधिकारियों को तत्काल निलंबित किया जाए."
मीडिया की रिपोर्टों में कहा जा रहा है जिन लोगों को खंभे के साथ लगाकर पीटा गया उनकी पहचान नहीं हो पाई है लेकिन पुलिस ने पुष्टि की कि सोमवार रात गरबा को कथित रूप से बाधित करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए सभी दस मुस्लिम समुदाय के हैं.
मध्य गुजरात मुस्लिम समाज सेवा समिति के अध्यक्ष अब्दुल करीम मलिक ने कहा कि पथराव इसलिए हुआ "क्योंकि एक गलतफहमी हो गई कि दंगा भड़क गया. गरबा खेलते समय जोर-जोर से चीख-पुकार मच गई थी."
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क्या है आरोप
खेड़ा जिले के उंधेला गांव में सोमवार की रात गरबा आयोजन के दौरान अन्य समुदाय के लोगों ने कथित पर पथराव किया था. पत्थरबाजी का आरोप समुदाय विशेष के 43 लोगों पर लगा था. बताया जा रहा है कि मुस्लिम समुदाय के लोगों ने गांव में एक मस्जिद के पास गरबा आयोजित करने को लेकर विरोध किया था. और आरोप है कि भीड़ ने आयोजन स्थल पर पथराव किया था जिसमें एक पुलिसकर्मी समेत सात लोग घायल हो गए थे.
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने आईजीपी (अहमदाबाद रेंज) वी चंद्रशेखर के हवाले से लिखा, "अभी तक वीडियो की वास्तविकता का पता लगाना बाकी है."
वहीं खेड़ा जिले के एसपी राजेश गढ़िया ने कहा कि वह "कथित वीडियो को देखेंगे."
ट्विटर पर इस वीडियो को कुछ लोग साझा करते हुए इस कार्रवाई के लिए गुजरात पुलिस की सराहना कर रहे हैं. गुजरात में ही गरबा से संबंधित एक अलग घटना में सोमवार रात एक जगह पर तैनात बाउंसरों पर डंडों से लैस कुछ लोगों द्वारा हमला किए जाने के बाद सूरत में झड़प हो गई. पुलिस ने कहा कि दो बाउंसर घायल हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया.
एक घायल बाउंसर मुस्लिम समुदाय से था और उसने आरोप लगाया कि गरबा आयोजन में काम करने के लिए उस पर हमला किया गया.