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समाज

हार्ले डेविडसन ने भारत में कारोबार समेटा

२५ सितम्बर २०२०

दिग्गज बाइक निर्माता हार्ले डेविडसन ने कहा है कि वह भारतीय बाजार से बाहर होगी. हार्ले ने कहा है कि वह बाइक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को बंद करेगी. वह पिछले 10 साल से भारतीय बाजार में मौजूद है लेकिन पैठ नहीं बना पाई.

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तस्वीर: picture alliance/I. Kralj

अमेरिकी बाइक कंपनी हार्ले डेविडसन की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट हरियाणा में स्थित है और उसने इसे बंद करने की घोषणा की है. कंपनी ने एक बयान में कहा है कि वह बिक्री कार्यालय को भी काफी हद तक सीमित करेगी. कंपनी का कहना है कि वह अपने कारोबार का पुनर्गठन कर रही है जिसके तहत भारत में "बिक्री और उत्पादन यूनिट को बंद करने का फैसला संचालन मॉडल और बाजार संरचना के वैश्विक बदलाव का हिस्सा है."

दुनिया के सबसे बड़े मोटरसाइकिल बाजार में हार्ले डेविडसन ने 2011 में अपना प्लांट खोला था. लेकिन इतने साल बीत जाने के बावजूद कंपनी भारतीय बाजार पर मजबूत पकड़ नहीं बना पाई. उसका मुकाबला स्थानीय ब्रांड हीरो मोटोकॉर्प और साथ ही होंडा मोटरसाइकिल से रहा. होंडा मोटोकॉर्प की मालिक जापान की होंडा मोटर है. कंपनी को 100 फीसदी आयात शुल्क से भी जूझना पड़ रहा था.

Harley Davidson Biker in Tschechien
हार्ले डेविडसन दुनियाभर में लोकप्रिय बाइक है.तस्वीर: Reuters/D. W. Cerny

भारत, एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है लेकिन यहां ग्राहकों की मांग धीमी हो गई थी और इसके बाद कोरोना वायरस का प्रभाव भी मांग पर पड़ा है. अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप भारत को "टैरिफ किंग" कहने के साथ ही ऊंचे आयात शुल्क की शिकायत भी कर चुके थे. जिसके बाद भारत ने शुल्क को 50 फीसदी तक कम कर दिया लेकिन यह ब्रांड ग्राहकों को अपनी ओर खींचने में असफल रहा.कंपनी का कारोबार समेटना भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए एक झटके की तरह है. क्योंकि मोदी मेक इन इंडिया रणनीति को आगे बढ़ा रहे हैं और उन्होंने इसके तहत विदेशी निवेशकों से भारत में निवेश करने का आग्रह किया है.

पिछले साल अमेरिकी दिग्गज ऑटो कंपनी फोर्ड ने अपनी ज्यादातर भारतीय संपत्ति महिंद्रा एंड महिंद्रा को ट्रांसफर कर दी थी. कंपनी ने ऐसा इसलिए किया था क्योंकि वह बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने में नाकाम हो रही थी. साल 2017 में अमेरिकी कार कंपनी जनरल मोटर्स ने बाजार में पैठ बनाने में नाकाम रहने के बाद कार बिक्री बंद कर दी थी. भारतीय कार बाजार पर सुजुकी का प्रभुत्व है, उसका 50 फीसदी कार बाजार पर कब्जा है. भारतीय ग्राहक गाड़ी खरीदने को लेकर कीमतों पर काफी ध्यान देते हैं और सुजुकी की कारें अन्य कारों के मुकाबले थोड़ी सस्ती होती हैं.

कोरोना वायरस के कारण वाहनों की बिक्री धीमी हो गई थी लेकिन अगस्त के महीने में कार की बिक्री में थोड़ी तेजी देखने को मिली.

एए/सीके (एएफपी)

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