यूएई में सैकड़ों अफगान मनमाने ढंग से कैद: ह्यूमन राइट्स वॉच
१७ मार्च २०२३ह्यूमन राइट्स वॉच (एचआरडब्लयू) के मुताबिक लगभग 2700 अफगान नागरिक जिन्हें काबुल से बचाया गया था, लेकिन जो कहीं और बसने के योग्य नहीं पाए गए थे, वे पिछले पंद्रह महीनों से संयुक्त अरब अमीरात में फंसे हुए हैं. एचआरडब्लयू ने यूएई के अधिकारियों पर उन्हें जबरन हिरासत में रखने का आरोप लगाया है.
अवसाद से पीड़ित कई अफगान
एचआरडब्लयू का कहना है कि इनमें से कई अफगान नागरिक अवसाद और अन्य मनोवैज्ञानिक समस्याओं से पीड़ित हैं और किसी भी कानूनी सहायता तक उनकी पहुंच नहीं है. इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इन अफगान नागरिकों के बच्चों की पढ़ाई का कोई इंतजाम नहीं है.
आबू धाबी में अफगानों के लिए एक विशेष केंद्र पर रिपोर्ट में कहा गया है, "भीड़भाड़, खराब बुनियादी ढांचे और कीड़ों की बहुतायत के साथ रहने की स्थिति बेहद खराब है."
यूएई के एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि यूएई इस संबंध में अमेरिका और अन्य अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ चर्चा में लगा हुआ है, लेकिन अफगान नागरिकों को उस समझौते का पालन करना होगा जिसके तहत उन्हें यूएई में लाया गया था और कहीं और बसाया जाना चाहिए.
जबरन हिरासत में रखने का आरोप
उस अधिकारी ने अफगान नागरिकों की हिरासत पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. उसने हालांकि कहा, "हम जानते हैं कि यहां एक समस्या है और यह मामला पूरा होने में निर्धारित समय से अधिक समय ले रहा है."
यूएई के अधिकारियों के अनुसार उनका देश अफगान नागरिकों की सुरक्षा, सुरक्षा और सम्मान का संरक्षक है और उन्हें उच्च गुणवत्ता वाले आवास, स्वच्छता, स्वास्थ्य, शिक्षा और भोजन मुहैया करा रहा है.
दूसरी ओर ह्यूमन राइट्स वॉच ने कहा है कि इस मुद्दे पर यूएई के आंतरिक मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के अनुरोध के बावजूद कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है.
अमेरिकी विदेश विभाग की ओर से ह्यूमन राइट्स वॉच को भेजे गए एक पत्र में उसने कहा है कि अमेरिका सभी पात्र अफगान नागरिकों के पुनर्वास के लिए प्रतिबद्ध है.
तालिबान की वापसी के बाद से ही हजारों की संख्या में लोग अफगानिस्तान छोड़ चुके हैं और वहां रहने वाले भी किसी तरह से देश से बाहर जाने की कोशिशों में लगे हुए हैं.
पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र ने कहा था कि अफगानिस्तान के कम से कम 2.8 करोड़ लोगों को इस साल मानवीय सहायता की जरूरत होगी. संयुक्त राष्ट्र की विशेष प्रतिनिधि रोजा इसाकोवना ओटुनबायेवा ने सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा कि मानवीय आवश्यकता पर 4.62 अरब डॉलर खर्च होंगे, जो अब तक की सबसे बड़ी अपील है.
एए/सीके (रॉयटर्स)