टिड्डियों के झुंड से किसानों को राहत मिलेगी?
२० फ़रवरी २०२०टिड्डियों के हमले से होने वाले नुकसान से किसानों को बचाने के लिए भारत ड्रोन और खास तरह के दूसरे उपकरण खरीदने जा रहा है. अधिकारियों का कहना है कि इन उपकरणों का इस्तेमाल टिड्डियों पर नजर रखने के लिए किया जाएगा. साथ ही कीटनाशकों का छिड़काव कर फसलों को बचाने की कोशिश की जाएगी. साल की शुरुआत में अधिकारी रेगिस्तानी टिड्डियों के प्रकोप को नियंत्रित करने में सफल रहे थे लेकिन पड़ोसी देश पाकिस्तान में टिड्डियों के हमले ने भारत में गेहूं और तिलहन जैसी फसलों की सुरक्षा को लेकर उनकी की चिंता बढ़ा दी है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स को एक सूत्र ने जानकारी दी, "भारी मात्रा में कीटनाशक की उपलब्धता सुनिश्चित करने के अलावा हम ड्रोन और स्प्रेयर खरीद रहे हैं ताकि हमले से निपटने में तत्परता बरती जा सके." टिड्डी एक दिन में 150 किलोमीटर तक उड़ सकती है और एक व्यस्क टिड्डी अपने वजन के बराबर का खाना खा सकती है. एक अनुमान के मुताबिक, एक बहुत छोटा झुंड एक दिन में करीब 35,000 लोगों का खाना खा जाता है.
टिड्डी दल के हमले के कारण फसलों और चारागाहों को व्यापक नुकसान पहुंचा है. कई देशों में खाद्य सुरक्षा को लेकर खतरा पैदा हो गया है. भारतीय महासागर, पूर्वी अफ्रीका जिनमें सोमालिया, इथियोपिया, केन्या इरिट्रिया और जिबूती में टिड्डियों के हमले का सामना करना पड़ा है. यही नहीं टिड्डी दल तंजानिया, युगांडा और अब दक्षिण सूडान तक पहुंच चुके हैं. हाल ही में पाकिस्तान ने टिड्डियों के झुंड के हमले के मद्देनजर राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की थी. पिछले दो दशक में पाकिस्तान टिड्डियों के हमले के सबसे खराब दौर का सामना कर रहा है.
भारत में एक अधिकारी ने बताया कि सरकार पश्चिमी और उत्तरी राज्यों के संवेदनशील इलाकों में अधिकारियों को भेज कर यह आकलन करने की कोशिश कर रही है कि स्थानीय अधिकारी टिड्डियों के किसी भी संभावित हमले से निपटने के लिए किस तरह से तैयारी कर रहे हैं. सूत्र ने बताया कि, "हम पाकिस्तान की स्थिति पर भी नजर बनाए हुए हैं." सूत्र का कहना है कि भारतीय और पाकिस्तानी अधिकारी पूरी स्थिति की समीक्षा के लिए कई बार मिल भी चुके हैं. जब सरकारी अधिकारी से यह पूछा गया कि क्या भारत टिड्डियों से निपटने के लिए पाकिस्तान को कीटनाशक की सप्लाई करेगा तो उस अधिकारी ने कहा, "अब तक सरकार को पाकिस्तान से ऐसा कोई अनुरोध नहीं मिला है."
भारत पहले से ही कई देशों को कीटनाशक बेच रहा है. नाम नहीं बताने की शर्त पर कीटनाशक कंपनी के एक अधिकारी ने कहा, "अगर पाकिस्तान को जरूरत है और हमारी सरकार इसकी इजाजत देती है तो हम सप्लाई के लिए तैयार हैं. कई देशों में हमारे उत्पादन इकाइयां हैं. मांग को देखते हुए हम विशेष कीटनाशक के उत्पादन को बढ़ा भी सकते हैं." राजस्थान और गुजरात के कई गांव जो कि पाकिस्तान की सीमा से सटे हैं, वह टिड्डियों के हमले को लेकर खासतौर पर ज्यादा संवेदनशील माने जाते हैं.
इसके पहले सबसे खतरनाक हमला 1993 में हुआ था. उस वक्त भारत-पाकिस्तान सीमा के पास भारी बारिश के कारण टिड्डियों के लिए प्रजनन कीअनुकूल स्थिति बन गई थी.
एए/एनआर (रॉयटर्स)
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