बृजभूषण के बेटे को टिकट,साक्षी ने कहा देश की बेटियां हार गईं
३ मई २०२४छह बार के सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष रहे बृजभूषण शरण सिंह के उत्तर प्रदेश की कैसरगंज सीट से चुनाव लड़ने को लेकर जारी कई हफ्तों की अटकलों का अंत गुरुवार को हो गया, जब बीजेपी ने उनकी जगह उनके बेटे करण भूषण सिंह को वहां से उम्मीदवार बना दिया.
बृजभूषण के छोटे बेटे करण भूषण उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ के अध्यक्ष हैं. वह गोंडा जिले के नवाबगंज में एक सहकारी बैंक के अध्यक्ष भी हैं.
बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है, जिसकी वजह से उन्हें पद से इस्तीफा देना पड़ा था. महिला पहलवानों ने सिंह के खिलाफ दिल्ली में जंतर-मंतर पर कई दिनों तक विरोध प्रदर्शन भी किया था.
इन प्रदर्शनों का नेतृत्व देश के जाने माने पहलवानों ने किया था, जिनमें बजरंग पुनिया, साक्षी मलिका और विनेश फोगाट शामिल थीं.
छह बार के सांसद को लेकर बढ़ते दबाव और यौन उत्पीड़न के आरोपों के बीच बृजभूषण को बदलने का बीजेपी का फैसला आया है. पिछले साल जून में दिल्ली पुलिस ने इस मामले में बृजभूषण शरण के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी.
"बेटियां हार गईं"
2020 के टोक्यो ओलंपिक में कांस्य मेडल जीतने वाले और बृजभूषण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले पहलवानों में से एक बजरंग पुनिया ने सिंह के बेटे को टिकट दिए जाने पर एक्स पर लिखा, "बीजेपी खुद को दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी मानती है, पर उसने अपने लाखों कार्यकर्ताओं में से बृजभूषण के बेटे को टिकट दिया, वो भी तब जब बीजेपी प्रज्वल रेवन्ना के मुद्दे पर घिरी हुई है."
उन्होंने कहा, "यह देश का दुर्भाग्य है कि मेडल जीतने वाली बेटियां सड़कों पर घसीटी जाएंगी और उनका यौन शोषण करने वाले के बेटे को टिकट देकर सम्मानित किया जाएगा."
रियो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली साक्षी मलिक ने एक्स पर लिखा, "देश की बेटियां हार गईं, बृजभूषण जीत गया. हम सभी ने अपना करियर दांव पर लगाया, कई दिन धूप-बारिश में सड़क पर सोये. आज तक बृजभूषण को गिरफ्तार नहीं किया गया है. हम कुछ नहीं मांग रहे थे. सिर्फ इंसाफ की मांग थी."
उन्होंने आगे कहा, "गिरफ्तारी छोड़ो, आज उसके बेटे को टिकट देकर आपने देश की करोड़ों बेटियों का हौसला तोड़ दिया है. टिकट जाएगा तो एक ही परिवार में, क्या देश की सरकार एक आदमी के सामने इतनी कमजोर होती है."
बृजभूषण के बेटे को टिकट क्यों
मीडिया में कहा जा रहा है कि बृजभूषण का कैसरगंज निर्वाचन क्षेत्र में गहरा प्रभाव है और उन्होंने उत्तर प्रदेश में गोंडा और बलरामपुर निर्वाचन क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व किया है. बीजेपी इस क्षेत्र में छह बार के सांसद के राजनीतिक प्रभाव को समझती है. इसलिए, पार्टी ने बृजभूषण के बदले बेटे को चुना है.
बेटे को टिकट मिलने के बाद बृजभूषण ने मीडिया से बातचीत में पार्टी का आभार जताया है. कैसरगंज सीट को लेकर उन्होंने कहा, "हमें नहीं लगता है कि यहां कोई चुनौती है. कैसरगंज में कभी चुनौती थी ही नहीं."
कांग्रेस ने बृजभूषण के बेटे को टिकट दिए जाने पर बीजेपी पर तीखा हमले करते हुए कहा है कि इस पार्टी में थोड़ी भी "नैतिकता" नहीं है. कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा, "जब हम सोच रहे थे कि प्रज्वल रेवन्ना मामले ने भाजपा की चरित्रहीनता के सबसे निचले स्तर को उजागर कर दिया है, तब उन्होंने दिखाया कि गिरने के मामले में उनका कोई निचला स्तर है ही नहीं."
रमेश ने आगे लिखा, "अब उन्होंने कई महिला पहलवानों से यौन शोषण के आरोपी बृजभूषण शरण सिंह को सम्मानित करते हुए उसके बेटे को टिकट दिया है. यह एक ऐसी पार्टी है जिसमें थोड़ी भी नैतिकता नहीं है. इसका नेतृत्व एक ऐसे व्यक्ति के हाथ में है, जिसका मक्सद सिर्फ और सिर्फ सत्ता में बने रहना है, चाहे इसके लिए किसी भी हद तक क्यों न गिरना पड़े."
पिछले साल जब बृजभूषण के करीबी संजय सिंह को भारतीय कुश्ती महासंघ का अध्यक्ष चुना गया था तब साक्षी मलिक ने पहलवानी छोड़ने का ऐलान किया था.