2021 में अमेरिका जाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या बढ़ी
८ अप्रैल २०२२अमेरिका में चीनी छात्रों की संख्या सबसे ज्यादा है लेकिन पिछले साल उनकी संख्या में आठ प्रतिशत की कमी हुई जबकि भारत के छात्र 12 प्रतिशत बढ़ गए. अमेरिकी सरकार द्वारा जारी एक रिपोर्ट में ये आंकड़े दिए गए हैं. अमेरिका के नागरिकता और प्रवासन सेवा विभाग (USCIS) ने अपनी सालाना रिपोर्ट जारी की है.
यूएससीआईएस की रिपोर्ट कहती है कि कोविड महामारी का असर अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय छात्रों के आने पर 2021 में भी जारी रहा. इसके अनुसार 2021 में एफ-1 और एम-1 वीजा पर कुल 12 लाख 36 हजार 748 लोग आए जो 2020 के मुकाबले 1.2 प्रतिशत कम है. एफ-1, एम-1 और जे-1 वीजा छात्रों को दिए जाते हैं. इनमें से जे-1 वीजा आमतौर पर स्कॉलर एक्सचेंज प्रोग्राम के लिए दिया जाता है.
एशिया से कम हुए छात्र
रिपोर्ट कहती है, "चीन और भारत से आने वाले छात्रों की संख्या ने अमेरिका आने वाले छात्रों में एशिया को सबसे ऊपर बनाए रखा है. लेकिन 2021 में चीन ने 2020 के मुकाबले कम छात्र भेजे जबकि भारत ने ज्यादा छात्र भेजे.” चीनी छात्रों की संख्या में 33,569 की कमी हुई जबकि भारत से 25,391 छात्र ज्यादा अमेरिका गए.
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रिपोर्ट के मुताबिक, "अब भी अमेरिका में कुल अंतरराष्ट्रीय छात्रों का 71.9 फीसदी एशिया से आया. और बाकी एशियाई देशों से कम छात्र अमेरिका गए. इनमें दक्षिण कोरिया (9,430), सऊदी अरब (9,439) और जापान (6,155) शामिल हैं." भारत से जाने वाले कुल छात्रों में 37 प्रतिशत महिलाएं हैं.
अमेरिका में विदेशी छात्रों में चीन अब भी सबसे ऊपर है. पिछले साल उसके 3,48,992 छात्र अमेरिका गए थे. दूसरे नंबर पर भारत है जिसके 2,32,851 छात्र पढ़ने के लिए अमेरिका गए. इनके बाद दक्षिण कोरिया (58,787), कनाडा (37,453), ब्राजील (33,552), वियतनाम (29,597), सऊदी अरब (28,600), ताइवान (25,406), जापान (20,144) और मेक्सिको (19,680) का नंबर आता है.
भारत और चीन के छात्र कुल विदेशी छात्रों का 71.9 फीसदी हैं. सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय छात्र कैलिफॉर्निया गए. यहां 2,08,257 छात्र आए जो कुल छात्रों का 16.8 प्रतिशत था.
रिपोर्ट कहती है कि अमेरिका जाने वाले छात्रों एशिया और ओशेनिया महाद्वीपों से ही कमी दर्ज हुई है, बाकी सभी क्षेत्रों के छात्र बढ़े हैं. अमेरिका पहुंचे विदेशी छात्रों में 224 देशों और क्षेत्रों के नागरिक थे. अंटार्कटिक को छोड़कर हर महाद्वीप के नागरिक अमेरिका में पढ़ने के लिए पहुंचे.
ज्यादातर छात्र उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका गए और लगभग 92 प्रतिशत छात्रों ने बैचलर, मास्टर्स या डॉक्टरेट प्रोग्राम में दाखिला लिया. 2020 के मुकाबले यह संख्या भी बढ़ गई. 2020 में 11 लाख 21 हजार 981 छात्र डिग्री हासिल करने अमेरिका गए थे जबकि 2021 में ऐसे छात्रों की संख्या 11 लाख 42 हजार 352 रही.
विदेश में भारतीय छात्र
यूक्रेन युद्ध की शुरुआत में भारतीय छात्रों के वहां फंस जाने के बाद भारत से पढ़ने के लिए विदेश जाने पर खासा विवाद हुआ था. तब यह सवाल उठा था कि भारतीय छात्रों को पढ़ने के लिए विदेश क्यों जाना पड़ता है.
पिछले साल जुलाई में भारत सरकार ने संसद को सूचित किया था कि विदेशों में भारत के 11 लाख 33 हजार 749 छात्र पढ़ रहे हैं. यह संख्या उस समय की है जब कोविड महामारी अपने चरम पर थी और कई लाख भारतीय छात्र विदेश जा ही नहीं पाए थे.
भारत में पढ़ रहे अफगानी छात्रों का क्या होगा
रेडसीयर नाम की कंसल्टिंग फर्म की एक रिपोर्ट ‘हायर एजुकेशन अब्रॉड' के मुताबिक 2024 तक विदेश में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या लगभग 20 लाख हो जाएगी. रिपोर्ट कहती है, "हमारी रिसर्च के मुताबिक इस वक्त 7,70,000 भारतीय छात्र विदेशों में पढ़ रहे हैं जो 2016 की संख्या 4,40,000 से 20 प्रतिशत ज्यादा है. दूसरी तरफ घरेलू क्षेत्र में वृद्धि सिर्फ 3 प्रतिशत हुई है.”
22 जुलाई को भारत के केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन ने एक सवाल के जवाब में जो जानकारी संसद को दी थी, उसके मुताबिक कनाडा में सबसे ज्यादा दो लाख 15 हजार 720 छात्र पढ़ रहे थे. अमेरिका में दो लाख 11 हजार 930 छात्र थे. ऑस्ट्रेलिया में 92 हजार से ज्यादा और सऊदी अरब में लगभग 81 हजार भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे थे. सूडान में दस और ब्राजील में सबसे कम 4 भारतीय छात्र मौजूद थे.