आसियान बैठक में गुट की प्रासंगिकता का सवाल अहम
५ सितम्बर २०२३दक्षिणपूर्व एशियाई देशों के 10 सदस्यीय संगठन के सम्मेल का उद्घाटन मंगलवार को इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने किया. विडोडो ने कहा कि समूह को एक ऐसी "दीर्घकालिक सामरिक रणनीति" तैयार करनी चाहिए जो प्रासंगिक हो और लोगों की अपेक्षाओं पर खरी उतरे. आसियान शिखर सम्मलेन में नेता म्यांमार में शांति प्रयासों पर मतभेदों पर चिंताएं दूर करने का प्रयास करेंगे. विडोडो ने कहा, "आसियान इस बात पर सहमत है कि वह किसी भी शक्ति का पैरोकार नहीं बनेगा. हमारे मंच को ऐसे प्रतिद्वंद्विता के अखाड़े में न बदलें, जो विनाशकारी है. नेताओं के रूप में हमने यह सुनिश्चित किया है कि यह कारवां चलता रहे. शांति, स्थिरता और समृद्धि साथ में हासिल करने के लिए हमें इसका कप्तान बनना होगा."
म्यांमार का मसला
आसियान की स्थापना 1960 के दशक में हुई थी, जब शीत युद्ध चरम पर था. यह समूह राजनीतिक रूप से विविध है. साथ ही यह एकता और सदस्यों के आंतरिक मामलों में अहस्तक्षेप को प्राथमिकता देता है. लेकिन आलोचकों का कहना है कि जहां म्यांमार जैसे साथी सदस्यों के मुद्दों की बात आती है, वहां कार्रवाई का दायरा सीमित है. म्यांमार में 2021 में तख्तापलट के बाद सेना ने सत्ता पर कब्जा किया. जिसके दो साल बाद वहां हिंसा भड़की.
हालांकि आसियान ने म्यांमार के सैन्य नेताओं पर अपने यहां की उच्च स्तरीय बैठकों में भाग लेने से प्रतिबंध लगा दिया है. लेकिन इसी बीच इंडोनेशिया के साथ मतभेद उभर के सामने आए हैं. इंडोनेशिया आसियान शांति योजना को आगे बढ़ाने के लिए सभी पक्षों को शामिल करने का प्रयास कर रहा है. वहीं थाईलैंड म्यांमार के सैन्य नेताओं को शामिल करने की कोशिश कर रहा है. मलेशिया ने सोमवार को ऐसे जनरलों के खिलाफ "कड़े" कदम उठाने का आह्वान किया, जिनका कहना था कि उन्होंने आसियान शांति योजना में "बाधाएँ" पैदा की हैं.
गुट की प्रासंगिकता
इंडोनेशिया के पूर्व विदेश मंत्री मार्टी नटालेगावा ने कहा कि ब्लॉक को या तो चुनौतियों चुनौतियों के अनुरूप ढलना होगा, या फिर विस्मृति का जोखिम उठाना पड़ेगा. साथ ही बैठक पर चीन की संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ बढ़ती प्रतिद्वंद्विताका संकट भी मंडरा रहा है. जहां कुछ आसियान सदस्यों ने बीजिंग के साथ अपने राजनयिक, व्यापारिक और सैन्य संबंध को विक्सित करने पर अपना ध्यान केंद्रित किया है. वहीं अन्य सदस्य सिको लेकर ज्यादा सावधान हैं.
इंडोनेशिया के पूर्व विदेश मंत्री मार्टी नटालेगावा ने कहा कि ब्लॉक को या तो चुनौतियों चुनौतियों के अनुरूप ढलना होगा, या फिर विस्मृति का जोखिम उठाना पड़ेगा. साथ ही बैठक पर चीन की संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ बढ़ती प्रतिद्वंद्विता का संकट भी मंडरा रहा है. जहां कुछ आसियान सदस्यों ने बीजिंग के साथ अपने राजनयिक, व्यापारिक और सैन्य संबंध को विक्सित करने पर अपना ध्यान केंद्रित किया है. वहीं अन्य सदस्य सिको लेकर ज्यादा सावधान हैं. सप्ताह के अंत में आसियान नेता पूर्वी एशिया सम्मलेन की बैठक करेंगे. यह एक एक व्यापक मंच है जिसमें चीन,भारत, जापान, रूस, और संयुक्त राज्य अमेरिका भी शामिल है. हालांकि इस बार वार्ता में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बायडन शामिल नहीं हो रहे हैं. उनकी जगह उपराष्ट्रपति कमला हैरिस बजाय भाग लेंगी.
एचवी/एसबी (रॉयटर्स)