अमेरिकी अदालतः जलवायु परिवर्तन से सुरक्षा करे सरकार
१५ अगस्त २०२३अमेरिका के मोंटाना राज्य में नागरिकों की जलवायु परिवर्तन से सुरक्षा सरकारी एजेंसियों की कानूनी जिम्मेदारी होगी. पर्यावरण के लिए काम करने वाले कार्यकर्ताओं के पक्ष में अदालत ने यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया है.
मोंटाना की अदालत ने अपने फैसले में कहा कि जीवाश्म ईंधनों के विकास को इजाजत देकर सरकार लोगों के स्वच्छ और स्वस्थ पर्यावरण के संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन कर रही है. अदालत ने जीवाश्म ईंधनों के आकलन के लिए प्रयोग की जा रही नीति को असंवैधानिक करार दिया. इस नीति के तहत सरकारी एजेंसियों को जीवाश्म ईंधनों से होने वाले ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन के आकलन की इजाजत नहीं है.
अगर यह फैसला कायम रहता है तो विशेषज्ञों के मुताबिक यह ना सिर्फ अमेरिका बल्कि दुनियाभर में अदालतों के लिए एक कानूनी मिसाल बन सकता है. हालांकि मोंटाना सरकार ने कहा है कि वह फैसले के खिलाफ अपील करेगी.
ऐतिहासिक फैसला
दुनिया के अन्य देशों में भी अदालतों ने इस तरह के फैसले सुनाये हैं. कई मामलों में पर्यावरण कार्यकर्ताओं की हार भी हुई है. मसलन, ऑस्ट्रेलिया में स्कूली बच्चों ने जलवायु परिवर्तन रोकने को सरकार की कानूनी जिम्मेदारी बनाने के लिए मुकदमा किया था, लेकिन अदालत ने उनके खिलाफ फैसला दिया था.
मोंटाना की एक जिला अदालत की जज कैथी सीली ने अपने फैसले में लिखा, "मोंटाना में उत्सर्जन और जलवायु परिवर्तन राज्य के पर्यावरण और नुकसान की एक बड़ी वजह साबित हुआ है.” कानून के प्रोफेसर डेविड डाना कहते हैं कि यह फैसला युवा पर्यावरण कार्यकर्ताओं के लिए एक ‘महत्वपूर्ण जीत' है और अन्य राज्यों में भी इसे मिसाल के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा.
मोंटाना अमेरिका के उन चंद राज्यों में से है, जिनके संविधान में पर्यावरण सुरक्षा को कानूनन दर्जा मिला है. राज्य के अधिकारियों ने कई बार इस मुकदमे को खारिज करवाने की कोशिश की थी लेकिन जज सीली ने उन सारी कोशिशों को ही रद्द कर दिया.
पर्यावरण कार्यकर्ताओं की वकील जूलिया ऑल्सन ने एक बयान जारी कर कहा कि यह फैसला "मोंटाना, युवाओं, लोकतंत्र और जलवायु” के लिए बड़ी जीत है. उन्होंने कहा, "जबकि जीवाश्म ईंधनों की बदौलत पश्चिम में आग सुलग रही है, ऐसे में आज का फैसला इस पीढ़ी की अपने ग्रह को इंसान की विनाशकारी जलवायु उथल-पुथल से बचाने की दिशा में नया मोड़ साबित होगा.”
उधर मोंटाना की अटॉर्नी जनरल ऑस्टिन क्नुडसन की प्रवक्ता एमिली फ्लावर ने कहा कि यह फैसला बेहद अजीब है और इसके खिलाफ अपील की जाएगी. उन्होंने जज सीली की भी यह कहते हुए आलोचना की कि उन्होंने वादियों को करदाताओं के धन पर प्रसिद्धि पाने का नाटक करने की इजाजत दी.
मीडिया को दिये एक बयान में फ्लावर ने कहा, "मोंटाना के लोगों को जलवायु परिवर्तन के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता. यही कानूनी दलील एक दर्जन से ज्यादा राज्यों की अदालतों और संघीय अदालत में खारिज की जा चुकी है.”
युवाओं के तर्क
राज्य के वकीलों ने दलील दी थी कि अगर मोंटाना पूरी तरह कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन बंद कर दे तो भी वैश्विक स्तर पर कोई असर नहीं होगा क्योंकि वातावरण में तमाम राज्य और दुनियाभर के देश उत्सर्जन करते हैं. मोंटाना एक बड़ा कोयला और गैस उत्पादक क्षेत्र है.
जिन 16 पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने यह मुकदमा किया था, उनमें 5 से 22 साल तक के युवा शामिल थे. दो हफ्ते तक चली सुनवाई में उन्होंने दलील दी थी कि बढ़ते कार्बन उत्सर्जन के कारण तापमान में वृद्धिहो रही है, सूखा और जंगल की आग जैसे घटनाएं बढ़ रही हैं और पहाड़ों पर बर्फ में कमी आ रही है. उन्होंने कहा कि इन बदलावों का असर उनकी मानसिक और शारीरिक सेहत पर पड़ रहा है.
कार्बन उत्सर्जन को जलवायु परिवर्तन की सबसे बड़ी वजहों में से एक माना जाता है. इसी महीने नेशनल ओशियानिक एटमसफरिक एडमिनिस्ट्रेशन ने एक रिपोर्ट जारी कर कहा था कि हवा में कार्बन डाई ऑक्साइड का स्तर 40 लाख सालों के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच चुका है. अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी आईईए के मुताबिक ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन पिछले साल सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया था. हाल ही में वैज्ञानिकों ने कहा था कि 1880 के बाद से जुलाई अब तक का सबसे गर्म महीना रहा है.
वीके/एए (एपी, रॉयटर्स)