शव की पहचान में लगे 48 साल, हत्यारे का अब भी पता नहीं
१ नवम्बर २०२२मसाचुसेट्स के बीच पर मिले शव को "लेडी ऑफ ड्यून्स" नाम दिया गया था. अमेरिका की संघीय जांच एजेंसी एफबीआई ने डीएनए विश्लेषण, ऐतिहासिक दस्तावेज और वंशावली के बारे में रिसर्च करके पीड़ित महिला की पहचान की है. 1974 में यह हत्या क्यों, कैसे और किसने की, इसका रहस्य पुलिस अब भी नहीं सुलझा सकी है.
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कातिल का पता नहीं
पीड़ित महिला का नाम मैरी टेरी था और वह टेनेसी की रहने वाली थी. हत्या किए जाते वक्त उसकी उम्र 37 साल थी. सोमवार को बोस्टन में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान एफबीआई ने यह जानकारी दी. एफबीआई के स्पेशल एजेंट जो बोनावोलोंटा ने पत्रकारों से कहा, "रूथ एक बेटी, बहन, चाची, पत्नी और मां थी." बोनावोलोंटा ने लोगों से अनुरोध किया है कि किसी के पास भी अगर इस महिला से जुड़ी कोई जानकारी हो, तो वह उन्हें बताए.
एफबीआई ने टेरी की हत्या के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए एक बुलेटिन भी जारी किया गया है, जिसमें पीड़ित महिला की चार तस्वीरें हैं. बीते 48 सालों में यह केस बस इतना ही आगे बढ़ा है कि अब महिला की पहचान हो गई है.
बोनावोलोंटा ने कहा, "हमने रूथ को इस निर्मम हत्या की पीड़ित के रूप में पहचान तो लिया है, लेकिन इससे पीड़ित परिवार का दुख कम नहीं होगा...वह किसी चीज से नहीं हो सकता, लेकिन उनके कातिल की तलाश करते हुए शायद हम कुछ सवालों के जवाब दे सकें."
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पीड़ित महिला की पहचान
1974 में हत्या के बाद से ही जांच जारी है, लेकिन अब तक उनकी हत्या का कोई सुराग नहीं मिल सका है. इस मामले में कई संदिग्ध भी रहे हैं, लेकिन पुलिस को अब तक पीड़ित महिला का नाम भी पता नहीं था.
रूथ का शव 26 जुलाई, 1974 को मसाचुसेट्स के प्रोविंसटाउन में बीच पर मिला था. सिर पर वार करके रूथ को मारा गया था. शायद शव मिलने के कई हफ्ते पहले ही हत्या कर दी गई थी. उनके हाथ भी काट दिए गए थे. बोनावोलोंटा का कहना है कि शायद पहचान छिपाने के लिए ऐसा किया गया, "उनका सिर भी शरीर से लगभग अलग था." शव के आस-पास कोई हथियार नहीं मिला.
एफबीआई का कहना है कि अधिकारी कई दशकों की कोशिश के बाद भी पीड़ित की पहचान नहीं कर सके थे. इसके लिए गायब हुए लोगों की सूची से हजारों तस्वीरें और रिपोर्ट देखी गईं. स्थानीय लोगों से पूछा गया और मिट्टी के मॉडल बना कर उनका चेहरा तैयार करने की भी कोशिश की गई. आखिरकार इन्वेस्टिगेटिव जीनीयलॉजी यानी वंशावली की जांच ने काम किया. इसमें डीएनए सबूतों को सार्वजनिक दस्तावेजों और पारंपरिक जनीयलॉजी रिसर्च से जोड़ा जाता है.
एफबीआई को उम्मीद है कि एक-ना-एक दिन वो हत्या का रहस्य भी सुलझा लेगी.
एनआर/एसएम (एएफपी)