अब दिल्ली में गौ हत्या के संदेह पर हुई लिंचिंग
१३ अप्रैल २०२२घटना दिल्ली के द्वारका के पास स्थित छावला गांव के एक फार्म हाउस की है. मृतक राजाराम फार्म हाउस की रख रखाव के लिए वहां अपने परिवार के साथ रहते थे. 12 अप्रैल को कुछ लोग वहां घुस आए जिन्होंने खुद को गौ रक्षक बताते हुए राजाराम और उनके कुछ सहयोगियों पर गौ हत्या का आरोप लगाया और उनके साथ मार पीट की.
राजाराम को इतनी बुरी तरह से पीटा गया कि बाद में अस्पताल में उनकी मौत हो गई. उनकी उम्र करीब 40 साल बताई जा रही है. पुलिस ने कहा है कि उन्हें भी फार्म हाउस पर गौ हत्या और गौ मांस की बिक्री की खबर मिली थी जिसकी जांच के लिए एक टीम वहां जा ही रही थी, लेकिन कथित गौ रक्षक पहले पहुंच गए और कानून अपने हाथ में ले लिया.
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गौ रक्षा के नाम पर
पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल उठ रहे हैं. राजाराम की हत्या के आरोप में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है लेकिन गौ हत्या के आरोप में उनके घायल सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
उधर राजाराम के परिवार ने गौ हत्या के आरोपों से भी इनकार किया है. उनकी पत्नी ने बताया कि उनका परिवार वहां दूसरों की गायों की देखभाल करता है और अतिरिक्त आय के लिए उन गायों का दूध आस पास के घरों में बेचता है. कुछ पड़ोसियों ने भी पत्रकारों को बताया कि राजाराम दूध ही बेचता था.
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पिछले कुछ सालों में भारत में गौ रक्षा के नाम पर लोगों को पीट पीट कर मार देने के कई मामले सामने आए हैं. दिल्ली में यह इस तरह का पहला मामला है. इस तरह के मामलों को हिंदू राष्ट्रवाद की राजनीति से जोड़ कर देखा जाता है, जिसके तहत धर्म के नाम पर और भी घटनाओं को अंजाम दिया जाता है.
द्वारका में ही इससे पहले फरवरी 2020 में हिंदूवादी संगठनों के लोगों ने एक मस्जिद पर हमला किया था. अगस्त 2021 में द्वारका में ही हज हाउस के निर्माण के खिलाफ प्रदर्शन आयोजित किए गए थे. नवंबर 2021 में हिंदूवादी संगठनों के लोगों ने द्वारका में ही एक चर्च पर भी हमला किया था और वहां हो रही प्रार्थना सभा बंद करवा दी थी.