मास्क लगाने से होने लगी हैं ज्यादा चोरियां?
१२ अक्टूबर २०२०चांदनी चौक की दुकान में लटके मिले दो सराफा व्यापारी भाइयों अंकित और अर्पित की यादें अभी भी लोगों के मन में ताजा हैं, जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान हुए भारी नुकसान के बाद लोन देने वाले लोगों की प्रताड़ना से तंग आकर अपना जीवन खत्म कर लिया था.
ज्वेलर्स की मानसिक शांति को छीनने वाली केवल यही एक घटना नहीं है, बल्कि वे राष्ट्रीय राजधानी में और उसके आसपास हथियार धारी लुटेरों और डकैतों के भी शिकार हो रहे हैं. इतना ही नहीं, एनसीआर में दिन-दहाड़े दुकानों में घुसकर बंदूकधारियों द्वारा लूट करने के मामले भी सामने आए हैं, जिनमें विरोध करने पर लुटेरों ने गोली चलाने से भी परहेज नहीं किया.
सितंबर में अलीगढ़ में एक ज्वेलर के शोरूम में हुई डकैती का वीडियो वायरल हुआ था. इसी तरह इसी महीने की शुरुआत में ग्रेटर नोएडा के बादलपुर में एक 32 वर्षीय ज्वेलर को उस समय गोली मार दी गई थी, जब उसने अपनी दुकान पर एक सशस्त्र डकैती का विरोध करने की कोशिश की थी.
सितंबर में ही इंदिरापुरम में एक ज्वेलरी शॉप में पांच हथियारबंद लुटेरे बंदूक की दम पर दुकान मालिक से आठ लाख रुपये के सोने-चांदी के आभूषण लूटकर फरार हो गए थे. सिर्फ लूट और डकैती तक ही नहीं, हाल के दिनों में ज्वेलर्स अपहरण का भी शिकार हुए हैं. अक्टूबर में करोलबाग के ज्वेलर का फिरौती के लिए अपहरण किया गया था, जिसे दिल्ली पुलिस ने मेरठ से छुड़ाया था.
अधिकारियों के आश्वासन के बावजूद कई ज्वेलर्स को लगता है कि उनकी सुरक्षा के लिए पर्याप्त काम नहीं किए गए हैं. बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश सिंघल कहते हैं, "सराफा व्यापारियों को हथियार लाइसेंस के आवंटन में प्राथमिकता दी जानी चाहिए क्योंकि दिल्ली-एनसीआर ही नहीं, पूरे देश में ज्वेलर्स लूट का शिकार हो रहे हैं. कोविड के कारण स्थिति और बदतर हो गई है क्योंकि मास्क पहने हुए व्यक्ति को पहचानना मुश्किल होता है. अपराधियों को पकड़ने के लिए सराफा बाजारों में अतिरिक्त पुलिस की तैनाती की जानी चाहिए और ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगाने चाहिए."
इस बारे में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "हम अच्छी गुणवत्ता वाले सीसीटीवी कैमरों से सराफा दुकानों को कवर करने की पूरी कोशिश करते हैं. इसके लिए लगातार जांच की आवश्यकता होती है क्योंकि कई बार कैमरे की नजर पेड़ों या तारों की बढ़ती शाखाओं के कारण अवरुद्ध हो जाती है. इसके अलावा सराफा व्यापारियों को लगातार बैठकों के जरिए अपराधियों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली चालों और रणनीतियों से भी अवगत कराया जाता है."
रिपोर्टः जफर अब्बास/आईएएनएस
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