उत्तर कोरिया ने खुद को परमाणु शक्ति वाला देश घोषित किया
२८ सितम्बर २०२३उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया ने गुरुवार को इस बारे में जानकारी दी है. परमाणु कार्यक्रम पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के बावजूद उत्तर कोरिया ने अमेरिका, दक्षिण कोरिया और उनके सहयोगी देशों की चेतावनियों की अनदेखी करके इस साल रिकॉर्ड संख्या में मिसाइल परीक्षण किए हैं.एशियामें उत्तर कोरिया के पड़ोसी देश इसे लेकर काफी चिंतित हैं.
परमाणु हथियार वाला देश
उत्तर कोरिया को अपने परमाणु हथियार छोड़ने के लिए तैयार करने की कूटनीतिक कोशिशें अब तक नाकाम रही हैं. संविधान में बदलाव तो अब हुआ है लेकिन किम जोंग उन ने पिछले साल ही घोषणा कर दी थी कि उत्तर कोरिया एक "अपरिवर्तनीय" परमाणु हथियार वाला देश है.
उत्तर कोरिया की सरकारी समाचार एजेंसी केसीएनए के मुताबिक स्टेट पीपल्स एसेंबली की बैठक की शुरुआत में किम जोंग उन ने कहा कि उत्तर कोरिया की, "परमाणु शक्ति निर्माण की नीति देश के बुनियादी कानून की तरह स्थायी है, जिसे किसी को भी बदलने की इजाजत नहीं है." मंगलवार और बुधवार को स्टेट पीपल्स एसेंबली की बैठक हुई थी. यह काउंसिल बुनियादी तौर पर देश के संसद की तरह काम करती है हालांकि इसकी भूमिका औपचारिक ही है जो रबर स्टैंप की तरह इस्तेमाल की जाती है.
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अमेरिका का डर
किम जोंग उन का कहना है कि उत्तर कोरिया को अमेरिका और उसके सहयोगी देशों से खतरे को देखते हुए परमाणु हथियारों की जरूरत है. उन ने कहा कि अमेरिका ने, "कोरियाई प्रायद्वीप के पास अपनी रणनीतिक परमाणु सुविधाओं की तैनाती और स्पष्ट रूप से आक्रमणकारी स्वभाव के परमाणु युद्ध वाले संयुक्त युद्धाभ्यास के जरिए हमारे गणराज्य के लिए परमाणु युद्ध का खतरा अत्यधिक बढ़ा दिया है."
किम जोंग उन ने अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान के बीच हाल में बढ़े सुरक्षा सहयोग को "भयानक असल खतरा" करार दिया है. किम के मुताबिक इसके नतीजे में, "डीपीआरके के लिए यह बहुत जरूरी है कि वह परमाणु हथियारों के आधुनिकीकरण को तेज करे जिससे कि रणनीतिक निवारण की एक निश्चित धार हासिल की जा सके." किम जोंग उन ने परमाणु हथियारों के निर्माण को बढ़ाने और परमाणु हमले के तरीकों में विविधता लाने पर भी जोर दिया.
जापान का विरोध
पड़ोसी देश जापान का कहना है कि उत्तर कोरिया का परमाणु हथियार कार्यक्रम "पूरी तरह से अस्वीकार्य" है. गुरुवार को जापान के मुख्य कैबिनेट सचिव होरोकाजु मातसुनो ने कहा, "उत्तर कोरिया का परमाणु और मिसाइल विकास हमारे देश और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की सुरक्षा के लिए खतरा है. हम अमेरिका, दक्षिण कोरिया और बाकी अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिल कर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों को लागू कराएंगे और उत्तर कोरिया के परमाणु हथियारों को पूरी तरह से खत्म कराएंगे."
विशेषज्ञों का कहना है कि संविधान में उत्तर कोरिया को परमाणु हथियार संपन्न दर्जा देने के बाद देश के नेतृत्व को परमाणु हथियार छोड़ने के लिए तैयार करने की उम्मीदें कमजोर हो गई हैं.
उत्तर कोरिया ने इस साल जिन परमाणु हथियारों का परीक्षण किया है उनमें अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल भी हैं. उत्तर कोरिया ने इस साल दो बार सैन्य जासूसी उपग्रह भी कक्षा में स्थापित करने की नाकाम कोशिश भी की. उत्तर कोरिया के इन कदमों को देखते हुए दक्षिण कोरिया और अमेरिका ने सुरक्षा सहयोग बढ़ा दिया है. बड़े स्तर पर संयुक्त सैन्य अभ्यास किए जा रहे हैं और इसमें जापान भी शामिल हो रहा है.
एनआर/ओएसजे (एएफपी)