रिकॉर्ड बाढ़ के बाद स्वास्थ्य संकट के कगार पर पाकिस्तान
५ अक्टूबर २०२२पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद से आई ताजा रिपोर्टों में कहा गया है कि देश के विशेष रूप से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कई लाख नागरिक वर्तमान में ऐसी पेट की बीमारियों का सामना कर रहे हैं, जो पीने के पानी या दूषित खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल करने के कारण होती हैं.
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक तेद्रोस अधनोम गेब्रयेसुस ने स्विट्जरलैंड के जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र से पाकिस्तानी बाढ़ पीड़ितों को तत्काल सहायता के लिए एक नई अपील जारी करते हुए कहा, "पानी का बढ़ना बंद हो गया है, लेकिन खतरा नहीं . हम एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपदा के कगार पर खड़े हैं."
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तबाही की दूसरी लहर की आशंका
यूएन मानवीय राहत एजेंसियों ने बाढ़ प्रभावित लोगों तक राहत पहुंचाने के लिए 16 करोड़ डॉलर की धनराशि की अपील को बढ़ाकर अब 81 करोड़ 60 लाख डॉलर कर दिया है. पाकिस्तान के इतिहास में सबसे भीषण बाढ़ के परिणामस्वरूप इस साल जून के मध्य से अब तक न केवल दो हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, बल्कि कई लाख नागरिकों की जान अभी भी खतरे में है.
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक हैजा, मलेरिया और डेंगू बुखार जैसी कई बीमारियां वर्तमान में पाकिस्तान में तेजी से फैल रही हैं. खासकर सिंध प्रांत में जो पहले से ही बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित है और अब आपदा सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन गई है. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक हाल ही में इन बीमारियों के कारण 350 और नागरिकों की मौत हुई है. पाकिस्तान में आई बाढ़ के कारण देश की 3.3 करोड़ आबादी प्रभावित हुई है.
उनमें से लगभग आधे अभी भी विस्थापित होने के बाद अस्थायी आश्रयों में शरण लिए हुए हैं, जहां उनके पास स्वच्छ पेयजल और पर्याप्त शौचालय की सुविधा नहीं है.
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डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ने कहा, "अगर आने वाले हफ्तों में पाकिस्तान के लिए बड़े पैमाने पर सहायता नहीं जुटाई जाती है तो बाढ़ में मारे गए लोगों की तुलना में आने वाले हफ्तों में और अधिक लोगों की जान जा सकती है."
खाद्य संकट का सामना करेंगे लाखों
पाकिस्तान सरकार के आंकड़ों के मुताबिक देश भर में 84 जिले आपदा प्रभावित हैं, जिनमें अधिकांश बलूचिस्तान, सिंध और खैबर पख्तूनख्वाह में हैं. एक अनुमान के अनुसार 79 लाख लोग विस्थापित हुए हैं, जिनमें से छह लाख राहत शिविरों में रह रहे हैं.
यूएन मानवीय राहत एजेंसी ने एक और रिपोर्ट में कहा कि वर्तमान बाढ़ से पाकिस्तान में खाद्य असुरक्षा बढ़ने की संभावना है और सितंबर से नवंबर के बीच बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 57 लाख लोगों को खाद्य संकट का सामना करना पड़ेगा.
पाकिस्तान में मानवीय राहत समन्वयक जूलियन हारनिस ने जेनेवा में पत्रकारों से बातचीत के दौरान आशंका जताई कि बच्चों में बीमारियों के मामलों की संख्या में वृद्धि हो सकती है. उन्होंने सचेत किया कि मौजूदा परिस्थितियों में सहायता के अभाव में मलेरिया, डेंगू बुखार, कुपोषण की स्थिति गहराने का जोखिम है.
एए/वीके (एएएफी, डीपीए)