मोरक्को में भयंकर भूकंप ने ली सैकड़ों जानें, तलाश जारी
९ सितम्बर २०२३मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, झटकों का सबसे ज्यादा असर मराकेश शहर समेत एटलस पहाड़ों के पास बसे गांवों में हुआ है. 9 सितंबर की सुबह आंतरिक मंत्रालय ने बताया कि अबतक 1000 से ज्यादा लोग मारे गए हैं. इनमें से ज्यादातर मौतें मराकेश और आस-पास के पांच प्रांतों में हुईं. यही इलाका भूकंप का केंद्र भी था.
इसके अलावा 1200 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है. आशंका है कि मरने वालों की संख्या और भी ज्यादा हो सकती है. दूरदराज के इलाकों में राहतकर्मियों के पहुंचने और खोज-बीन शुरु करने के बाद स्थिति साफ होगी. मोरक्को टीवी पर हादसे के बाद की तस्वीरों में डरे हुए लोग और तबाह हुई संपत्ति का दर्दनाक मंजर दिख रहा है. हैरान-परेशान लोग अपने घरों से बाहर निकलकर सड़कों, फुटपाथों पर खड़े हैं. कुछ के हाथों में बच्चे हैं और कुछ अपना बचा-खुचा सामान हाथ में लिए हैं. आपातकालीन सेवाओं में लगे कर्मचारी मलबे में दबे जिंदा लोगों को ढूंढरहे हैं. भूकंप इतना तगड़ा था कि लोगों के घरों में बड़ी दरारें आ गई और टूटती इमारतों के टुकड़ों से कारें दब गईं.
स्थानीय मीडिया के मुताबिक, मराकेश में 12वीं शताब्दी की कुतुबिया मस्जिद को भी भारी नुकसान हुआ है. यह शहर की सबसे पुरानी पहचान है जिसे मराकेश की छत कहा जाता है.
मोरक्को के साथ संवेदना
मोरक्को में भूकंप के बाद दुनिया भर के नेताओं ने इस आपदा में मोरक्को की मदद की बात कही है. नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "हम प्रार्थना करते हैं कि सभी जख्मी लोग जल्दी ठीक हो जाएंगे. इस मुश्किल घड़ी में पूरी दुनिया मोरक्को के साथ है और हम हरसंभव मदद करने के लिए तैयार हैं. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मोरक्को के राजा किंग मोहम्मद छह को दिए अपने संदेश में कहा, "देश में आए इस भयानक भूकंप के त्रासद नतीजों पर कृपया मेरी संवेदनाएं स्वीकार करें. रूस, मोरक्को के लोगों की चिंता और दुख में भागीदार है. प्रभावितों के परिवारों और दोस्तों तक हमारी सहानुभूति पहुंचाएं. हम इस प्राकृतिक आपदा में जख्मी होने वालों के जल्द ठीक होने की कामना करते हैं."
तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोवान ने ट्विटर पर पोस्ट करके कहा कि हम मोरक्को के साथ खड़े हैं. इसके साथ ही जर्मनी की विदेश मंत्री अनालेना बेयरबॉक ने भी अपने बयान में मोरक्को के साथ खड़े रहने की बात दोहराते हुए कहा, "मोरक्को से हम तक दुखभरी तस्वीरें पहुंच रही हैं. मोरक्को के लोगों के तरह हम भूकंप में मरने वालों की मौत पर दुख व्यक्त करते हैं. हम उनके साथ हैं जो दबे हुए लोगों को ढूंढ रहे हैं और जिंदगियां बचाने की कोशिश में लगे हैं." इस्राएल के प्रधानमंत्री बेंजिमन नेतन्याहू ने भी हर मदद देने की बात कही है.
कैसी गुजरी डरावनी रात
भूकंप के भयानक झटके राजधानी रबात और कासाब्लांका में भी महसूस किए गए. मराकेश में रहने वाले 33 साल के अब्देलहक अल अमरानी ने समाचार एजेंसी एएफपी से बातचीत में कहा, "हमने बहुत भयंकर कंपकंपी महसूस की और मुझे लगा कि वह भूकंप था. हम इमारतों को हिलता हुआ देख सकते थे. सब सदमे में और डरे हुए थे. बच्चे रो रहे थे और माता-पिता बेहाल.” इसी तरह पेशे से इंजीनियर फैसल बद्दूर ने बताया, "बहुत से परिवार ऐसे हैं जो घरों से बाहर ही सो रहे हैं क्योंकि वह झटके की तीव्रता से बेहद डरे हुए थे."
एएफपी संवाददाता का कहना है कि मराकेश में सैंकड़ों लोग घर छोड़कर सड़कों के किनारे रात बिताने पहुंच गए. एक स्थानीय निवासी हुदा औतसफ ने बातचीत में कहा कि वह चौराहे के पास चल रहे थे जब जमीन हिलने लगी. वह बहुत डरावना अहसास था. हम ठीक हैं लेकिन मैं अब भी सदमे में हूं. मेंरे परिवार के करीब 10 लोग मारे गए. यकीन नहीं होता कि मैं दो दिन पहले तक उनके साथ था.
शहर का यूएसजीएस पेजर सिस्टर जो भूकंप के असर की शुरुआती जानकारी देता है, वह आर्थिक नुकसान का रेड अलर्ट दिखा रहा है. यानी भूकंप के चलते संपत्ति का बेहद नुकसान हुआ है और इसका असर बहुत दूर तक फैले होने की आशंका है. भूकंप के झटके पड़ोसी देश अल्जीरिया में भी महसूस किए गए हालांकि वहां किसी नुकसान की खबर नहीं है.
एसबी/आरएस(एपी, एएफपी, रॉयटर्स)