दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जुमा की सजा बरकरार
१४ जुलाई २०२३पूर्व राष्ट्रपति पर जरा रहम करने की दक्षिण अफ्रीकी जेल प्रशासन की अपील संवैधानिक न्यायालय ने खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा कि जुमा को रिहा करना गैरकानूनी होगा. भ्रष्टाचार के आरोप झेल रहे 81 साल के जुमा अभी अदालत की अवमानना के लिए जेल में बंद हैं. स्वास्थ्य संबंधी कारणों के चलते उनकी रिहाई को 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था.
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जेल प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ संवैधानिक कोर्ट में अपील की. लेकिन संवैधानिक अदालत ने पूर्व राष्ट्रपति को राहत के बजाए जेल सेवा और मुकदमे का कानूनी खर्च चुकाने का आदेश भी दिया.
गुप्ता बंधुओं के चक्कर में फंसे जुमा
दक्षिण अफ्रीका की आजादी के लिए लड़ने वाले जैकब जुमा 2009 से 2018 तक देश के राष्ट्रपति रहे. उन पर चल रहे मुकदमे कहते हैं कि उन्होंने अपने कार्यकाल में परिवारवाद को बढ़ावा दिया और कुछ लोगों के साथ मिलकर सरकारी खजाने को खसोटा. जुमा पर भारतीय मूल के कारोबारियों गुप्ता बंधुओं को गैरकानूनी तरीके से फायदा पहुंचाने के आरोप भी हैं. इन्हीं आरोपों के चलते जुमा को सत्ता से हटाया गया.
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इन आरोपों की जांच के लिए बनाई गई समिति के सामने पेश होने से इंकार करने के कारण 2021 में अदालत ने उन्हें अवमानना का दोषी करार दिया. तब उन्हें 15 महीने की जेल की सजा सुनाई. लेकिन आठ हफ्ते से भी कम समय में जुमा को मेडिकल परोल पर रिहा कर दिया गया. जेल प्रशासन के प्रमुख अर्थर फ्रैजर पर भी आरोप हैं कि उन्होंने व्यक्तिगत संबंधों के कारण जुमा पर मेहरबानी की.
ओएसजे/एसबी (डीपीए, एएफपी)