बड़ी टेक कंपनी ने निकाला, शुरू किया अपना स्टार्टअप
३ जनवरी २०२३नवंबर 2022 में निक जेर्मैन को फेसबुक की मालिकाना कंपनी मेटा में नौकरी करते हुए सिर्फ दो महीने ही हुए थे जब कंपनी ने उन्हें अचानक नौकरी से निकाल दिया. उस समय सिर्फ निक की ही नौकरी नहीं गई थी, बल्कि विज्ञापनों से कमाई में गिरावट की मार झेल रही मेटा ने अपने 13 प्रतिशत कर्मचारियों की छंटनी कर दी थी.
लेकिन निक कुछ ही दिनों बाद वापस काम पर लग चुके थे. फर्क इतना था कि इस बार वो अपनी कंपनी 'न्यूलिंक' के लिए निवेश खोज रहे थे और निवेशकों को ईमेल भेज रहे थे. 'न्यूलिंक' ब्लॉकचैन तकनीक पार आधारित एक पेमेंट कंपनी है और निक उसमें निवेश के लिए स्टार्टअप एक्सेलरेटर वाई कॉम्बिनेटर और आंद्रीसेन होरोविट्ज के क्रिप्टोकरेंसी फंड को पिच भेज चुके हैं.
1.5 लाख लोगों की नौकरी गई
24 साल के निक कहते हैं, "यह सुनने में शायद अजीब लगे लेकिन नौकरी चले जाने की वजह से मैं एक बेहद अच्छी स्थिति में आ गया. क्योंकि मुझे साइन-ऑन बोनस नहीं पड़ेगा, मुझे चार महीनों की तनख्वाह मिल गई और अब मेरे पास अपने प्रोजेक्ट पर ध्यान देने के लिए समय है."
वेंचर कैपिटलिस्टों के मुताबिक निक जैसे कई भावी उद्यमी हैं जो 2022 की दूसरी छमाही में अमेरिका की सिलिकॉन वैली में बड़ी संख्या में हुई छंटनी की राख से निकल खुद को खड़ा कर रहे हैं.
तकनीक क्षेत्र में छंटनियों पर नजर रखने वाली वेबसाइट लेऑफडॉटएफवाईआई के मुताबिक मेटा, माइक्रोसॉफ्ट, ट्विटर और स्नैप समेत कई अमेरिकी टेक कंपनियों ने 1.5 लाख से भी ज्यादा लोगों को नौकरी से निकाला है.
रिसर्च कंपनी पिचबुक के मुताबिक 2022 में वैश्विक स्तर पर वेंचर कैपिटल फाइनेंसिंग 33 प्रतिशत की गिरावट के साथ 483 अरब डॉलर पर पहुंच गई. वहीं शुरुआती चरण की फंडिंग काफी मजबूत रही और एंजेल निवेश या बीज निवेश के रूप में 37.4 अरब डॉलर का निवेश हुआ. यह 2021 में देखे गए रिकॉर्ड स्तर के आस पास ही था.
निवेशक भी तैयार
सैन फ्रांसिस्को के एक शुरुआती चरण के वेंचर फंड 'डे वन वेंचर्स' ने नवंबर में "फंडेड, नॉट फायर्ड" नाम की एक नई पहल की शुरुआत की जिसके तहत टेक नौकरियों से निकाले गए लोगों के स्टार्टअप को फंड किया जाएगा.
इस पहल का लक्ष्य था 2022 के अंत तक एक लाख डॉलर के 20 चेक काटना. 'डे वन' ने बताया कि उसे 1,000 से ज्यादा आवेदन मिले हैं, जिनमें से अधिकांश उन लोगों के हैं जिन्हें मेटा, स्ट्राइप और ट्विटर ने निकाल दिया था.
'डे वन' की सह-संस्थापक माशा बुचर कहती हैं, "हम 20 कंपनियों में बीस लाख डॉलर का निवेश कर रहे हैं - अगर इनमें से सिर्फ एक भी यूनिकॉर्न बन गई तो उस से सभी कंपनियों में निवेश किया हुआ लगभग पूरा पैसा वापस आ जाएगा. मुझे लगता है कि बतौर फंड मैनेजर यह हमारे लिए एक काफी अनूठा मौका है."
उन्होंने यह भी कहा, "पिछले आर्थिक साइकिल को देखने से नजर आता है कि स्ट्राइप, एयरबीएनबी, ड्रॉपबॉक्स जैसी कंपनियों का भी संकट में ही जन्म हुआ है."
गेमिंग और एआई का बाजार गर्म
नवंबर में ही फेसबुक, एट्सी और स्काइप को फंडिंग देने वाले मल्टी-स्टेज फंड 'इंडेक्स वेंचर्स' ने अपने दूसरे 'ओरिजिन्स' फंड की शुरुआत की, जो शुरुआती चरण की स्टार्टअप कंपनियों में 30 लाख डॉलर निवेश करेगा.
इसी बीच सिलिकॉन वैली के निवेशक यूएस वेंचर पार्टनर्स और ऑस्ट्रिया की वीसी कंपनी स्पीडइन्वेस्ट ने नई कंपनियों में निवेश के लिए इतनी ही राशि की घोषणा की है. निवेशकों ने रेखांकित किया कि गेमिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस समय बाजार काफी गर्म है.
इंडेक्स वेंचर्स में पार्टनर सोफिया डोल्फे ने बताया, "गेम डिजाइन में तरक्की, क्लाउड गेमिंग जैसे नए इनोवेशन और इस क्षेत्र में सोशल नेटवर्किंग के उदय की वजह से गेमिंग मुख्यधारा का हिस्सा बन गई है."
उन्होंने यह भी कहा, "आर्थिक अनिश्चितता के हर दौर में एक अवसर है - फिर से शुरू करने का, प्राथमिकताएं फिर से चुनने का और ऊर्जा और संसाधनों को फिर से केंद्रित करने का."
दूसरा डॉटकॉम बुलबुला
निक जेर्मैन कहते हैं कि उनका प्रोजेक्ट को वाई कॉम्बिनेटर ने ठुकरा दिया है. आंद्रीसेन होरोविट्ज से भी जवाब नहीं आया है लेकिन उन्होंने बताया कि दूसरे शुरुआती-चरण के निवेशकों ने रुचि दिखाई है. वो कहते हैं, "मैंने निवेशकों को कहा कि हम से दो या तीन महीने बाद बात करेंगे. मैं अब सिस्टम को स्केल करने पर ध्यान लगाऊंगा."
कुछ निवेशकों ने 2022 में आई मंदी की दूसरी सहस्त्राब्दी के शुरूआती सालों में आये डॉटकॉम क्रैश से तुलना की, जब अधिक मूल्य वाले दर्जनों स्टार्टअप बर्बाद हो गए थे. उसके बाद बाजार में कुशल कर्मचारियों की बाढ़ आ गई थी जिसकी वजह से फेसबुक और यूट्यूब जैसी नई कंपनियों की एक लहर आ गई थी.
निवेश कंपनी एक्सेल में मैनेजिंग पार्टनर हैरी नेलिस कहते हैं, "कई बड़ी कंपनियों का जन्म तुलनात्मक रूप से ज्यादा विकट हालात में हुआ था." नेलिस मानते हैं कि अभी जो लोग बेरोजगार हुए हैं उनमें से जोखिम उठाने वाली एक नई पीढ़ी का जन्म होगा.
गूगल के एक पूर्व कर्मचारी ने इन बड़ी टेक कंपनियों के लिए काम कर चुके उनके जैसे दूसरे लोगों की मदद का एक तरीका निकाला है. कैलिफॉर्निया में गूगल के लिए एक दशक से ज्यादा काम करने के बाद क्रिस्टोफर फॉन्ग ने 2015 में 'एक्सूग्लर' नाम का एक प्रोजेक्ट शुरू किया, जिसका उद्देश्य है गूगल के पूर्व कर्मचारियों को अपनी कंपनी शुरू करने में मदद करना.
तब से इस समूह की सदस्यता बढ़ कर 11,000 से भी ज्यादा हो गई. फॉन्ग ने रॉयटर्स को बताया कि इन बड़ी कंपनियों में काम करने का तजुर्बा नई कंपनियों के संस्थापकों को "एक मजबूत ब्रांड देता है जिसकी मदद से निवेशकों और भावी ग्राहकों से मिला जा सकता है और दूसरे लोगों को नौकरी पर रखा भी जा सकता है."
सीके/एए (रॉयटर्स)