सऊदी के एक बीच पर रंगीन होतीं शामें
२१ अक्टूबर २०२१बेहद रूढ़िवादी सऊदी अरब के समुद्र तट पर अपने प्रेमी के साथ पूरा दिन बिताना आस्मा के लिए अकल्पनीय था. अब 32 साल की आस्मा लाल सागर के सफेद रेतीले तटों पर अपने दोस्त के साथ डांस कर सकती हैं.
आस्मा इस बात से भी खुश हैं कि वह समुद्र तट पर अपने साथी के साथ डांस करते हुए पास के लाउडस्पीकर पर बजने वाले तेज संगीत का आनंद ले सकती हैं. यह सामाजिक परिवर्तन खाड़ी के इस इस्लामी साम्राज्य में शुरू हुए खुलेपन का एक उदाहरण मात्र है.
जानेंः पर्दा फैशन है या मजबूरी
हाल के दिनों में सऊदी अरब में हुए कई सामाजिक परिवर्तनों के दो मुख्य कारण हैं. इन परिवर्तनों के साथ-साथ जहां एक ओर अति कठोर सामाजिक ढांचे को आधुनिकता की सोच में बदला जा रहा है, वहीं तेल पर निर्भर अर्थव्यवस्था का विकल्प तैयार करना भी है.
खाड़ी देश के सामाजिक सुधार पर्यटन और घरेलू खर्च को प्रोत्साहित करके अपनी तेल-निर्भर अर्थव्यवस्था में विविधता लाने की इच्छा से प्रेरित हैं.
संगीत से बैन हटा, महिलाएं कर रहीं ड्राइविंग
सऊदी अरब में 2017 तक सार्वजनिक स्थानों पर संगीत पर प्रतिबंध लगा हुआ था. प्रतिबंध का सम्मान देश की धार्मिक पुलिस द्वारा सुनिश्चित किया जाता था. प्रतिबंध चार साल पहले हटा लिया गया था, इसके एक साल बाद महिलाओं को ड्राइविंग की इजाजत दी गई. अरब देश के अधिकांश बीचों में अभी भी पुरुषों और महिलाओं को अलग-अलग व्यवस्था है.
बीच पर इस तरह की छूट देश में पर्यटन और सार्वजनिक मनोरंजन को बढ़ावा देने के लिए अब तक उठाए गए कदमों में से एक है. 300 रियाल भुगतान करके आप जेद्दाह के पास प्योर बीच नामक एक समुद्र तट रिसॉर्ट में जा सकते हैं. यहां संगीत और डांस पर कोई प्रतिबंध नहीं है और आप समुद्र तट की सफेद रेत की सुंदरता का आनंद ले सकते हैं.
'सपना सच हो गया'
स्विमसूट के ऊपर नीले रंग की पोशाक पहने आस्मा ने एएफपी को बताया, "मैं अपने घर के पास इस समुद्र तट पर आकर बहुत खुश हूं. मैं मजे ले सकती हूं. हमारा सपना था कि हम यहां आएं और एक खूबसूरत वीकएंड बिताएं. अब वह सपना सच हो गया है."
जो लोग सऊदी अरब के प्योर बीच पर जाते हैं वे भी समुद्र में स्नान कर सकते हैं. महिलाओं ने बिकनी पहन रखी है और उनमें से कुछ हुक्का पी रही हैं. सूरज ढलने के साथ पास ही मंच पर पश्चिमी संगीत की धुन पर कलाकार नृत्य पेश करते हैं. एक जोड़ा एक दूसरे को गले लगाता देखा जा सकता है.
तस्वीरेंः सऊदी महिलाओं को मिले अधिकार
दूरगामी सामाजिक परिवर्तनों के फलस्वरूप सऊदी अरब में अब जो दृश्य देखने को मिल रहे हैं वे कई देशों में काफी सामान्य हैं, लेकिन इस अरब साम्राज्य में ऐसे दृश्य बहुत ही अलग और असामान्य लगते हैं क्योंकि सऊदी अरब शुरू से ही यह सख्त वहाबी मुस्लिम विचारधारा वाला एक रूढ़िवादी देश रहा है. इसके अलावा मक्का में काबा और मदीना में पैगंबर मोहम्मद की मस्जिद दुनिया में मुसलमानों के लिए सबसे पवित्र स्थानों में से दो हैं.
खुलता सऊदी समाज
इस देश में जेद्दाह और आसपास के क्षेत्र के बाहर प्योर बीच जैसे दृश्य कभी नहीं देखे गए. ऐसा इसलिए है क्योंकि जेद्दाह देश का वह इलाका है जहां खुलेपन का विचार सबसे ज्यादा प्रचलित है. सऊदी अरब का प्योर बीच जेद्दाह शहर के केंद्र से लगभग 125 किलोमीटर उत्तर में किंग अब्दुल्ला इकोनॉमिक सिटी में स्थित है.
मिस्र के हादिल उमर कहते हैं, "मैं यहां पला-बढ़ा हूं. कुछ साल पहले तक हमें संगीत सुनने की भी इजाजत नहीं थी. तो हमारे लिए यह स्वर्ग के समान है."
अपना खुद का कारोबार चलाने वाली एक युवा सऊदी महिला दीमा ने समुद्र तट पर संगीत पर डांस करते हुए एएफपी को बताया, "मुझे नहीं लगता कि मुझे अच्छा समय बिताने के लिए विदेश जाने की जरूरत है. यहीं सब है इसके लिए."
2017 में सत्ता में आए क्राउन प्रिंस और वास्तविक शासक मोहम्मद बिन सलमान के तहत देश परिवर्तन का अनुभव कर रहा है. लेकिन 'एमबीएस' ने महिला अधिकार कार्यकर्ताओं, मौलवियों और पत्रकारों को हिरासत में लेते हुए असंतोष पर व्यापक कार्रवाई शुरू की है. एक अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट ने उन पर इस्तांबुल में सऊदी वाणिज्य दूतावास में पत्रकार जमाल खशोगी की 2018 की नृशंस हत्या को मंजूरी देने का आरोप लगाया है.
एए/वीके (एएफपी)