कैसे पता चले कि बुखार हुआ है या कोरोना संक्रमण
७ जनवरी २०२२दुनिया भर में तेजी से फैलते कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट को अभी तक गंभीर रूप से बीमार करने वाला नहीं माना जा रहा है, पर इसकी रफ्तार डरावनी साबित हो रही है. दूसरी तरफ तमाम देशों में यह सर्दियों के मौसम का वक्त है. ऐसे में लोग सर्दी, जुकाम, बुखार के भी शिकार हो रहे हैं.
कभी लापरवाही, तो कभी गलतफहमी में लोग कोरोना संक्रमण को भी आम बुखार समझ लेते हैं, जिसके नतीजे गंभीर हो सकते हैं. अब बुखार और कोरोना वायरस के लक्षण हैं ही इतने मिलते-जुलते कि डॉक्टर और विशेषज्ञ इसका सटीक पता लगाने के लिए टेस्टिंग कराने का ही सुझाव देते हैं.
कैसे फैलते हैं वायरस और लक्षण
ठंड से बुखार लाने वाला वायरस, फ्लू और कोविड-19 एक ही तरह से फैलते हैं. जब वायरस नाक या मुंह के जरिए हमारे शरीर में चला जाता है. जब तक हमें अहसास होता है, हम संक्रमित हो चुके होते हैं. हां, किसी वायरस से कोई कितने वक्त में बीमार महसूस करना शुरू कर देगा, इसमें अलग-अलग समय लगता है.
कोरोना वायरस से संक्रमित होने वाले कुछ लोग बिल्कुल भी बीमार महसूस नहीं करते, जबकि हो सकता है कि वो दूसरों को वायरस से संक्रमित कर रहे हों. मेरीलैंड यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट रिसर्च प्रोफेसर क्रिस्टन कोलमैन बताती हैं कि फ्लू और कोविड-19, दोनों में ही खांसी, बुखार, थकान और मांसपेशियों में दर्द आम बात है. कोरोना के खास लक्षणों में स्वाद और महक न आना भी शामिल है.
अफवाहों से सावधानी की जरूरत
सामान्य बुखार होने पर ये लक्षण हल्के होते हैं. साथ में नाक बहना या गले में दर्द होने जैसी दिक्कतें भी होती हैं. फ्लू में लगभग हर मरीज को बुखार तो आता ही है. इंटरनेट और सोशल मीडिया पर आपको जो भी अफवाहें देखने-सुनने को मिल रही हों, पर ऐसा नहीं है कि इन दोनों वायरस ने मिलकर कोई नई बीमारी बना दी है. पर यह जरूर मुमकिन है कि आपको फ्लू और कोरोना संक्रमण एक साथ हो जाए. इस परिस्थिति को कुछ लोग 'फ्लूरोना' नाम दे रहे हैं.
आपको कोई भी दो संक्रमण एक साथ हो जाएं, तो यह खतरनाक तो है ही. कोलमैन कहती हैं कि इससे आपको दोनों के लक्षण महसूस होंगे और शरीर की हालत और खराब हो जाएगी. वह बताती हैं, "अगर इन्फ्लुएंजा के मामले बढ़ते रहे, तो अगले कुछ हफ्तों में हमें लोगों के एक साथ दो वायरस से संक्रमित होने के ज्यादा मामले देखने पड़ सकते हैं."
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दिसंबर की शुरुआत में हो रहे कुछ शोध में ये अनुमान लगाया गया था कि ओमिक्रॉन वेरिएंट में जब म्यूटेशन हुआ, तो इसने सामान्य बुखार फैलानेवाले वायरस का एक हिस्सा भी खुद में शामिल कर लिया. ऐसी रिपोर्ट्स आने के बाद इंटरनेट पर तमाम ऐसी अफवाहें फैलीं कि ओमिक्रॉन आम फ्लू है, जिसे नया नाम दे दिया गया है. बाद में इसका खंडन करनेवाली तमाम खबरें भी प्रकाशित हुईं. विशेषज्ञों ने मीडिया संस्थानों से बातचीत में कहा कि दोनों वायरस में कुछ समानताएं जरूर पाई जा रही हैं, लेकिन दोनों वायरस बिल्कुल अलग हैं, जिनका असर भी अलग होगा.
सबसे सटीक तरीका
तो अब जब तीन अलग-अलग वायरस से संक्रमित होने के बाद के लक्षण काफी मिलते-जुलते हैं, तो आपको कौन सा संक्रमण हुआ है, इसका पता लगाने के लिए टेस्टिंग ही सबसे अच्छा उपाय है. और सबसे जरूरी है डॉक्टर से सलाह लेना.
फ्लू का पता लगाने के लिए घर से सैंपल लेकर टेस्टिंग की सुविधा अपनी उतनी व्यापक रूप से उपलब्ध नहीं है, जितनी कोरोना की टेस्टिंग के लिए है, लेकिन कुछ फार्मेसी ऐसी भी हैं, जो एक साथ दोनों वायरस की टेस्टिंग की सुविधा भी देती हैं. इससे डॉक्टरों को भी सही सलाह देने में मदद मिलती है.
कोलमैन बताती हैं कि कई लैब एक ही सैंपल से अलग-अलग वायरस का पता भी लगा सकती हैं, लेकिन कोरोना के ज्यादा मामले आने की वजह से इन दिनों वे ऐसा करने में सक्षम नहीं हैं. वहीं वैक्सीन कोरोना संक्रमण से बचाव का सबसे सही उपाय है. यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन सलाह देता है कि आप फ्लू और कोविड-19 का टीका या बूस्टर डोज एक साथ भी ले सकते हैं.
वीएस/एमजे (एपी, रॉयटर्स)