जापोरिझिया परमाणु बिजलीघर को लेकर इतना संघर्ष क्यों
२० अक्टूबर २०२२अक्टूबर में सर्दियों की दस्तक के साथ यूक्रेन में घरों और दफ्तरों को गर्म रखने के लिए हीटिंग सिस्टम ऑन हो जाते हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो रहा है. रूस के हालिया हवाई हमलों की वजह की वजह से यूक्रेन के बिजली नेटवर्क को खासा नुकसान पहुंचा है. ब्लैकआउट से बचने के लिए अब पूरे देश में बिजली की कटौती की जा रही है. बिजली ग्रिड ऑपरेट करने वाले कंपनी यूक्रेनएर्गो के मुताबिक सरकारी दफ्तरों में भी सुबह 7 बजे से रात 11 बजे तक ये कटौती होती रहेगी. कंपनी ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर बिजली का इस्तेमाल कम नहीं किया गया तो ग्रिड पर बहुत ज्यादा लोड पड़ेगा और कई मशीनें जल सकती हैं.
7 अक्टूबर को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की जन्मदिन के दिन, रूस और क्रीमिया प्रायद्वीप को जोड़ने वाले पुल पर एक भीषण धमाका हुआ. विस्फोटकों से भरे ट्रक में हुए धमाके से पुल का एक हिस्सा सागर में गिर गया और दूसरे हिस्से को भी खासा नुकसान हुआ. हमले की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली, लेकिन यूक्रेन में कई जगहों पर रूसी पुल पर हुए हमले का जश्न मनाया गया. इसके बाद से ही रूस ने यूक्रेन पर हवाई हमलों की बौछार सी कर दी है. युद्ध के आठ महीने बाद अब रूस, रॉकेटों और ईरानी ड्रोनो से यूक्रेन की राजधानी कीव समेत कई अहम ठिकानों पर हमले कर रहा है.
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बिजली ग्रिडों और स्टेशनों पर हमले
रूसी हमले में यूक्रेन के पश्चिमी शहर लवीव का एक सबस्टेशन भी ध्वस्त हुआ है. शहर के मेयर का कहना है कि सबस्टेशन को रिपेयर करने में कई महीने लगेंगे. बुधवार रात टेलीविजन के जरिए देश को संबोधित करते हुए यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा, "क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को हाल में नुकसान पहुंचा है. आज ही दुश्मन ने तीन बिजली संयंत्रों को तबाह किया है."
गुरुवार को जेलेंस्की यूरोपीय संघ के एक सम्मेलन को संबोधित करने वाले हैं. माना जा रहा है कि इस दौरान वह बिजली संयंत्रों से जुड़ी मशीनें जुटाने की कोशिश भी करेंगे. सम्मेलन से एक रात पहले जेलेंस्की ने कहा, "सर्दियों को ध्यान में रखते हुए हम हर तरह की परिस्थितियों की तैयारी कर रहे हैं. हमें लगता है कि रूसी आतंक ऊर्जा संयंत्रों को तब तक निशाना बनाता रहेगा, जब तक कि हम अपने सहयोगियों की मदद से दुश्मन की मिसाइलें और ड्रोन 100 फीसदी गिराने में सफल नहीं होंगे."
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संघर्ष का अखाड़ा बना परमाणु बिजलीघर
दक्षिणी यूक्रेन के एनाहार्डिया शहर में यूक्रेन और यूरोप का सबसे बड़ा परमाणु बिजलीघर है. इसे जापोरिझिया परमाणु बिजलीघर कहा जाता है. करीब 50 हजार की आबादी वाले एनाहार्डिया शहर के लगभग 11 हजार लोग इस प्लांट में काम करते हैं. पूरी क्षमता पर काम करने पर यह प्लांट यूक्रेन के 40 लाख घरों को बिजली देता है. यह पूरे यूक्रेन की बिजली सप्लाई का 20 फीसदी हिस्सा है.
यही परमाणु बिजलीघर कई महीने से रूसी सेना के कब्जे में है. 24 फरवरी 2022 को यूक्रेन पर रूसी हमले के कुछ ही हफ्ते बाद रूस ने एनाहार्डिया में अपनी पसंद के नेता को मेयर भी नियुक्त किया, लेकिन मई 2022 एक बम हमले में उस मेयर की हत्या कर दी गई. इसके बाद से ही जापोरिझिया के परमाणु बिजलीघर को लेकर तल्ख संघर्ष छिड़ा है. अब पावर प्लांट के चारों तरफ रूसी टैंको, सैनिकों और स्नाइपरों का जमावड़ा है. यूक्रेन को लगता है कि रूस इस पावर प्लांट को यूक्रेन से काटकर अपने ग्रिड से जोड़ना चाहता है. यूक्रेनी सेना प्लांट को फिर से अपने नियंत्रण में लेना चाहती है, लेकिन इस अभियान में बड़ा जोखिम है. बमबारी या मिसाइल हमले से अगर प्लांट की बिजली सप्लाई कटी और बैक अप सिस्टम फेल हुआ तो बड़ा परमाणु हादसा हो सकता है.
डरावने अतीत की याद
परमाणु बिजलीघरों को एक झटके में बंद करना असंभव है. यह प्रक्रिया कई चरणों में धीरे धीरे की जाती है. जब तक प्लांट चालू रहता है, तब तक उससे पैदा होने वाली ऊर्जा का बाहर निकलाना जरूरी है, वरना प्लांट के रिएक्टर ओवरहीटिंग से पिघलने लगेंगे. 2011 की सुनामी के दौरान जापान के फुकुशिमा परमाणु बिजलीघर के साथ यही हुआ. अप्रैल 1986 में यूक्रेन के चेर्नोबिल न्यूक्लियर पावर प्लांट में भी बिजली की कटौती के अभ्यास के दौरान, दुनिया का सबसे बड़ा न्यूक्लियर पावर प्लांट हादसा हुआ.
बीते तीन महीनों से जापोरिझिया न्यूक्लियर पावर प्लांट भी ऐसे ही खतरे का सामना कर रहा है. रूस और यूक्रेन, एक दूसरे पर संयंत्र को जानबूझकर नुकसान पहुंचाने का आरोप लगा रहे हैं. रूस का कहना है कि वह परमाणु हादसे को रोकने के लिए हर मुमकिन कदम उठा रहा है. वहीं यूक्रेन का आरोप है कि रूस न्यूक्लियर रिएक्टर को हथियार की तरह इस्तेमाल करना चाहता है. परमाणु हादसे की आशंका को टालने के लिए सितंबर से वहां अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के पर्यवेक्षक तैनात किए गए हैं.
ओंकार सिंह जनौटी (रॉयटर्स)