अमेरिका में अश्वेत नागरिक की हत्या पर हिंसा
२९ मई २०२०यूएन की मानवाधिकार हाई कमिश्नर मिशेल बैचलेट ने अमेरिका के मिनेसोटा राज्य के मिनेपोलिस में अश्वेत नागरिक की पुलिस हिरासत में मौत की निंदा की है. उन्होंने अमेरिकी प्रशासन से निहत्थे अफ्रीकी-अमेरिकियों की हत्या को रोकने के लिए "गंभीर कार्रवाई" का आग्रह किया है.
सोमवार 25 मई को रेस्तरां में बतौर सिक्योरिटी गार्ड का काम करने वाले जॉर्ज फ्लॉयड को पुलिसकर्मियों ने हथकड़ी पहनाकर जमीन पर लिटा दिया था. यह घटना एक स्टोर के बाहर हुई थी. पुलिस अधिकारी ने फ्लॉयड को अपने घुटने से दबा रखा था और यह करीब पांच मिनट तक चलता रहा. इस दौरान फ्लॉयड ने पुलिस अधिकारी से दबाव के कारण सांस ना लेने पाने की भी शिकायत की लेकिन अधिकारी ने उनकी बात नहीं सुनी. अस्पताल ले जाने के बाद फ्लॉयड को मृत घोषित कर दिया गया. इस घटना में शामिल चार पुलिस अधिकारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है और मामले की जांच जारी है.
बैचलेट ने फ्लॉयड की मौत पर कहा, "यह अमेरिकी पुलिस अधिकारियों और जनता के सदस्यों द्वारा निहत्थे अफ्रीकी-अमेरिकियों की हत्याओं की लंबी फेहरिस्त में एक नया मामला है." बैचलेट ने पुलिस द्वारा अफ्रीकी-अमेरिकियों की हत्या के कई हाई प्रोफाइल मामलों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा,"
अमेरिकी प्रशासन को इस तरह की हत्याओं को रोकने के लिए गंभीर कार्रवाई करनी चाहिए. और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि जब इस तरह की घटनाएं होती हैं तो न्याय होना चाहिए. प्रक्रियाओं में बदलाव होना चाहिए और रोकथाम प्रणालियों को लागू किया जाना चाहिए. इसके अलावा जो पुलिस अधिकारी अत्यधिक बल इस्तेमाल का सहारा लेते हैं तो उन्हें अपराध के लिए दोषी ठहराया जाना चाहिए और उन्हें सजा होनी चाहिए. "
मिनेपोलिस में फ्लॉयड की मौत के बाद देशभर में आक्रोश का माहौल है. सड़क से लेकर सोशल मीडिया पर लोग इस घटना की निंदा कर रहे हैं. मिनेपोलिस में लगातार तीसरे दिन विरोध प्रदर्शन जारी रहा, जिसमें लूटपाट की घटनाएं और आगजनी शामिल थीं, पुलिस ने हिंसा पर उतारू भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे. राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने बुधवार को कहा है कि उन्होंने एफबीआई से मामले की जांच तेज करने को कहा है. एफबीआई के एक अधिकारी ने कहा है कि मामले की जांच करना "सर्वोच्च प्राथमिकता" है. स्थानीय पुलिस ने भी जॉर्ज के प्रियजनों से माफी मांगी है. मिनेपोलिस पुलिस प्रमुख मेडारिया एराडोंडो ने कहा, "मैं फ्लॉयड की मृत्यु से परिवार, समुदाय और उनके प्रियजनों को हुए दर्द, तबाही और क्षति के लिए माफी मांगता हूं."
मिनेपोलिस में नेशनल गार्ड तैनात
मिनेसोटा में लगातार तीसरे दिन हिंसा और आगजनी का दौरा जारी रहा. अश्वेत नागरिक की हत्या से गुस्साए लोगों ने मिनेपोलिस और सेंट पॉल में उग्र प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी उस पुलिस स्टेशन को निशाना बनाए जिसे पुलिसकर्मी छोड़ कर चले गए थे. प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड को हटाते हुए इमारत की खिड़कियों के शीशे तोड़ डाले और नारेबाजी की. कुछ ही देर में पुलिस स्टेशन आग के हवाले कर दिया गया और देखते ही देखते बड़ी भीड़ वहां जमा हो गई. कोरोना वायरस के बावजूद सैकड़ों लोगों ने मिनेपोलिस में मार्च निकाला जबकि सेंट पॉल में पुलिस ने बताया कि लूटपाट की घटनाएं हो रही हैं और आगजनी की कई रिपोर्ट मिली हैं.
गुरुवार देर शाम तक तीसरे पुलिस स्टेशन पर भारी संख्या में लोग जमा हो गए और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. मिनेपोलिस पुलिस ने एक बयान में कहा भारी भीड़ को देखते हुए गुरुवार रात को तीसरे पुलिस स्टेशन को खाली करा लिया गया. पुलिस अधिकारियों ने गुस्साए लोगों से कहा है कि फ्लॉयड की मौत के मामले की जांच जारी है और साथ ही चेतावनी भी दी कि हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी. सेंट पॉल के पुलिस प्रमुख टॉड एक्सटेल ने कहा, "हम जानते हैं कि लोगों में गुस्सा है. हम जानते हैं कि बहुत लोग दुखी हुए हैं लेकिन हम इसे अपराध करने के अवसर के रूप में इस्तेमाल करने वाले लोगों को बर्दाश्त नहीं कर सकते." मिनेपोलिस और सेंट पॉल शहर के अनुरोध के बाद मिनेसोटा के गवर्नर टिम वॉल्ज ने सैकड़ों नेशनल गार्ड को सुरक्षा के इंतजामों के लिए तैनात किया है. वॉल्ज ने कहा, "जॉर्ज फ्लॉयड की मौत में इंसाफ और सिस्टम में बदलाव होना चाहिए, ना कि और मौत और बर्बादी."
फ्लॉयड के परिवार ने पुलिस अधिकारी और वहां मौजूद तीन अन्य पर हत्या का मुकदमा चलाने की मांग की है. फ्लॉयड के भाई फिलोनिज फ्लॉयड ने एक चैनल से कहा, "मैं चाहता हूं कि चारों अधिकारियों पर हत्या का मुकदमा चले. मैं मृत्युदंड की मांग करता हूं. पिछले चार दिनों से मैं सो नहीं पाया हूं और जो चार अधिकारी हैं वे घर पर सो रहे हैं. मैं चाहता हूं कि वे सभी हत्या के मामले में गिरफ्तार हों."
फिलोनिज आगे कहते हैं, "लेकिन लोग टूट चुके हैं और उन्हें दर्द होता है क्योंकि वे काले लोगों को बार-बार मरता देख थक चुके हैं."
एए/सीके (रॉयटर्स, एएफपी)
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