प्रधानमंत्री मोदी पहुंचे यूएई
२९ जून २०२२जर्मनी में जी-7 देशों की बैठक में अतिथि के रूप में हिस्सा लेने के बाद मोदी भारत लौटने से पहले यूएई पहुंचे. उनकी यात्रा को हाल ही में पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी को लेकर हुए विवाद के परिदृश्य में महत्वपूर्ण माना जा रहा है. कुछ ही हफ्तों पहले बीजेपी की तत्कालीन प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ अभद्र टिप्पणी के विरोध में यूएई समेत कई इस्लामी देशों ने अपनी नाराजगी व्यक्त की थी.
सात जून को यूएई के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में "पैगंबर के अपमान की निंदा" की थी और "धार्मिक प्रतीकों का आदर करने, उनका निरादर ना करने और नफरती भाषण और हिंसा का मुकाबला करने की जरूरत को रेखांकित किया था." भारत में उस विवाद का असर अभी तक जारी है.
मोदी के यूएई पहुंचने पर यूएई के राष्ट्रपति और अबू धाबी के राजा शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाह्यान शाही परिवार के कुछ और सदस्यों के साथ उन्हें लेने हवाई अड्डे पर पहुंचे. इसे एक विशेष भाव बताते हुए, मोदी ने इस बारे में ट्वीट भी किया. दोनों नेता इससे पहले अगस्त 2019 में मिले थे जब मोदी अबू धाबी गए थे.
मोहम्मद बिन जायेद पिछले महीने ही उनके सहोदर भाई शेख खलीफा की मौत के बाद यूएई के राष्ट्रपति बने थे. मोदी ने मोहम्मद बिन जायेद से मिल कर शेख खलीफा की मौत पर अपनी संवेदना भी व्यक्त की.
दोनों की मुलाकात के बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दोनों ने "भारत-यूएई व्यापक सामरिक साझेदारी के विभिन्न आयामों की समीक्षा की."
दोनों नेताओं ने 18 फरवरी को एक वर्चुअल शिखर सम्मेलन में व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे जो एक मई से लागू हो चुका है. उम्मीद की जा रही है कि इस समझौते से दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश को और बढ़ावा मिलेगा.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक यूएई भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार और भारतीय निर्यात का दूसरा सबसे बड़ा बाजार है. वित्त वर्ष 2021-22 में दोनों देशों के बीच करीब 72 अरब डॉलर मूल्य का व्यापार हुआ.