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समानतासंयुक्त राज्य अमेरिका

वर्ल्ड बैंक के अपने यहां कर्मचारियों की हालत खस्ता

१८ अप्रैल २०२३

वर्ल्ड बैंक कहता है कि उसका मकसद दुनियाभर से गरीबी हटाना है लेकिन उसके अपने यहां काम करने वाले कर्मचारियों की हालत ऐसी है कि रोजमर्रा का खर्च भी पूरा नहीं हो पा रहा है.

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2023 Spring Meetings of the World Bank and International Monetary Fund
तस्वीर: Celal Gunes/AA/picture alliance

आंद्रे ब्लाँ पिछले करीब दस साल से वर्ल्ड बैंक में विश्व के बड़े-बड़े नेताओं को खाना परोस रहे हैं. उन्होंने सबसे धनी लोगों से लेकर सबसे ताकतवर लोगों तक को खाना खिलाया है. लेकिन उनकी अपनी हालत ऐसी है कि सैलरी आते ही खत्म हो जाती है और महीना मुश्किल से कटता है. उनकी सैलरी आज भी न्यूनतम आय के आसपास ही है.

इस हफ्ते दुनियाभर के कई बड़े नेता वॉशिंगटन डीसी में हैं, जहां गरीबी से लड़ने वाले संस्थान वर्ल्ड बैंक की बैठक होगी. ब्लाँ और उनके साथी कोशिश कर रहे हैं कि इस दौरान उनकी हालत पर भी किसी की नजर जाए.

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ब्लाँ और वर्ल्ड बैंक की रसोई में काम करने वाले उनके बहुत सारे साथी आर्थिक रूप से लगभग गरीबी में जी रहे हैं. वर्ल्ड बैंक फूड वर्कर्स की यूनियन के नेताओं का कहना है कि इन कर्मचारियों को कंपास ग्रुप नॉर्थ अमेरिका नामक एक कंपनी के जरिए ठेके पर रखा जाता है. यूनियन के मुताबिक ज्यादातर कर्मचारी सरकार से गरीबों को मिलने वाली सुविधाओं के भरोसे चल रहे हैं.

33 साल के ब्लाँ कहते हैं, "मन कसैला हो जाता है. वे दुनियाभर में घूमते हैं और योजनाएं बनाते हैं कि लोगों की मदद कैसे की जाए. लेकिन यहां (वॉशिंगटन) डीसी में उनके अपने सैकड़ों कर्मचारी हैं जिनकी हालत खराब है.”

गरीबी कैसे हटेगी?

हाल ही में लाल कमीज पहने इन कर्मचारियों ने वर्ल्ड बैंक के बाहर प्रदर्शन किया. जब यह प्रदर्शन चल रहा था, तब अंदर इमारत में स्थित एक दुकान पर टीशर्ट और बैग बिक रहे थे, जिन पर अंग्रेजी में ‘गरीबी हटाओ' जैसे नारे लिखे थे.

इमारत के भीतर स्थित रेस्तरां के सामने ही एक छोटी सी खूबसूरत तलैया है. उसके आस पास खाने के स्टॉल हैं जहां दुनिया के सबसे लजीज व्यंजन उपलब्ध हैं. एक सूप स्टेशन है जिसका नाम है लैडल एंड क्रस्ट. एक जगह पर मेडिटेरेनियन खाना मिलता है और बगल में ही जैपनीज फूड का स्टॉल है, जहां शेफ ऑर्डर मिलने पर एकदम ताजा रोल्स और साशिमी बनाकर देता है.

जब बाहर प्रदर्शन हो रहा था, तब वर्ल्ड बैंक भारत, बांग्लादेश, भूटान और श्रीलंका से आए अपने विशेष मेहमानों को डाइनिंग रूम में ये लजीज व्यंजन परोस रहा था. दिलचस्प बात है कि खाना परोसने का काम करने वाले कर्मचारियों में बहुत से इन्हीं देशों से हैं.

दस साल काम का फल

ब्लाँ बताते हैं कि वह दस साल से वहां काम कर रहे हैं और उन्हें 18 डॉलर यानी करीब 1,500 रुपये घंटा मिलते हैं. अमेरिका में न्यूनतम आय 16.10 डॉलर प्रति घंटा है. वह कहते हैं कि दुनिया के सबसे अहम लोगों को खाना परोसने वालों को न्यूनतम आय से ज्यादा सैलरी भी नहीं मिलती. उनकी तन्ख्वाह एक बार में 50 सेंट से ज्यादा कभी नहीं बढ़ाई गई.

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ब्लाँ ‘युनाइट हेयर' नामक एक संगठन के सदस्य हैं. वह वर्ल्ड बैंक में काम करने वाले उन 150 कर्मचारियों में से एक हैं, जिन्हें कंपास के जरिए ठेके पर रखा गया है. फिलहाल वे अपने नियोक्ताओं के साथ बेहतर वेतन और स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर मोलभाव कर रहे हैं.

वर्ल्ड बैंक के प्रवक्ता डेविड थीअस कहते हैं कि हालांकि बैंक यूनियन और कंपास के बीच की बातचीत का हिस्सा नहीं है, फिर भी संस्थान कर्मचारियों की सेवाओं के लिए उनका ‘भरपूर सम्मान' करता है. उन्होंने कहा कि बैंक ने यह सुनिश्चित किया था कि कोविड महामारी के दौरान कर्मचारियों को लगातार वेतन मिलता रहे.

कितने होते हैं 18 डॉलर?

भले ही दुनिया के कुछ हिस्सों में 18 डॉलर यानी करीब 1,500 रुपये प्रति घंटा का वेतन अच्छा खासा नजर आता हो, वॉशिंगटन डीसी शहर में एक सामान्य जीवन जीने के लिए यह नाकाफी है. मसैचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के ‘लिविंग वेज' इंडेक्स के मुताबिक वॉशिंगटन डीसी में आम जिंदगी जीने के लिए प्रतिघंटा 22.15 डॉलर न्यूनतम का वेतन होना चाहिए.

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1 जुलाई से वॉशिंगटन डीसी में न्यूनतम वेतन 17 डॉलर हो जाएगा, जो अमेरिका में सर्वाधिक होगा. एक रिपोर्ट के मुताबिक शहर में औसत किराया 2,571 डॉलर है.

युनाइटेड हेयर के अध्यक्ष डी. टेलर वर्ल्ड बैंक के गरीबी हटाने की मुहिम पर सवाल उठाते हुए कहते हैं, "वर्ल्ड बैंक कहता है कि हर देश के सबसे गरीब 40 फीसदी लोगों के वेतन में वृद्धि करके साझा उन्नति उसका लक्ष्य है. हम कहते हैं कि इसकी शुरुआत यहां अमेरिका में खाना परोसने वाले कर्मचारियों से होनी चाहिए. वे हर रोज काम करते हैं और फिर भी अपने रोजमर्रा के खर्चे तक पूरे नहीं कर पा रहे हैं.”

कंपास ग्रुप की प्रवक्ता लीजा क्लेबोन ने कहा कि उनकी कंपनी एक न्यायसंगत समझौता करने के लिए बातचीत कर रही है. उन्होंने कहा कि कंपनी का इतिहास रहा है कि ‘कर्मचारियों और ग्राहकों के लिए सवर्श्रेष्ठ हासिल किया जाए.'

वीके/एए (रॉयटर्स)

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