मैर्केल को कोरोना हो गया तो जर्मनी को कौन चलाएगा?
२४ मार्च २०२०अंगेला मैर्केल बीमार ना हो जाएं, इसके लिए एहतियातन उन्हें निमोनिया का टीका लगाया गया. लेकिन बाद में पता चला कि जिस डॉक्टर ने टीका लगाया था वही कोरोना से संक्रमित था. इसके बाद से चांसलर मैर्केल अपने घर में क्वॉरंटीन में हैं. दुनिया के बाकी लाखों कर्मचारियों की तरह वे भी होम ऑफिस से काम कर रही हैं. लेकिन क्या हर फैसला घर बैठे लिया जा सकता है? और अगर मैर्केल बीमार हो गईं, तो फैसले कौन लेगा? खास कर ऐसे हाल में जब हर दिन कोरोना के हजारों नए मामले सामने आ रहे हैं, देश को नेतृत्व की बहुत जरूरत है.
जर्मनी के लिए घबराने वाली कोई बात नहीं है क्योंकि ऐसी स्थिति के लिए पूरा सिस्टम तैयार है. मैर्केल के टेस्ट रिजल्ट अगर पॉजिटिव भी निकलते हैं, तो भी वे जब तक चाहें अपना काम जारी रख सकती हैं. अगर उनकी तबियत बहुत ज्यादा बिगड़ जाती है, तो भी उनका मंत्रिमंडल काम करना जारी रखेगा.
जर्मनी के संविधान के अनुच्छेद 69 के अनुसार, "चांसलर मंत्रिमंडल में से एक मंत्री को अपने डिप्टी के रूप में चुन सकती हैं." फिलहाल वह डिप्टी हैं वित्त मंत्री ओलाफ शॉल्त्स. मैर्केल की अनुपस्तिथि में वे ही उनका प्रतिनिधित्व करते हैं.
संविधान में "वाइस चांसलर" जैसे पद का कोई जिक्र नहीं है. लेकिन चांसलर के डिप्टी को आम बोलचाल की भाषा में वाइस चांसलर ही कहा जाता है. सैद्धांतिक रूप से मैर्केल के पास अपनी सीडीयू पार्टी या फिर सहयोगी पार्टी सीएसयू से किसी को चुनने का विकल्प है लेकिन व्यावहारिक रूप से डिप्टी चांसलर गठबंधन सरकार की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी से ही आता है. इस वक्त वह पार्टी है एसपीडी और ओलाफ शॉल्त्स उसी से नाता रखते हैं.
चांसलर के बीमार होने की स्थिति में डिप्टी चांसलर कई हफ्तों या कई महीनों तक उनकी जगह ले सकता है. संविधान के अनुच्छेद 8 के अनुसार अगर चांसलर अपना काम करने की हालत में नहीं होती हैं तो डिप्टी चांसलर सरकार के सारे काम संभाल सकते हैं. ऐसे में मैर्केल को यह तय करने का अधिकार है कि उनका डिप्टी उनके कितने कामों को अपने हाथ में लेगा.
लेकिन अगर ओलाफ शॉल्त्स भी संक्रमित पाए जाते हैं तो क्या? आखिरकार वे मैर्केल के करीबी हैं और दोनों मिल कर काम करते रहे हैं. ऐसे में मुमकिन है कि अगर मैर्केल कोरोना पॉजिटिव पाई जाती हैं तो उन्होंने अपने मंत्रिमंडल के मंत्रियों को भी संक्रमित किया हो. जर्मनी में आज तक कभी ऐसी स्थिति पैदा नहीं हुई है. लेकिन फिर भी सैद्धांतिक रूप से इसकी भी व्यवस्था है. ऐसे में आर्थिक मामलों के मंत्री पेटर आल्टमायर उनकी जगह लेंगे. जर्मनी में ऐसा कभी नहीं हुआ कि कोई चांसलर लंबे समय तक अपने कार्यालय से दूर रहा हो.
इसी तरह से मंत्रिमंडल के हर मंत्री के पास अपना एक डिप्टी होता है ताकि किसी भी हाल में सरकार का काम ना रुके. कुल मिला कर चांसलर मैर्केल के बीमार होने की स्थिति में भी देश बिना नेतृत्व के नहीं होगा और सब काम यूं ही चलते रहेंगे.
इस बीच टेस्ट के नतीजे आ गए हैं और मैर्केल कोविड19 वायरस से संक्रमित नहीं हैं.
रिपोर्ट: मार्सेल फुएर्स्टेनाउ/आईबी
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