अमेरिका में एलजीबीटी लोगों के लिए बुरा साल
१२ मई २०२१ह्यूमन राइट्स कैंपेन (एचआरसी) ने इसके लिए अमेरिका के राज्यों द्वारा लाए गए उन दर्जनों कानूनों को जिम्मेदार बताया जो समलैंगिक और ट्रांसजेंडर अधिकारों से संबंधित हैं. संस्था ने बताया कि इस साल अभी तक अलग अलग राज्यों में 18 "एलजीबीटीक्यू-विरोधी" बिलों को पास कर कानून बना दिया गया है. एचआरसी के मुताबिक यह स्थिति 2015 से भी ज्यादा गंभीर है. 2015 में इस तरह के 15 कानून बनाए गए थे. संस्था ने इसे एलजीबीटी+ समुदाय पर एक "अभूतपूर्व हमला" बताया.
इनमें से सात कानून ट्रांस बच्चों को खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने से रोकते हैं और बाकी ट्रांस युवाओं के लिए मेडिकल देखभाल पर रोक लगाते हैं और अभिभावकों को अनुमति देते हैं कि वो स्कूल में अपने बच्चों को एलजीबीटी+ संबंधित विषयों से दूर रखें. संस्था ने बताया कि राज्य विधायिकाओं में इस साल एलजीबीटी+ अधिकारों से संबंधित 250 से भी ज्यादा बिल लाए गए, जिनसे अमेरिका में एलजीबीटी+ समर्थकों और रूढ़िवादियों के बीच चल रहे एक भयंकर युद्ध का पता चलता है.
इसमें रूढ़िवादियों का साथ कुछ धार्मिक समूह भी दे रहे हैं. एचआरसी के अध्यक्ष अल्फोंसो डेविड ने एक बयान में कहा, "इस संकट को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. यह जरूरी है कि वो सब लोग जो इस पर कुछ बोल सकते हैं वो कुछ ठोस कदम उठाएं. ये विधेयक ना सिर्फ नुकसानदायक और भेदभावपूर्ण हैं, ये हमारे लोकतंत्र और चुने हुए नेताओं द्वारा उनके मतदाताओं की सुरक्षा और सेवा करने की प्रतिबद्धता की विफलता भी दिखाते हैं."
इन कदमों के समर्थकों का कहना था कि वो स्कूलों में लड़कियों और महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करना चाहते थे और युवाओं को ऐसे मेडिकल फैसले लेने से रोकना चाहते थे जिन पर उन्हें बाद में पछतावा होता. हालांकि कई राज्यों की विधायिकाओं द्वारा एलजीबीटी+ अधिकारों को सीमित करने वाले कानून पास किए गए हैं, राष्ट्रपति जो बाइडेन की सरकार ने कार्यकारी आदेशों के जरिए इन अधिकारों का और विस्तार किया है.
शपथ लेने के शुरूआती दिनों में ही बाइडेन ने केंद्रीय एजेंसियों को लैंगिक अल्पसंख्यकों को बराबरी के अधिकार देने और अमेरिका के ट्रांस नागरिकों को सेना में भर्ती होने की अनुमति देने के आदेशों पर हस्ताक्षर किए थे.
सीके/एए (थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन)