आईसीसी ने पाकिस्तानी क्रिकेटरों पर पाबंदी लगाई
५ फ़रवरी २०११कतर के दोहा शहर में आईसीसी के भ्रष्टाचार निरोधी ट्राइब्यूनल ने अपने फैसले में तीनों क्रिकेटरों को स्पॉट फिक्सिंग का दोषी माना है. सलमान बट पर दस साल की पाबंदी लगाई गई है जिसमें से पांच साल की निलंबित पाबंदी है जबकि मोहम्मद आसिफ की सात साल पाबंदी में से दो साल निलंबित प्रतिबंध के हैं. मोहम्मद आमेर को पांच साल की पाबंदी झेलनी होगी.
अपने एक बयान में ट्राइब्यूनल ने कहा, "ट्राइब्यूनल में इस बात पर सहमति बनी कि आमेर ने नो बॉल फेंकी, और बट भी नो बॉल फेंकने के उन फैसलों में शामिल रहे. ट्राइब्यूनल ने सलमान बट के दस साल तक क्रिकेट खेलने पर पाबंदी लगाई है. अगर बट आचार संहिता का उल्लंघन नहीं करते तो दस साल में से पांच साल की पाबंदी निलंबित पाबंदी है. उन्हें पीसीबी के भ्रष्टाचार निरोधी कार्यक्रम का हिस्सा बनना होगा. मोहम्मद आसिफ पर सात साल की पाबंदी है जिसमें से दो साल की सजा निलंबित सजा है बशर्ते के वह आचार संहिता का उल्लंघन न करें. आमेर को पांच साल की पाबंदी झेलनी है."
किसी अन्य पाकिस्तानी खिलाड़ी को सजा नहीं दी गई है. लगातार दूसरे दिन पाकिस्तान के इन तीन खिलाड़ियों को अपने क्रिकेट करियर में मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है. इससे पहले शुक्रवार को ब्रिटेन में अभियोजन पक्ष ने तीनों क्रिकेटरों और स्पोर्ट्स एजेंट मजहर मजीद पर स्पॉट फिक्सिंग मामले में आरोप तय कर दिए.
तीनों खिलाड़ियों और एजेंट को 17 मार्च को लंदन की अदालत में पेश होने के लिए कहा गया है. सलमान बट, मोहम्मद आसिफ और मोहम्मद आमेर ने अब तक स्पॉट फिक्सिंग में शामिल होने से इनकार किया है. आईसीसी ने तीनों खिलाड़ियों को केस में कोई फैसला आने तक निलंबित कर दिया था.
पिछले साल ये तीनों खिलाड़ी तब आरोपों के घेरे में आए जब ब्रिटिश अखबार न्यूज ऑफ द वर्ल्ड ने स्टिंग ऑपरेशन में आरोप लगाया कि पैसे लेकर पहले से तयशुदा समय पर नो बॉल फेंकी गई. यह मामला लॉर्ड्स में इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए चौथे टेस्ट मैच का है.
आरोपों के सामने आने के बाद मामले की जांच स्कॉटलैंड यार्ड ने की. सलमान बट के कमरे से हजारों पाउंड भी बरामद हुए लेकिन उन्होंने अपना यह कहकर बचाव किया कि यह उन्हें मिलने वाला भत्ते का पैसा है. फिक्सिंग के आरोपों में घिरने के बाद तीनों खिलाड़ियों को सीरीज के बीच में से ही टीम से निकाल दिया गया था.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: ए कुमार